संसद सत्र : लोकसभा- राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा, लोस में फारुक अब्दुल्ला को रिहा करो के लगे नारे, राज्यसभा स्थगित
नई दिल्ली (nainilive.com)- लोकसभा और राज्यसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया. लोकसभा में जहां विपक्षी दलों ने फारुख अब्दुल्ला को रिहा करो के नारे लगाये, वहीं राज्यसभा स्थगित कर दी गई. यह संसद का 250वां सत्र है. इसी सत्र के दरमियान 26 नवंबर को संविधान सत्र पड़ेगा. सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सांसदों को बधाई दी और कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि संवाद और चर्चा होनी चाहिए, सभी को संसद में चर्चा को समृद्ध बनाने में योगदान देना चाहिए. वहीं लोकसभा में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि संसद बहस, चर्चा और वार्ता के लिए होती है.
सुषमा-जेटली समेत दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि
लोकसभा और राज्यसभा में सुषमा स्वराज और अरुण जेटली समेत दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई. राज्यसभा में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा, मैं अरुण जेटली को निजी तौर पर जानता था. हमारे बीच की राजनीतिक खटास हमारे निजी संबंधों के कारण मिठास में बदल जाती थी. छात्र जीवन से लेकर मृत्यु तक, उनका जीवन बहुत सक्रिय रहा. वह एक अच्छे छात्र, वक्ता और नेता थे. जेटली जी जैसे लोगों के जाने से अकेले किसी पार्टी को नहीं बल्कि पूरे देश को नुकसान हुआ है. मैं उनकी आत्मा की शांति की दुआ करता हूं.
इलेक्ट्रिक कार से संसद पहुंचे जावड़ेकर
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर संसद के सत्र में हिस्सा लेने के लिए इलेक्ट्रिक कार से पहुंचे. उन्होंने कहा, सरकार धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक कारों की ओर जा रही है, क्योंकि वे प्रदूषण मुक्त हैं. मैं लोगों से अपील करता हूं कि वह प्रदूषण से लड़ाई में योगदान दें. वह सार्वजनिक परिवहन, इलेक्ट्रिक वाहनों आदि का इस्तेमाल करें.
बहस, चर्चा और वार्ता के लिए होती है संसद
लोकसभा में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा, हम प्रधानमंत्री और सत्तारूढ़ पार्टी से उम्मीद करते हैं कि आम जनता के हित से जुड़े सभी मुद्दों पर संसद के अंदर चर्चा की अनुमति दी जानी चाहिए. संसद बहस, चर्चा और वार्ता के लिए होती है. सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए यह सरकार पर निर्भर करता है कि वह विपक्षी दलों को अपने विचार व्यक्त करने, अपनी राय को उचित तरीके से रखने दे. यह संसदीय लोकतंत्र का सार है.
संवाद और चर्चा होने चाहिए : प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद का सत्र शुरू होने से पहले कहा, यह 2019 का अंतिम सत्र है. यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह राज्यसभा का 250वां सत्र है. इस सत्र के दरमियान 26 नवंबर को हमारा संविधान दिवस पड़ेगा. इस दिन हमारे संविधान को 70 वर्ष पूरे हो जाएंगे. पिछले कुछ दिनों में मुझे लगभग सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से मिलने का अवसर मिला. पिछला सत्र सभी सांसदों के समर्थन और सक्रिय भागीदारी के कारण अभूतपूर्व था, जो न केवल सरकार या कोष पीठ (ट्रेजरी बेंच) की ही नहीं बल्कि संपूर्ण संसद की उपलब्धि है. हम सभी मुद्दों पर खुलकर चर्चा चाहते हैं. यह जरूरी है कि गुणवत्ता वाली बहस हो, संवाद और चर्चा होनी चाहिए, सभी को संसद में चर्चा को समृद्ध बनाने में योगदान देना चाहिए.
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