मैंने 40 साल के जीवन में हमेशा शुचिता की राजनीति की, कमलनाथ ने लिखा भावुक इस्तीफा पत्र

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भोपाल (nainilive.com) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने इस्तीफे का ऐलान करते हुए राज्यपाल लालजी टंडन को अपना इस्तीफा सौंपा. कमलनाथ ने भावुक करने वाला पत्र लिखा है. कमलनाथ ने पत्र में लिखा है, माननीय राज्यपाल जी, मैंने अपने 40 साल के सार्वजनिक जीवन में हमेशा से शुचिता की राजनीति की है और प्रजातांत्रिक मूल्यों को सदैव तरजीह दिया है. मध्य प्रदेश में पिछले दो हफ्ते में जो कुछ भी हुआ, वह प्रजातांत्रिक मूल्यों के अवमूल्यन का एक नया अध्याय है. इस्तीफे के बाद कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा, मैं पूरी शक्ति के साथ, पूरे बल के साथ मध्यप्रदेश के विकास के लिए प्रयास करता रहूंगा.

कमलनाथ ने अपने आखिरी विदाई भाषण में यह कहा?

कमलनाथ ने कहा- मैंने हमेशा सिद्धांतों व मूल्यों का पालन किया है, इसलिए मैंने निर्णय लिया है कि मैं राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दूंगा. कमलनाथ के अपने इस्तीफे के ऐलान के पहले कहा, पिछले 15 महीने का काम गिनाकर बीजेपी को कोस रहे हैं सीएम कमलनाथ. अपने सरकार को अस्थिर करने का बीजेपी पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी नहीं चाहती थी कि राज्य सरकार अच्छा काम करे. कमलनाथ ने कहा, 15 महीने में हमारे ऊपर किसी प्रकार के घोटाले या भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा सकते हैं. प्रदेश की जनता ने देखा कि इतने महीने में क्या हुआ है. विकास के पथ पर ना हम रुकेंगे झुकेंगे. सीएम कमलनाथ ने कहा- बीजेपी ने किसानों के साथ धोखा किया. हमने कोई छोटी घोषणाएं नहीं की थी.

आखिर क्यों गिर गई कमलनाथ की सरकार

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के त्यागपत्र देने से सियासी संकट पैदा हुआ है. इनमें से छह के इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष ने मंजूर कर लिए हैं, जबकि अन्य 16 के इस्तीफे अब तक मंजूर नहीं हुए हैं. यदि इन 16 बागी विधायकों में से कम से कम 13 बागी विधायक कांग्रेस के पक्ष में होते तो उनकी सरकार बच सकती थी.

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