उत्तराखंड के सपूत शहीद राहुल को विदाई देने उमड़ा जनसैलाब

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चंपावत ( nainilive.com )- देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले चम्पावत जिले के शहीद सैनिक राहुल रैंसवाल का पार्थिव शरीर गुरूवार को उनके घर पहुंचा तो उन्हेें तिरंगे में लिपटा देख कर वहां मौजूद हर आंख नम हो गई। अपने 24वें जन्मदिन पर देश के लिए शहादत देने वाले उत्तराखंड के इस लाल की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। शहीद राहुल का आठ माह का मासूम बच्चा है, जिसे नहीं पता कि अब उसके पिता कभी उठेंगे या नहीं। वहीं, शहीद की मां अब तक बेसुध है। पिता ने बहादुरी का संदेश देते हुए अपने बेटे की शहादत पर संदेश दिया है। शहीद की अंतिम यात्रा में इस दौरान एक जन सैलाब उमड़ पड़ा।

उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए राहुल सिंह रैंसवाल के घर में शहादत के बाद देशभक्ति का ज्वार बह रहा है। सेना में रह चुके शहीद के पिता वीरेंद्र सिंह रैंसवाल कहते हैं-  ‘मैं भी अगर राहुल के साथ होता तो चार आतंकियों को तो मार ही देता।’ वह कहते हैं कि अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दिया जाए। वहीं जवान राहुल  की शहादत की खबर सुनते ही लोग बुधवार की सुबह से ही परिवारीजनों को सांत्वना देने के लिए शहीद के कनलगांव स्थित आवास पर पहुंच गए थे। मां हरू देवी, पत्नी प्रीति सहित परिवार के लोगों का रो-रो कर बुरा हाल है। लखनऊ में 15 कुमाऊं में तैनात शहीद राहुल सिंह रैंसवाल के बड़े भाई राजेश सिंह रैंसवाल अपनी पत्नी और शहीद की पत्नी प्रीति के साथ सुबह साढ़े नौ बजे घर पहुंचे।अंतिम दर्शन के बाद पूरे सैन्य सम्मान के साथ डिप्टेश्वर घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया। राहुल सिंह रैंसवाल की शहादत की खबर सुनकर लोग परिवारजनों को सांत्वना देने के लिए उनके घर पहुंच गए। शहीद की अंतिमयात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा।

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