आज़ादी का अमृत महोत्सव – 09 अगस्त 2022 काकोरी कांड के 97 वर्ष

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न्यूज़ डेस्क (nainilive.com) – आजादी के लिए भारतीयों ने कई वर्षो तक अंग्रेज़ो से लड़ाई लड़ी इस क्रम में कई ऐसी घटनाएं हुई जो भारत के आज़ाद होने का स्वर्णिम इतिहास बन गयी। भारत में अनगिनत क्रांतिकारियों ने अपने अपने तरीके से आजादी हासिल करने की हर संभव कोशिश करी जो सफल होते होते विफल हो गई। महात्मा गांधी ने जब ‘असहयोग आंदोलन’ वापस ले लिया था, तब युवा पीढ़ी को काफी झटका लगा था. क्योंकि बड़ी उम्मीदों के साथ देश में एक बड़ी संख्या में लोग इस आंदोलन के साथ जुड़ गए थे और ऐसा माना जाता है अगर उस समय यह आंदोलन वापस नहीं लिया गया होता तो शायद भारत कई वर्ष पहले ही आज़ाद हो गया होता इसी के साथ एक नई घटना की नींव पड़ गई थी, जिसे इतिहास में काकोरी कांड के नाम से जाना जाता है. इस घटना ने अंग्रेज़ों को बड़ा परेशान किया और एक संदेश भी दिया था की हिंदुस्तानी अब आजादी के लिए कुछ भी कर सकते है।

काकोरी कांड के मुख्य नायक क्रन्तिकारी रामप्रसाद बिस्मिल व उनके अन्य साथी थे जिनका मुख्य उद्देश्य अंग्रेज़ो से लड़ने के लिए उन्ही का खज़ाना लूटने की योजना थी जो शाजहांपुर में रची गयी थी जिसमे क्रांतिकारियों को पूर्ण सफलता मिली थी परन्तु बाद में कई क्रांतिकारी गिरफ्तार हुए जिनमे से बहुत से क्रांतिकारियों को फाँसी व कालापानी की सजा मिली थी।

nainilive ऐसे महान क्रांतिकारियों को कोटि कोटि नमन करता है

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