नैनीताल जनपद में अधिग्रहित सभी निजी चिकित्सालय करेंगे प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य , निजी चिकित्सालयों द्वारा जिला प्रशासन को दी लिखित सहमति

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हल्द्वानी (nainilive.com) – संक्रमण काल में जिलाधिकारी सविन बंसल के आदेशों के क्रम में अधिग्रहित सभी निजी चिकित्सालय प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करेंगे। इसकी लिखित सहमति निजी चिकित्सालयों द्वारा जिला प्रशासन को दे दी है। जिलाधिकारी द्वारा आम आदमी को बेहतर जनस्वास्थ्य सेवायें दिये जाने के लिए निजी अस्पतालों ने जिलाधिकारी की पहल का स्वागत किया है। जिलाधिकारी श्री बंसल ने बताया कि अधिग्रहित निजी चिकित्सालयों के चिकित्सक एवं सहवर्ती स्टाॅफ सुचारू रूप से सामान्य दिवसों में चिकित्सालय संचालन की भांति तैनात रहेगा। चिकित्सालय मे परीक्षण, उपचार से सम्बन्धित समस्त उपकरण लैब, एक्सरे, एमआरआई, वैन्टीलेटर व अन्य सुविधायें सुचारू रखी जांए। उन्होने कहा है कि चिकित्सालय मे रोस्टर के अनुसार प्रतिदिन रात्रि व दिन में चिकित्सकीय स्टाफ की तैनाती की जाए। चिकित्सालय प्रबन्धन यह सुनिश्चित करेगा कि चिकित्सालय उपचार हेतु राजकीय चिकित्सालय से रैफर होकर आने वाले मरीजों के उपचार तथा भर्ती की प्रक्रिया में कोई व्यवधान ना हो। प्रबन्धक/संचालक चिकित्सालयों शतप्रतिशत विशेषज्ञ चिकित्सको की उपस्थित के साथ ही अन्य स्टाफ की उपस्थित सुनिश्चित करायेगें साथ ही चिकित्सालय का औषधालय भी सुचारू रूप से संचालित किया जायेगा।


जिलाधिकारी ने बताया कि सभी अधिग्रहित निजी अस्पतालों में नोडल अधिकारियो की तैनाती कर दी गई है। बृजलाल हास्पिटल के लिए नोडल अधिकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुलेखा बिष्ट तथा डा0 अजय कान्त अग्रवाल, कृष्णा हास्पिटल के लिए नोडल अधिकारी सहायक परियोजना निदेशक संगीता आर्या तथा डा0 मीरा जोशी, नीलकण्ठ हास्पिटल के लिए जिला विकास अधिकारी रमा गोस्वामी तथा डा0 पूनम जंगपांगी, विवेकानन्द हास्पिटल के लिए जिला सेवायोजन अधिकारी नारायण सिह दरम्वाल तथा डा0 बबीता धपोला, साई हास्पिटल के लिए नोडल अधिशासी अभियन्ता आरइएस विनीत कुमार तथा डा0 मुकेश आर्य तथा सेन्ट्रल हास्पिटल के लिए नोडल अधिकारी मुख्य कृषि अधिकारी डा0 धनपत कुमार तथा डा0 मनोज सत्याल को दायित्व दिये गये है। इसके साथ ही निजी अस्पतालों में नोडल अधिकारियों के साथ शासकीय चिकित्सकों की भी तैनाती कर दी गई है।
जिलाधिकारी ने बताया कि अधिग्रहित सभी निजी चिकित्सालयों में बीपीएल के अलावा एपीएल मरीजों को भी शासकीय खर्चे में ईलाज की सुविधा मिलेगी। जनपद से बाहर हायर सेन्टर को रैफर करने से पहले प्राइवेट हास्पिटल को समिति को रैफर करने का ठोस कारण देना होगा। समिति के निर्णय के बाद ही जनपद से बाहर हायर सेन्टर को मरीज रैफर होंगे। इसमे मेडिकल काउन्सिल के अध्यक्ष की भी सहमति होगी। बिना समिति की संस्तुति के कोई भी मरीज जनपद अथवा प्रदेश से बाहर रैफर नही किया जायेगा, बल्कि बेस हास्पिटल एवं निजी चिकित्सालय ही पूर्ण स्वास्थ्य सेवायें देंगे। जिलाधिकारी ने बेस चिकित्सालय को हिदायत दी है कि मरीज को एक निजी हास्पिटल रैफर करने से पूर्व निर्धारित की समिति की संस्तुति जरूरी है। उन्होने कहा कि बेस चिकित्सालय मरीजो का उपचार बेहतर संसाधनो के साथ करे। सोबन सिह जीना बेस चिकित्सालय और सुशीला तिवारी चिकित्सालय ने संयुक्त हस्ताक्षरित पत्र देकर जिलाधिकारी से कहा है कि हम बेस तथा एसटीएच संचालित करने की तैयारियों एवं उपकरणो की व्यवस्था से सहमत है। उन्होने बताया कि बेस अस्पताल में अब 24 घंटे पैथोलाॅजी लैब संचालित होगी, फार्मेसी तथा अस्पताल मे 24 घंटे मरीजो का परीक्षण होगा। सरकारी व प्राइवेट चिकित्सालयो के मध्य समन्वय के लिए नामित वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डा0 विनीता साह को नामित किया गया है जो कि नोडल अधिकारियों तथा निजी चिकित्सालयो के साथ समन्वय का कार्य करेंगी। जिलाधिकारी ने बताया कि चिकित्सालयो के संयुक्त प्रबन्ध में समय-समय पर आने वाली समस्याओं के निस्तारण के लिए हाईपावर कमेटी कार्य करेंगी। इस कमेटी मे प्रशासनिक एवं चिकित्सा विभाग के उच्च अधिकारियो को नामित किया गया है। इस कमेटी मे सीएमओ, प्राचार्य राजकीय मेडिकल कालेज, अपर जिलाधिकारी प्रशासन, चिकित्साधीक्षक राजकीय मेेडिकल कालेज तथा मुख्य चिकित्साधीक्षक सोबन सिह जीना बेस अस्पताल तथा काॅडिनेटर विनीता साह को नामित किया गया है।
श्री बसंल ने बताया कि एसटीएच तथा समन्वयक अधिकारी विनीता साह समन्वय करते हुये जनरल सर्जरी, आर्थोपैडिक, नेत्र रोग विशेषज्ञ, ईएनटी, डेंटल, बाल रोग विशेषज्ञ, मानसिक रोग तथा चर्म रोग के सुशीला तिवारी के चिकित्सक व अन्य सहयोगी कर्मी बेस मे सेवायंे देते हुये मरीजो का उपचार करेंगे।
जिलाधिकारी ने बेस तथा निजी चिकित्सालयों से कहा है कि अब मरीजों के ईलाज मे हीलाहवाली करने वाले चिकित्सको पर डिजास्टर मेनेजमैन्ट एक्ट 2005/द एपिडैमिक डिजीज एक्ट 1897, उपचार/उपचार प्रक्रिया में शिथिलता बरतने पर मेडिकल काउन्सिल एक्ट 1956, क्लिीनिक स्टेबिलमेंन्ट रजिस्टेशन एण्ड रेगुलेशन एक्ट 2010 एवं उत्तराखण्ड क्लिीनिकल स्टेबिलस्मेंट रजिस्टेशन एण्ड रेगुलेशन रूल्स 2015 मे निहित लापरवाही का प्रतिकूल संज्ञान लेते हुये कार्यवाही की जायेगी। उन्होने कहा कि संक्रमण काल के दौरान आदेशों के अनुपालन में शिथिलता बरतने में सम्बन्धित के विरूद्व आईपीसी की धारा 188 एवं अन्य सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।
जिलाधिकारी द्वारा आम एवं गरीब आदमी को चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में निजी चिकित्सालयांे के अधिग्रहण पर निजी चिकित्सालयों ने प्रतिक्रिया देते हुये कहा हे कि हम प्रशासन के साथ है तथा हम प्रशासन के नियंत्रण में पूरी तत्परता एवं कुशलता से कार्य करेंगे। इस सम्बन्ध में सभी 6 अधिग्रहित चिकित्सालयों द्वारा जिलाधिकारी को लिखित प्रमाण पत्र भी उपलब्ध कराया है।

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