प्रो वाल्दिया का उल्लेखनीय कार्य शोधार्थियों का हमेशा पथ प्रशस्त करता रहेगा: प्रो एनके जोशी

प्रो वाल्दिया का उल्लेखनीय कार्य शोधार्थियों का हमेशा पथ प्रशस्त करता रहेगा: प्रो एनके जोशी

प्रो वाल्दिया का उल्लेखनीय कार्य शोधार्थियों का हमेशा पथ प्रशस्त करता रहेगा: प्रो एनके जोशी

Share this! (ख़बर साझा करें)

संतोष बोरा, नैनीताल ( nainilive.com)- उत्तराखण्ड के पहले भूगर्भशास्त्री एवं पद्मभूषण प्रो० खड़ग सिंह वाल्दिया के निधन पर कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति एवं प्राध्यापकों द्वारा शोक व्यक्त कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। प्रो० खड़ग सिंह वाल्दिया का जन्म श्री देव सिंह वाल्दिया और नंदा वाल्दिया के घर 20 मार्च 1937 को म्यांमार में हुआ था। 1947 में उनका परिवार उत्तराखंड में अपने गृहनगर पिथौरागढ़ लौट आया। पिथौरागढ़ में स्कूली शिक्षा के बाद, उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय में स्नातक (बीएससी), परास्नातक (एमएससी) और डॉक्टरेट (पीएचडी) की पढ़ाई की। वह 1981 में कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे।

यह भी पढ़ें : नैनीताल में आज पांच लोगों में हुई कोरोना की पुष्टि

प्रो वाल्दिया ने वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, सेंट्रल हिमालयन एनवायर्नमेंटल एसोसिएशन, जीबी पंत इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन एनवायरनमेंट एंड डेवलपमेंट, और कुमाऊं यूनिवर्सिटी के जियोलॉजी डिपार्टमेंट जैसे भूगर्भीय संस्थानों की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन किया। उन्होंने 110 से अधिक शोध पत्र एवं 14 किताबें लिखीं। उन्होंने 9 किताबों का संपादन भी किया और साथ ही विज्ञान को आमजन तक पहुंचाने हेतु हिंदी में भी 40 लेख लिखे।

यह भी पढ़ें : नारायण नगर में किंग कोबरा और अजगर के बीच हुवा खूनी संघर्ष, देखें वीडियो

उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए कुलपति प्रो एन के जोशी ने कहा कि 2007 में पद्मश्री एवं 2015 पद्मभूषण से सम्मानित प्रो० खड़ग सिंह वाल्दिया का भूविज्ञान और पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किया गया उल्लेखनीय कार्य शोधार्थियों का हमेशा पथ प्रशस्त करता रहेगा। उनके निधन पर पूरा विश्वविद्यालय शोकाकुल है।

यह भी पढ़ें : पिता बनने के आरोप में किशोर चढ़ा फांसी पर आखिर में जीजा ही निकला जैविक पिता


प्रो वाल्दिया एक उत्कृष्ट विद्वान, मार्गदर्शक और भूगर्भशास्त्री थे जिन्होंने पूरी निष्ठा, परिश्रम और समर्पण के साथ सेवा की एवं विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया। में ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और परिजनों को यह गहन दु:ख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं।

यह भी पढ़ें : पत्रकार की फेसबुक आईडी का क्लोन बनाकर की 15 हजार की ठगी

उनके निधन पर निदेशक डीएसबी परिसर प्रो एलएम जोशी, प्रो अतुल जोशी, प्रो संजय पंत, प्रो राजीव उपाध्याय, प्रो बी एस कोटलिया एवं सभी संकायाध्यक्षों, विभागाध्यक्षों सहित कर्मचारीगणों द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

यह भी पढ़ें : पूरे भारत में फिर मिले 70 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमित, अब तक कोरोना संक्रमण से 96 लाख लोग संक्रमित

Ad
नैनी लाइव (Naini Live) के साथ सोशल मीडिया में जुड़ कर नवीन ताज़ा समाचारों को प्राप्त करें। समाचार प्राप्त करने के लिए हमसे जुड़ें -

👉 Join our WhatsApp Group

👉 Subscribe our YouTube Channel

👉 Like our Facebook Page