इसी साल से हिंदी में होगी एमबीबीएस की पढ़ाई, गृहमंत्री ने बताया- मातृभाषा को बढ़ावा देना है कारण

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नई दिल्ली (nainilive.com) –  नीट यूजी काउंसलिंग से पहले मेडिकल एडमिशन का इंतजार कर रहे स्टूडेंट्स के लिए बड़ी खबर आई है. सरकार इसी साल से MBBS की पढ़ाई हिंदी में शुरू करने जा रही है. ये ऐलान गृह मंत्री अमित शाह ने किया है. गांधीनगर में गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के नए कैंपस के शिलान्यास के दौरान शाह ने ये जानकारी दी है. इसके साथ गृह मंत्री ने ये भी बताया कि हिंदी में एमबीबीएस कराने के पीछे सरकार का मकसद क्या है. जाहिर है कि NEET Counselling 2022 के जरिए एडमिशन पाने वाले स्टूडेंट्स को भी ये विकल्प मिलेगा.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की बात करते हुए Amit Shah ने कहा कि इस साल 16 अक्टूबर से छत्तीसगढ़ बिलासपुर की अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में भी कराई जाएगी. हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई कराने के पीछे क्या कारण है? केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ‘नेशनल एजुकेशन पॉलिसी यानी NEP ने मातृभाषा को बढ़ावा दिया है. ये समझाया है कि जब एक छात्र अपनी मातृभाषा में सोच सकता है तो वह उसी भाषा में समझ सकता है और बेहतर रिसर्च कर सकता है.’

शाह ने कहा कि ‘कुछ लोगों को ये अजीब लग सकता है. लेकिन मैं ये बात दोहराना चाहता हूं कि जब स्टूडेंट्स अपनी मातृभाषा में सोच, बोल और पढ़ सकते हैं तो वो इसमें बेहतर शोध भी कर सकते हैं. रट्टा मारकर सीखी गई चीज में वो बात नहीं आ पाती. यही कारण है कि Atal Bihari Vajpayee University में एमबीबीएस का पहला सेमेस्टर पूरी तरह से हिंदी में होगा.’

National Education Policy के लाभ गिनाते हुए शाह ने कहा कि ‘एनईपी सिर्फ एक किताब नहीं, बल्कि पूरी लाइब्रेरी है. इसमें भारतीय भाषाओं, कला और संस्कृतियों को प्राथमिकता दी गई है. वहीं मोदी जी ने टेक्नोलॉजी की मदद से लोगों की जीवनशैली बेहतर बनाने की पहल की है.’

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