पर्यावरण की चुनौतियाँ एवं हमारी जिम्मेदारी: डॉ ललित तिवारी

Share this! (ख़बर साझा करें)

नैनीताल- पृथ्वी के उद्भव से लगभग 2500 मिलीयन वर्ष बाद जीवन का आरम्भ हुआ तथा जीवन क¢ लिए जीवनदायनी पर्यावरण के बनाने में इतने वर्ष लगे किन्तु आज पर्यावरण से जीवन प्रभावित होने लगा है।
हमारी झकझोड़ती खाने की व्यवस्था तथा महत्वकांक्षा ने कोविड-19 को जन्म दिया और पूरी मानवता प्रभावित हो गयी। 5 जून को प्रतिवर्ष अन्तराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस मनाकर हम सभी पर्यावरण की तरफ अग्रसित होते है तथा उसके संरक्षण एवं सतत् विकास का नारा फिर से घोषित करते है। पर्यावरण को बचाना हर मानव का कर्तव्य एवं जिम्मेदारी है। पूरे विश्व में 17 लाख 50 हजार ज्ञात प्रजातियों में मानव श्रेष्ठ है तथा ये जैव विविधता 11 प्रतिशत विश्व आर्थिकी तथा 5-30 प्रतिशत जी0डी0पी0 का महत्वपूर्ण साझीदार है।

किन्तु वर्तमान में समस्यायें बढ़ती जा रही है तथा उनके निदान की गति बहुत ही कम है। पूरे विश्व में वायु प्रदूषण एवं जलवायु परिवर्तन कठिन चुनौतियाँ है। कार्बन डाइआक्साइड की मात्रा बढ़ने से तापीय वृद्वि हो रही है तो कार्बन 280 पीपीएम से बढ़कर इन दो सौ वर्षों में 400 पीपीएम तक पहुँच चुका है।

यह भी पढ़ें 👉  युवा कांग्रेस नेता दीपक कुमार टम्टा ने की स्टाफ हाऊस वार्ड नंबर 1 से सभासद पद की दावेदारी

इसे रोकने के लिए जंगल की आग को रोकना, जीवाश्म ईधन का उपयोग कम करने, पौधा रोपण बढ़ाने, कृषि अवशेषों से आग का धुंआ घटाना होगा तथा औद्योगिक नीतिया बदलती तथा सख्त करनी होगी।

यह भी पढ़ें 👉  डीसी ऋचा सिंह के निरीक्षण में लामाचौड़ चौराहे के पास कच्चे मकानों से पकड़ी अवैध कच्ची शराब बेचते हुए

विश्व में औसत 30 प्रतिशत जंगल है, किन्तु 7.3 मिलीयन हैक्टयर वन प्रतिवर्ष साफ किये जा रहे है। ट्रापिकल जंगल का क्षेत्रफल भी घट रहा है। ऐसे में जंगलों को संरक्षित रखना, निम्न कोटी की भूमि की उर्वरता बढ़ानी होगी तथा सभी के लिए समान नियम तथा सख्त नियम लागू करना होगा। मृदा की गिरती गुणवत्ता को बचाने के संद्रर्भ में संयुक्त राष्ट्र की रिर्पोट के मुताबिक 12 मिलीयन हैक्टयर भूमि प्रतिवर्ष निम्नीकृत हो रही है। भूमि को संरक्षित करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।

यह भी पढ़ें 👉  विजय दिवस नैनीताल जिले में मनाया गया उत्साह एवं श्रद्धा के साथ

जीव जन्तुओं की प्रजातियों का दुलर्भ वर्ग में जाना जिसमें पौधें, जंगली जीव जन्तु शामिल है। औषधीय पौधों का अत्यधिक दौहन, टिम्बर का अत्यधिक इस्तेमाल इसका प्रमुख कारण है। आई0यू0सी0एन0 इस तरफ प्रयासरत है।

Ad
नैनी लाइव (Naini Live) के साथ सोशल मीडिया में जुड़ कर नवीन ताज़ा समाचारों को प्राप्त करें। समाचार प्राप्त करने के लिए हमसे जुड़ें -

👉 Join our WhatsApp Group

👉 Subscribe our YouTube Channel

👉 Like our Facebook Page