पूरे देश में NRC को लागू किया जाएगा, इससे किसी को डरने की जरूरत नहीं: अमित शाह

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नई दिल्ली (nainilive.com)- संसद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा बयान दिया है. राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर के हालात पर सांसदों के सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कश्मीर में अब हालात सामान्य हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि पूरे देश में NRC को लागू किया जाएगा और इससे किसी को डरने की जरूरत नहीं है. एनआरसी मुद्दे पर राज्यसभा में विपक्ष के आरोपों पर जवाब देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि धर्म के आधार पर किसी को डरने की जरूरत नहीं है. धर्म के आधार पर NRC में भेदभाव किए जाने की आशंका को खारिज करते हुए अमित शाह ने कहा कि एनआरसी के आधार पर नागरिकता की पहचान सुनिश्चित की जाएगी और इसे पूरे देश में लागू करेंगे. उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म विशेष के लोगों को इसके कारण डरने की जरूरत नहीं है. यह एक प्रक्रिया है जिससे देश के सभी नागरिक एनआरसी लिस्ट में शामिल हो सकें.

अमित शाह ने कहा कि NRC से किसी को भी डरने की जरूरत नहीं. गृहमंत्री ने आगे कहा कि एनआरसी में धर्म विशेष के आधार पर भेदभाव नहीं होगा. उन्होंने सांसदों को भरोसा दिलाया कि एनआरसी में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है जिसके आधार पर कहा जाए कि और धर्म के लोगों को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा. सभी नागरिक भले ही उनका धर्म कुछ भी हो, एनआरसी लिस्ट में शामिल हो सकते हैं. एनआरसी अलग प्रक्रिया है और नागरिकता संशोधन विधेयक अलग प्रक्रिया है. इसे एक साथ नहीं रखा जा सकता. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एनआरसी को पूरे देश में लागू किया जाएगा ताकि भारत के सभी नागरिक एनआरसी लिस्ट में शामिल हो सकें. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार मानती है कि जो हिन्दू शरणार्थी आए हैं, बौद्ध, जैन, सिख, क्रिश्चियन और पारसी शरणार्थी हैं सारे धर्म के जो शरणार्थी बाहर से आए हैं उन्हें नागरिकता मिलनी चाहिए. इसीलिए सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल लाकर हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और क्रिश्चियन ये सारे धर्म के शरणार्थी जो धार्मिक प्रताड़ना के कारण बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हैं उनको उस बिल के अंतर्गत नागरिकता दी जाएगी. सिटीजनशिप अमेडमेंट बिल वापस लाया जाएगा. इसका एनआरसी से कोई संबंध नहीं है.

राज्यसभा में एनआरसी पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल के बीच के अंतर को भी स्पष्ट किया. राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर से जुड़े सैयद नासिर हुसैन के सवाल के जवाब में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि लोगों को एनआरसी और सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल को लेकर कंफ्यूजन है. एनआरसी के अंदर कोई प्रावधान नहीं है कि और धर्मों के लोगों को रजिस्टर में ना लिया जाए. सभी धर्मों के लोगों को इसमें लिया जाएगा जो भारत के नागरिक हैं. इसमें धर्म के आधार पर भेदभाव करने का कोई प्रश्न ही नहीं है. एनआरसी एक अलग प्रकिया है और सिटीजनशिप अमेडमेंट बिल एक अलग प्रक्रिया है.

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