आयुष्मति योजना योजना के तहत 89 महिलाओं का किया गया स्वास्थ्य परीक्षण

सतोष बोरा, हल्द्वानी (nainilive.com) - घर गृहस्थी को बेहतर तरीके से चलाने तथा बच्चों की अच्छी परवरिश में महिलाओं की विशेष भूमिका है। आज के दौर में परिवार के लिए आर्थिक संसाधन जुटाने में भी महिलाऐं अपने पति के साथ तत्पर हैं और सुबह से ही अपने काम पर निकल जाती हैं। गरीब परिवारों की महिलाऐं अपने परिवार के लिए दो जून की रोटी जुटाने में श्रम करती हैं।

Health check up of 89 women under Ayushmati Yojana scheme

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सतोष बोरा, हल्द्वानी (nainilive.com) – घर गृहस्थी को बेहतर तरीके से चलाने तथा बच्चों की अच्छी परवरिश में महिलाओं की विशेष भूमिका है। आज के दौर में परिवार के लिए आर्थिक संसाधन जुटाने में भी महिलाऐं अपने पति के साथ तत्पर हैं और सुबह से ही अपने काम पर निकल जाती हैं। गरीब परिवारों की महिलाऐं अपने परिवार के लिए दो जून की रोटी जुटाने में श्रम करती हैं।

ऐंसी महिलाऐं लोगो के घरों में जाकर काम करती हैं, यहाॅ तक कि कई महिलाऐं खनन तथा भवन निर्माण जैसे कामों में मजदूरी भी करती हैं। इसके अलावा बहुतसी महिलाऐं छोटे-छोटे कारोबार कर अपने परिवार के लिए धन जुटाती हैं। इस प्रकार की गरीब महिलाऐं दिन-रात के परिश्रम से अपने स्वास्थ्य के प्रति उदासीन हो जाती हैं। यदि वे अपने स्वास्थ्य परीक्षण के लिए किसी अस्पताल में जाती हैं तो वहाॅ लम्बी लाइनों में लगने से उनका समय बरबाद होता है और वे अपने काम पर नहीं जा पाती हैं।

ऐसें में रोज मिलने वाली दिहाड़ी की रकम से महरूम रह जाती हैं, इसका असर परिवार के आर्थिक उन्नयन पर पड़ता है। इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए महिलाओं व बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील जिलाधिकारी सविन बंसल ने आयुष्मति योजना बनायी। उनका उद्देश्य है कि गरीब महिलाओं को बिना अस्पतालों में जाये उनका नियमित चैक-अप हो ताकि वे अपने स्वास्थ्य परीक्षण व स्वास्थ्य लाभ के साथ ही अपनी रोजमर्रा की आमदनी से महरूम भी न हों।

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घरों में काम करने वाली एवं दैनिक मजदूरी करने वाली महिलाऐं सप्ताहभर काम में जाने के कारण अपनी मजदूरी खोने के डर से बीमार होने के बावजूद भी ससमय अपना ईलाज नहीं करवा पाती हैं। तथा गरीब होने के कारण निजि अस्पतालों की सेवा लेने में भी समर्थ नहीं होती हैं। गरीबी, अशिक्षा, जानकारी एवं जागरूकता के अभाव तथा दैनिक आधार पर स्वास्थ्य से समझोता करने के फलस्वरूप स्वास्थ्य देखभाल में लापरवाही के कारण इन महिलाओं में स्वास्थ्य एवं पौषण सम्बन्धी बीमारियों के होने की संभावना होती है। महिलाओं के इस विशेष वर्ग की स्वास्थ्य एवं पौषण सम्बन्धी समस्याओं के निदान हेतु आयुष्मति योजना जनपद नैनीताल में चलायी जा रही है।

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प्रदेश का नैनीताल पहला जनपद है जहाॅ आयुष्मति योजना का शुभारंभ गुजरे समय में सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा किया गया। गौरतबल है कि विगत 27 फरवरी को महानगर हल्द्वानी में आयोजित आयुष्मति योजना के शिविर में 121 महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया था। जिनमें से दर्जनभर महिलाओं को मुख्यमंत्री द्वारा आयरन की गोलियाॅ तथा पौष्टिक आहार की किट उपलब्ध करायी गयी।

आयुष्मति योजना के तहत दूसरा शिविर जिलाधिकारी बंसल के निर्देश पर हल्द्वानी के राजपुरा क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में लगाया गया, जहाॅ गरीब 89 कामकाजी महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा किया गया। इस परीक्षण में 10 महिलाऐं डाइबिटीज से पीढ़ित पायी गयी। इन पीढ़ित महिलाओं की बाल विकास एवं महिला कल्याण विभाग द्वारा काउंसलिंग कर खान-पान के तौर तरीके, संतुलित एवं तनाव रहित दिनचर्या के साथ ही खान-पान का परहेज़ रखने के बारे में बताया गया। आयुष्मति योजना में हल्द्वानी को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लिया गया है। जिसके अन्तर्गत प्रत्येक शुक्रवार को चिन्हित अर्बन हैल्थ सेंटर में स्वास्थ्य परीक्षण किया जायेगा। जनपद के अन्य स्थानों में भी आयुष्मति योजना के तहत विशेष शिविरों का आयोजन किये जाने की कार्य योजना है।

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जिलाधिकारी बंसल की इस पहल की गरीब कामकाजी महिलाओं ने काफी सराहना की है तथा उनके लिए आयोजित होने वाले जाॅच शिविरों में महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सेदारी भी की है। गरीब महिलाओं को इन शिविरों में लगा कि उनके स्वास्थ्य के सम्बन्ध में जिला प्रशासन काफी संवेदनशील एवं तत्पर है। जिलाधिकारी का कहना है कि इन गरीब महिलाओं को सरकारी अस्पतालों द्वारा आयुष्मति योजना के अन्तर्गत प्राथमिकता के आधार पर मुफ्त दवाईयाॅ एवं जाॅचे करायी जायेंगी।

आवश्यकता पड़ने पर प्राइवेट चिकित्सालयों मे भी गम्भीर जांचें एवं चिकित्सा सुविधायें निःशुल्क दी जायेंगी, निजी चिकित्सालयांे से अनुबंध हो चुका है। निजी चिकित्सालयों में पांच हजार रूपये तक की जांचे निशुल्क की जायेंगी, जिसका भुगतान हेतु जिलाधिकारी द्वारा कोष बनाया गया है जाचों एवं ईलाज का भुगतान कोष से किया जायेगा। जिलाधिकारी स्वयं व्यक्तिगत तौर पर आयुष्मति योजना की समीक्षा एवं अनुश्रवण कर रहे हैं ताकि गरीब महिलाओं का स्वास्थ्य बेहतर बना रहे और वे अपने परिवार के आर्थिक विकास में अपना योगदान दे सकें।

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