चमोली आपदा में प्रशासन , सेना और डिजास्टर रिलीफ के साथ बचाव कार्य जारी

चमोली आपदा में प्रशासन , सेना और डिजास्टर रिलीफ के साथ बचाव कार्य जारी

चमोली आपदा में प्रशासन , सेना और डिजास्टर रिलीफ के साथ बचाव कार्य जारी

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न्यूज़ डेस्क , नैनीताल ( nainilive.com ) – चमोली जिले के जोशीमठ स्थित धौलीगंगा नदी में अचानक आई बाढ़ से उपजी आपदा ने क्षेत्र में भयावह स्थिति पैदा कर दी. आपदा में रैणी के समीप स्थित ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना को भारी नुकसान के साथ ही तपोवन स्थित एनटीपीसी की विद्युत परियोजना का भी कुछ नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तुरंत क्षेत्र का दौरा कर बचाव एवं राहत कार्यों का जायजा लिया। वहीँ प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने भी उत्तराखंड में आयी इस आपदा पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। गृहमंत्री अमित साह , रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह , उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी सहित राज्यपाल बेबी रानी मौर्या ने भी दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है.

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जोशीमठ के रैणी में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद सचिवालय में पत्रकारों से वार्ता में कहा कि इस आपदा में प्रारम्भिक अनुमान के अनुसार लगभग 125 लोग लापता हैं। रैणी क्षेत्र के 5 लोगों की भी जान गई है। अब तक सात लोगों के शव बरामद किये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि मृतकों के आश्रितों को तात्कालिक रूप में 4-4 लाख की आर्थिक सहायता मंजूर की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा पहला उदेद्श्य जान माल की सुरक्षा का है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को जब खबर लगी तो उन्होंने उनसे फोन पर बात कर चिंता व्यक्त की और कहा कि मदद की जरूरत पड़ने पर वे मदद के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मृतक आश्रितों को 02-02 लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा भी की है।

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मुख्यमंत्री ने बताया की क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्य जोरों पर है. अब स्थिति नियंत्रण में है, खतरे वाली बात नहीं है। विद्युत परियोजना की सुरंग में मलबा अंदर तक जमा है और सुरंग तक पहुंचना अत्यंत कठिन था। मशीन का सुरंग में जाना मुश्किल था, इसलिए आईटीबीपी के जवान रोप के सहारे वहां पहुंचे। सुरंग में 35-40 फीट गाद जमा है। 250 मीटर लंबी इस सुरंग में अपने हौसले के जरिये जवान 150 मीटर तक पहुंच चुके हैं।

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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि एनडीआरएपफ की टीम दिल्ली से आई है और कल और जवान आएंगे। आर्मी, पैरामिलिट्री फोर्स और हमारे डाॅक्टर आपदा स्थल पर तैनात किए गए हैं। ऐरियल सर्वे कर उन्होंने स्वयं स्थिति का जायजा लिया। किसी भी प्रकार की जरूरत पड़ने पर वहां आर्मी, वायुसेना और राज्य के हेलीकाॅप्टर तैनात कर दिए हैं। हमारी मेडिकल टीम हर परिस्थिति के लिए तैयार है और 90 जवानों को भी वहां पहुंचा दिया गया है।

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जोशीमठ के रैणी क्षेत्र में आई इस भीषण आपदा में बचाव व राहत कार्यो के सम्बन्ध में आईटीबीपी के कमांडेंट शेंदिल कुमार ने बताया कि आईटीबी के 250 जवान रेस्क्यू स्थल पर पहुंच कर रेस्क्यू आॅपरेशन कर रहे हैं। जिसमें मेडिकल आॅफिसर सहित आठ आॅफिसर भी शामिल है। एनटीपीसी पाॅवर हाऊस के आस पास के ईलाके में कार्य कर रहे हैं। 10 से 15 लोग टनल में कहीं फंसे हैं, अभी अनुमान है कि ये लोग जिंदा है। इनको निकालने के प्रयास किये जा रहे हैं। गौचर में आईटीबीपी की आठवीं बटालियन की दो टीमें जिसमें 90 जवान हैं, घटना स्थल के लिए निकल चुके हैं। इसके अलावा गौचर एवं देहरादून में एक-एक कम्पनी आदेश की प्रतीक्षा कर रही है। उत्तरकाशी में मातली एवं महिडाण्डा में भी एक-एक कम्पनी इस टास्क के लिए तैयार है। इसके अलावा स्पेशलिस्ट माउंटयरिंग एवं स्कीइंग इंस्ट्टीयूट औली की दो टीमे तपोवन एरिया में पहुंच चुकी है।

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सेना के कर्नल श्री एस. शंकर ने बताया कि जोशीमठ से  सेना के 40 जवानों का एक दल तपोवन पहुंच गया है। एक दल जोशीमठ में है। दो सैन्य दल औली से जोशीमठ के लिए रिलीफ आॅपरेशन के लिए आ चुके हैं। रूद्रप्रयाग में दो सैन्य दल तैयार रखे गये है। एक इंजिनियरिंग टास्क फोर्स जोशीमठ से तपोवन पहुंच गया है। 02 मेडिकल आॅफिसर एवं दो एम्बुलेंस तपोवन पहुंच चुके हैं। आर्मी का हैलीपैड सिविल एडमिनिस्ट्रेशन के लिए चालू है। कम्यूनिकेशन के लिए सिविल लाईन चालू है। बरेली से दो हैलीकाॅप्टर भी जोशीमठ पहुंच गये हैं।

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