अंकिता भंडारी हत्याकांड: दो साल आठ महीने बाद कोर्ट का फैसला, तीनों दोषियों को उम्रकैद

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कोटद्वार ( nainilive.com )- कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। न्यायालय ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्य और उसके सहयोगी सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता को हत्या का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। सभी आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाना) और 354 (महिला से दुर्व्यवहार) के तहत दोषी ठहराया गया। कोर्ट ने तीनों दोषियों पर 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। साथ ही, अंकिता भंडारी के परिजनों को चार लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश भी दिया गया है। Ankita Bhandari Case – Court order

कोर्ट परिसर में भारी सुरक्षा, भीड़ ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की

फैसले के दिन कोर्ट परिसर में भारी भीड़ जमा हो गई। लोग बड़ी संख्या में न्याय की प्रतीक्षा में मौजूद थे। फैसला सुनाए जाने से ठीक पहले भीड़ ने बैरिकेडिंग तोड़कर न्यायालय की ओर बढ़ने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखा। राज्य भर से पुलिस बल को कोटद्वार बुलाया गया था। गढ़वाल मंडल के कई जिलों – देहरादून, हरिद्वार, टिहरी और उत्तरकाशी – से पुलिस और पीएसी की डेढ़ कंपनी तैनात की गई। कोर्ट परिसर की सड़कों पर सख्त बैरिकेडिंग लगाई गई थी और किसी भी बाहरी व्यक्ति को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई।

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लंबी चली सुनवाई, 47 अहम गवाह पेश किए गए

इस मामले की पहली सुनवाई 30 जनवरी 2023 को कोटद्वार एडीजे कोर्ट में शुरू हुई थी। एसआईटी द्वारा 500 पेज का आरोपपत्र दाखिल किया गया। अभियोजन पक्ष की गवाही 28 मार्च 2023 से शुरू हुई। पूरे मामले में अभियोजन ने 97 गवाह सूचीबद्ध किए थे, जिनमें से 47 प्रमुख गवाहों को अदालत में प्रस्तुत किया गया।

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19 मई 2025 को अभियोजन पक्ष के विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी ने बचाव पक्ष की दलीलों का जवाब देकर बहस समाप्त की थी। इसके बाद अदालत ने फैसला सुनाने की तिथि 30 मई निर्धारित की थी।

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कोर्ट परिसर में निषेधाज्ञा लागू, मजिस्ट्रेट तैनात

कोर्ट के फैसले को देखते हुए कोटद्वार के एसडीएम सोहन सिंह सैनी ने न्यायालय परिसर के 200 मीटर के दायरे में धारा 163 लागू कर दी है। इस क्षेत्र में किसी भी समूह को प्रवेश की अनुमति नहीं है। नारेबाजी, धरना या प्रदर्शन पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिए गए हैं। कोटद्वार में चार और पौड़ी में एक मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था पर लगातार नजर बनाए हुए हैं, जिससे कोर्ट परिसर पूरी तरह छावनी में तब्दील हो चुका है।

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