गवर्नर सत्यपाल मलिक बोले-अडानी-अम्बानी सड़े हुए आलू, पीएम की मिलीभगत से फलफूल रहे दोनों

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रोहतक (nainilive.com) –  हरियाणा के रोहतक में शुक्रवार को मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करने पहुंचे. इस दौरान नांदल भवन में शिक्षा सम्मान समारोह 2022 में बतौर मुख्य अतिथि रहे. इस दौरान राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने किसानों के पक्ष में खड़े रहने की बात पर सरकार को घेरा और कहा अभी दोबारा लड़ाई लड़नी होगी. वहीं अंबानी-अडानी पीएम की मिलीभगत के कारण फल फूल रहे हैं. उन्होंने अंबानी और अडानी को सड़े आलू की बोरी बताया.

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा की वे एक महीने में कम से कम 6 पब्लिक मीटिंग कर रहे हैं. जो सभी किसानों के बीच में हरियाणा, राजस्थान व पंजाब में की जा रही है. क्योंकि अभी किसानों को आसानी से इंसाफ मिलता नजर नहीं आ रहा है. इसलिए दोबारा से लड़ाई लडऩी पड़ेगी. एमएसपी को सरकार ने फंसा दिया है और उनकी नीयत भी ठीक नहीं लगती.

उन्होंने कहा कि मैं पीएम मोदी के खिलाफ में नहीं हूं. वे जब गुजरात में थे तो उनका प्रशंसक था. नरेंद्र मोदी ने गुजरात में रहते हुए प्रधानमंत्री को एमएसपी के लिए चिट्ठी लिखी थी. लेकिन यह दिल्ली है पता नहीं क्या कर देती है, दिल्ली आने के बाद उनमें फर्क आ गया है. अब उनमें जितनी तकलीफ किसान के लिए होनी चाहिए, वह दिखती नहीं हैं.

राज्यपाल ने कहा कि वे पीएम मोदी से मिलेंगे और कहेंगे कि जिस देश का जवान व किसान खुश नहीं है. उस देश को कोई नहीं बचा सकता है. दोनों का ही सत्यानाश कर दिया है. जवानों को अग्नि वीर कर दिया और किसानों की मांग सुनते नहीं हैं. 700 किसान दिल्ली बॉर्डर पर मरे थे. जबकि कुतिया भी मरती है तो पीएम की चिट्ठी जाती है, लेकिन 700 किसानों की मौत पर किसी नेता का भी कोई बयान नहीं आया.

किसानों के लिए जेब में इस्तीफा रख पीए से मिले

राज्यपाल सत्यपाल मलिक बोले कि जब किसानों के पक्ष में किसी भी नेता का बयान तक नहीं आया तो वे खुद अपना इस्तीफा जेब में रखकर पीएम से मिलने गए. उनको किसानों से बातचीत करने के लिए कहा, लेकिन उनका कहना था कि चले जाएंगे. जिस पर राज्यपाल ने कहा कि आप बॉर्डर पर बैठे लोगों को आप जानते नहीं हो, ये तब जाएंगे जब आप चले जाएंगे. इनसे लड़कर नहीं बातचीत से जीत सकते हैं. उस समय बात समझ नहीं आई, लेकिन देरी से आई और तीनों कानून वापस लिए. उन्होंने कहा कि पूंजीपतियों ने अपने बड़े-बड़े गोदाम बना लिए हैं. अडानी ने पानीपत में गोदाम बनाकर सारा अनाज भर दिया है. जब अनाज महंगा होगा, तब वे अनाज बेचेंगे, जबकि किसान को मजबूरी के कारण अनाज पैदा होते ही बेचने चला जाता है.

उद्योगपति अडानी-अंबानी पर साधा निशाना

राज्यपाल ने सरकार व अडानी की मिलीभगत पर निशाना साधा. एयरपोर्ट भी अडानी को बेच दिए. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी जब गुजरात में थे तो सोने के थे, लेकिन दिल्ली आते ही बदल गऐ. पीएम मोदी के साथ से अडानी विश्व के अमीरों में तीसरे स्थान पर हैं. अंबानी ने भी अपनी बेटी की शादी पर 300 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं. लेकिन एक पैसा भी दान नहीं किया और किसी संस्था या फौजियों को नहीं देता है. इन्हें सेठ नहीं कहना चाहिए, ये सड़े हुए आलू की बोरी हैं. ये किसी काम के नहीं हैं और इन्हें कोई सम्मान नहीं दें.

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