नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल में हिंसक प्रदर्शन, इंटरनेट सेवा बंद
नई दिल्ली ( nainilive.com)- नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. तीसरे दिन भी नदिया, उत्तर 24 परगना और हावड़ा जिलों से हिंसा की घटनाएं हुईं. उत्तर 24 परगना और नदिया जिलों के अमदंगा और कल्याणी इलाके में प्रदर्शनकारियों ने कई रास्तों को जाम कर दिया और सड़कों पर आगजनी की.
इस बीच प्रशासन ने सोशल मीडिया पर अफवाहों और फर्जी खबरों पर रोक लगाने के लिए मालदा, मुर्शिदाबाद, हावड़ा, उत्तरी 24 परगना में और दक्षिणी 24 परगना के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी हैं. सीएम ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेताओं की अपील के बाद भी राज्य में हिंसा की घटनाएं थम नहीं रही हैं. देगंगा इलाके में दुकानों में तोड़-फोड़ करने के साथ ही टायर जलाए गए. नदिया में, प्रदर्शनकारियों ने कल्याणी एक्सप्रेस हाइवे को जाम कर दिया और कुछ ने संशोधित कानून की प्रतियां जलाईं. इसी तरह के विरोध प्रदर्शनों की खबर हावड़ा जिले के दोमजुर इलाके, बर्धमान और बीरभूम के कुछ हिस्सों से मिली, जहां प्रदर्शनकारियों ने रैलियां निकालीं और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
मौके पर भेजी गई पुलिस
स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए पुलिस की बड़ी टुकड़ियों को मौके पर भेजा गया. हालांकि, खबरों के मुताबिक, पिछले दो दिनों के उलट, हावड़ा-सियालदह और खड़गपुर खंडों पर ट्रेनों की आवाजाही सामान्य रही. इधर, एक अधिकारी ने कहा, ‘बार-बार अनुरोध करने के बावजूद कुछ सांप्रदायकि शक्तियां हिंसक प्रदर्शन कर रही हैं. ऐसे में प्रशासन ने राज्य के 5 जिलों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है. तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने शांति की अपील की है और प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त किया कि संशोधित कानून राज्य में लागू नहीं होगा. चटर्जी ने कहा, ‘हम हर किसी से शांति बनाए रखने की अपील करेंगे. हम आपको आश्वासन दे सकते हैं कि कानून राज्य में लागू नहीं किया जाएगा.’
बीजेपी के प्रदेश महासचिव सायंतन बसु ने सत्तारूढ़ पार्टी पर राज्य में खराब होती कानून-व्यवस्था को नियंत्रण में करने के लिए बहुत कम प्रयास करने का आरोप लगाया. संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ राज्य के कई हिस्सों में पिछले दो दिनों से हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं जहां प्रदर्शनकारियों ने रेलवे स्टेशनों को आग लगाने के साथ ही सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है.
स्थानीय लोगों में यह डर
संशोधित कानून से समूचे पूर्वोत्तर भारत और पश्चिम बंगाल में आक्रोश है. स्थानीय लोगों को डर है कि यह अवैध आव्रजन की समस्या को और बढ़ा देगा. संशोधित कानून के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना झेलने वाले और 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आने वाले गैरमुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी.
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