बीएचयू में बवाल, मुस्लिम प्रोफेसर से संस्कृत नहीं पढऩे पर छात्र अड़े

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वाराणसी (nainilive.com)- बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) ने संस्कृत विभाग में मुस्लिम प्राध्यापक की नियुक्ति का शुक्रवार 15 नवम्बर को बचाव किया और कहा कि वह धर्म, जाति, समुदाय अथवा लैंगिक भेदभाव किए बिना हर व्यक्ति को समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. बीएचयू का यह स्पष्टीकरण तब आया, जब आरएसएस की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने संस्कृत साहित्य विभाग में फिरोज खान का सहायक प्राध्यापक पद पर नियुक्ति का विरोध किया.

सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार उम्मीदवार का हुआ चयन

बीएचयू ने एक बयान में कहा कि प्रशासन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि चयन समिति ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार सर्वसम्मति से उक्त उम्मीदवार के चयन की अनुशंसा की है. इसमें कहा गया है कि कुलपति राकेश भटनागर की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने 5 नवंबर को मुलाकात की और साक्षात्कार में आवदेक के प्रदर्शन को देखते हुए इस पद के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार की अनुशंसा की. कुछ छात्र संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान (एसवीडीवी) के साहित्य संकाय में खान के चयन के विरोध में कुलपति के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे हैं.

चयन प्रक्रिया में बीएचयू एक्ट का पूरा पालन किया- वीसी

कुलपति और वरिष्ठ अधिकारियों ने 14 नवम्बर गुरूवार को प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों से दो घंटे से अधिक समय तक बातचीत की थी. कुलपति ने छात्रों को आश्वासन दिया कि प्रशासन धर्म, जाति, समुदाय अथवा लैंगिक भेदभाव किए बिना हर व्यक्ति को शिक्षा तथा शिक्षण के समान अवसर उपलब्ध कराने के विश्वविद्यालय के उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है. भटनागर ने दोहराया कि विश्वविद्यालय की चयन प्रक्रिया में बीएचयू एक्ट का पूरा पालन किया जा रहा है. उन्होंने छात्रों से प्रदर्शन समाप्त करने तथा एसवीडीवी तथा विश्वविद्यालय के सुगम संचालन में सहयोग देने की अपील की.

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