चमोली आपदा के संकेत पहले ही अपनी किताब के जरिए दे चुके थे:इतिहासकार गिरधर नेगी

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संतोष बोरा , नैनीताल ( nainilive.com ) – बीते दिनों चमोली में आई आपदा के बाद काफी जान माल का नुकसान हुआ है जिसको लेकर मंगलवार को नैनीताल डीएसबी परिसर में इतिहास विभाग के प्रो गिरधर सिंह नेगी ने प्रेस वार्ता की।

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प्रो नेगी ने बताया कि 2006 में उनके द्वारा गोपेश्वर से नीति घाट तक पैदल यात्रा की गई थी। जिसमे उन्होंने देखा कि किस तरह से जल जंगल और जमीन के साथ खिलवाड़ की जा रही है। जिसके बाद 2007 में उनके द्वारा प्रकाशित “भारत तिब्बित सीमा से” पुस्तक में इस आपदा के संकेत दे दिए थे।

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उन्होंने कहा है कि प्रकृति के साथ खिलवाड़ का नतीजा हमको केदारनाथ आपदा में देखने को मिल गया था। तभी से हम लोगो को सतर्क रहना चाहिए था।उन्होंने कहा विकास अपनी जगह ठीक है, लेकिन प्रकर्ति के साथ ज्यादा छेड़छाड़ किए बगैर, वरना अगर इसी तरह जल जंगल और जमीन के साथ खिलवाड़ होता रहा तो, भविष्य में और बड़ी आपदाओं से भी सामना करना पड़ सकता है।

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