SC ने अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में सेबी को दिया 3 महीने का टाइम, 14 अगस्त तक अपनी जांच रिपोर्ट सौंपनी होगी

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नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी बुधवार को अडाणी-हिंडेनबर्ग मामले की जांच के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी को 3 महीने का अतिरिक्त समय दे दिया. अब सेबी को अपनी रिपोर्ट 14 अगस्त तक सौंपनी होगी. 2 मार्च को कोर्ट ने इस मामले में एक कमेटी बनाई थी और सेबी को भी जांच के लिए 2 महीने का समय दिया था. यानी उसे 2 मई तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी.

सेबी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान जांच के लिए 6 महीने की मोहलत मांगी. हालांकि, बेंच ने 6 महीने का समय देने से इनकार कर दिया. बेंच ने कहा कि वह अनिश्चित विस्तार नहीं दे सकती. हमने 2 महीने का समय दिया था और अब इसे अगस्त तक बढ़ा दिया है. यानी सेबी को कुल 5 महीने का समय मिल चुका है.

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मामले में अगली सुनवाई 11 जुलाई को

उधर इंडिपेंडेंट कमेटी की सौंपी गई जांच रिपोर्ट पर कोर्ट ने कहा कि उसे इस रिपोर्ट के विश्लेषण के लिए समय चाहिए. कमेटी की रिपोर्ट पक्षकारों को भी दी जाएगी. इस रिपोर्ट पर अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी. सीजेआई डॉ. धनंजय यशवंत चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जे बी पारदीवाला की बेंच ने इस पर सुनवाई की.

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प्रशांत भूषण ने किया था समय दिए जाने का विरोध

इससे पहले 15 मई को सुप्रीम कोर्ट ने सेबी की समय बढ़ाने की मांग वाली इस याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी थी. वहीं 12 मई को सुनवाई के दौरान एडवोकेट प्रशांत भूषण ने सेबी की इस याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि मार्केट रेगुलेटर 2016 से एक अन्य मामले में अडाणी ग्रुप की कंपनियों की जांच कर रहा है. ऐसे में सेबी को और समय देना सही नहीं है.

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इस दलील के बाद 15 मई को सेबी ने कोर्ट में एक एफिडेविट दायर किया था. इसमें बताया गया था कि अडाणी ग्रुप की कंपनियों की 2016 से जांच किए जाने के दावे फैक्चुअली बेसलेस है. सेबी ने बताया कि पहले जो जांच की गई थी वो 51 भारतीय कंपनियों की ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीट्स (जीडीआर) से जुड़ा था. इनमें अडाणी ग्रुप की कोई भी लिस्टेड कंपनी शामिल नहीं थी.

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