मणिपुर – अब बिष्णुपुर में हिंसा, 20 घायल, मैतेई समुदाय ने सुरक्षा बलों पर किया पथराव, सैनिकों ने हवाई फायरिंग, छोड़े अश्रू गैस के गोले

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इम्फाल (nainilive.com). मणिपुर के विष्णुपुर में एक बार फिर हिंसा का दौर शुरु हो गया है, यहां पर मैतेई समुदाय की महिलाओं ने बफर जोन को पार करने की कोशिश की, जिन्हे सुरक्षा बलों ने रोका तो पथराव कर दिया. हालात बिगड़ते देख सुरक्षा बलों ने हवाई फायरिंग करते हुए अश्रू गैस के गोले छोड़े, जिससे भगदड़ व अफरातफरी मच गई. जिसमें 20 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है. हिंसक झड़प के बाद इंफाल व पश्चिमी इंफाल में कर्फ्यू में दी गई ढील वापस ले ली गई.

बताया जाता है कि मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में 3 अगस्त को सुबह 05.00 बजे से रात 08.00 बजे तक दी गई थी. लेकिन बिष्णुपुर में झड़प के बाद इस छूट को वापस ले लिया गया. मणिपुर हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. कई लोगों के शव इंफाल व चूराचांदपुर के अस्पतालों की मॉर्चुरी में रखे हैं. आज को चूराचांदपुर में कुकी समुदाय के 35 लोगों के शवों को सामूहिक रूप से दफनाया जाना था. लेकिनए गृह मंत्रालय से चर्चा के बाद इस फैसला टाल दिया गया. बीती रात एक अफवाह फैली कि कुछ कुकी लोगों के शव दफनाने के लिए बाहर ले जाए जा सकते हैं. इसके बाद इंफाल में रीजनल आयुर्विज्ञान संस्थान व जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान दो अस्पतालों के पास भीड़ जमा हो गई. हालांकिए पुलिस भीड़ को शांत करने में कामयाब रही. रात 10 बजे तक कोई घटना नहीं हुई. इंफाल के इन दोनों अस्पतालों की मॉर्चुरी में ही इंफाल घाटी में जातीय संघर्ष में मारे गए लोगों के कई शव रखे हुए हैं. किसी भी हिंसा को रोकने के लिए यहां असम राइफल्स, रैपिड एक्शन फोर्स, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल व सेना की अतिरिक्त टुकडिय़ां तैनात की गई हैं. गौरतलब है कि 3 मई को मणिपुर में मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में आदिवासी एकजुटता मार्च निकाला गया था. जिसके बाद वहां जातीय संघर्ष भड़क उठा. तब से लेकर अब तक वहां 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.

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