प्रधानमंत्री मोदी को अल्मोड़ा के जयमित्र सिंह बिष्ट की खींची जागेश्वर धाम की फ़ोटो की गई भेंट हल्द्वानी आगमन पर

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न्यूज़ डेस्क ( nainilive.com ) – हल्द्वानी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर हल्द्वानी आगमन पर सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवम प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मैदान कौशिक ने उनका स्वागत पहाड़ी टोपी एवम प्रसिद्ध तीर्थ जागेश्वर धाम की फ़ोटो भेंट कर किया । जहां मोदी जी ने इस प्रसिद्ध तीर्थ की फोटो को ग्रहण करते हुए सप्रेम ग्रहण किया, वहीं इस फोटो का भी अपने सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा से विशेष कनेक्शन है। दरअसल लगातार दूसरी बार अल्मोड़ा के प्रसिद्ध फोटोग्राफर एवम प्रतिष्टित व्यवसायी जयमित्र सिंह बिष्ट के लिए छायाचित्रों को प्रधानमंत्री मोदी की उत्तराखंड यात्रा के दौरान भेंट किया गया। पहली बार जब नवंबर माह में मोदी जी केदारनाथ आये , तब जयमित्र सिंह बिष्ट के ब्रह्मकमल पुष्प के खींचे छायाचित्र को भेंट किया गया था और अब कुमाऊं में आगमन पर प्रसिद्ध तीर्थ जागेश्वर धाम को भेंट किया गया ।

सोशल मीडिया में स्वयं जयमित्र ने यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि दो महीने में लगातार दो बार आपके द्वारा लिए गए फोटोग्राफ अगर भारत के प्रधानमंत्री तक पहुंच जाएं तो ये एक अलग ही अनुभूति और खुशी देता है। शायद ये अहसास भी होता है की आप ने अपनी जिन्दगी का अहम समय और हिस्सा जिस तरह से फोटोग्राफी से प्यार में गुजारा और अभी भी गुज़र रहा है उसके भी कुछ मायने हैं । वो जुनून आप को जो सुकून देता है वो शायद दुनिया की कोई और चीज नहीं दे सकती।

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ये दोनों फोटोग्राफ्स पहला फोटो ब्रह्मकमल का जो पिछले माह नवम्बर में उनकी केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान उन्हे भेंट किया गया और दूसरा फोटो जागेश्वर धाम का जो आज हल्द्वानी में प्रधानमंत्री जी के हाथों में था। एक फोटोग्राफर के लिए इसके मायने इस लिए भी बड़ जाते हैं की आप को और आपके काम को लोग इसके बाद और ज्यादा प्यार और सराहना देते हैं। आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को उनके हल्द्वानी दौरे के दौरान प्रसिद्ध जागेश्वर मंदिर समूह का यह फोटोग्राफ भेंट किया गया। ये फोटोग्राफ मेरे द्वारा सन 2015 में सावन माह में जागेश्वर में लगने वाले मेले के दौरान लिया गया था। जागेश्वर मंदिर समूह मेरे फोटोग्राफी करियर में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है जिसके कई फोटोग्राफ मैं पिछले कई सालों से लेता आया हूं चाहे वो ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म वाले कैमरे का दौर हो चाहे स्लाइड फिल्म का या अब डिजिटल फोटोग्राफी का ज़माना हो।

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एक समय था जब जागेश्वर मंदिर समूह के फोटो कुबेर के मंदिर के पास से लिए जाते थे फिर वहां पर उगे देवदार के पेड़ों ने मंदिर समूह को ढक सा लिया। जागेश्वर का यह फोटो तलाशते हुए कई साल लगे कई रोल बर्बाद हुए, फिर एक साल कुमाऊं मंडल विकास निगम जागेश्वर के रेस्ट हाउस के पास से इस फोटो को लेते समय कोशिश की कुछ ऐसा कम्पोजिशन बने की जागेश्वर मंदिर समूह तो दिखे ही साथ ही साथ देवदार के घने जंगल भी इस फोटो में आएं जिनके बिना जागेश्वर का सौंदर्य आधा है और कुछ पुराने घर भी इस फोटो में जानबूझ कर कंपोज किए ताकि हमारे उत्तराखंड का शिल्प भी नज़र आए । इन सबके साथ ही क्रेप फ्लावर के पेड़ के सुंदर फूलों को भी फॉरग्राउंड में लिया जिन्होंने इस फोटो में बढ़िया कॉन्ट्रास्ट की भूमिका निभाई और अंत में जागेश्वर मंदिर समूह के पीछे बह रही जटा गंगा से उठ रहे धुंए ने फोटो में एक ऐसा एलिमेंट डाला जो जागेश्वर की परिकल्पना को साकार करता है। एक अच्छे फोटो के पीछे इस तरह की कहानी हमेशा होती है और होनी भी चाहिए जो एक फोटो को बढ़िया फोटो बनाती है। मैं उत्तराखंड सरकार और विशेष रुप से नैनीताल जिला प्रशासन एवम जिलाधिकारी श्री धीराज सिंह गर्ब्याल जी का तहे दिल से आभार प्रकट करता हूं जो इस तरह के स्थानीय उत्पादों को एक मंच प्रदान कर लोकल फॉर वोकल की परिकल्पना को भी साकार करने की कोशिश कर रहे हैं।

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साभार : जयमित्र की फेसबुक वाल से

कौन हैं जयमित्र सिंह बिष्ट ?

अल्मोड़ा के प्रसिद्ध फोटोग्राफर्स में शामिल जयमित्र सिंह बिष्ट उत्तराखंड के जननायक , लोक वाहिनी के संस्थापक एवम राज्य आंदोलनकारी स्व डॉ शमशेर सिंह बिष्ट जी के ज्येष्ठ पुत्र हैं । उनकी गिनती अल्मोड़ा के प्रतिष्टित व्यवसाइयों में कई जाती है । अल्मोड़ा किताब घर के सफल संचालन के साथ साथ वर्ष 2004 से वह अल्मोड़ा में हिमालयन ज़ेफायर फ़ोटो आर्ट गैलरी को भी सफलतापूर्वक संचालित कर रहे हैं । वह सामाजिक सरोकारों एवम जनहित के मुद्दों से भी जुड़े रहते हैं और साथ ही अपने फोटोग्राफी के शौक को भी कायम किये हुए हैं ।

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