केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने नैनीताल एवं ऊधमसिंह नगर जिले की वनभूमि पर कई दशकों से रह रहे लोगो को मालिकाना हक देने के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव से की मुलाकात

Share this! (ख़बर साझा करें)

न्यूज़ डेस्क , नैनीताल ( nainilive.com )- केन्द्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट ने बिन्दुखत्ता , दमुवाढूंगा समेत नैनीताल जिलें एवं ऊधमसिंह नगर जिले की वनभूमि पर कई दशकों से रह रहें सभी लोगो को मालिकाना हक देने के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव जी से मुलाकात की ।


श्री भट्ट ने कहा कि बिन्दुखत्ता , दमुवादूंगा , बग्गा -54 , हंसपुर खत्ता , घुनीखाल खत्ता , ओरईखत्ता , जैलाखाल खत्ता , रिखाल खत्ता , पीलापानी खत्ता , आमडण्डा खत्ता , रंजनागोट , गागापुरगोट , रिंगोड़ाखत्ता , रामपुर टोंगिया , बीड़ाखत्ता समेत कॉर्बेट टाईगर के आस – पास के पांच खत्ते , दो टोंगिया गांव , 12 मनगांव तथा सितारगंज में लोका , गोठा , वनखुईया , फिरोजपुर , बसगढ़ , पिपली , अरविन्द नगर के ढाई नम्बर , सात नम्बर एवं झाडीं नम्बर 9 जैसे गांवों एवं तोको में रहने वाले लोगों को जो आजादी से भी पहले से बसे हुए है , मालिकाना हक देने की जोरदार वकालत की है । श्री भट्ट ने कहा कि सांसद बनते ही मैंने इन सभी गांवों एवं तोको को मालिकाना हक देने की बात संसद में उठाई , उसके बाद पूरे विषयों पर जांच भी हुई लेकिन माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार पूरे मामले पर रोक लगा दी गई ।

यह भी पढ़ें 👉  लालकुआं विधायक डॉ मोहन बिष्ट ने डीएम नैनीताल के सामने रखीं लालकुआं विधानसभा की समस्याएं

श्री भट्ट ने मंत्री जी को अवगत कराया कि आज नहीं तो कल हमको यह भूमि जनहित को मद्देनजर रखते हुए , काबिज कब्जेदारों को देनी ही पड़ेगी क्योंकि इन स्थानों पर कोई भी वनभूमि नहीं है । यहाँ पर लोग लगभग 70 साल से भी ज्यादा समय से रह रहें है । कुछ स्थानों पर तो पीढ़ी दर पीढ़ी लोग रहते आये है । लोगों ने अपने पक्के मकान , शौचालय बनाये है । बिजली एवं पानी हर एक के घर में सरकार द्वारा स्वीकृत्त किये गये है ।

यह भी पढ़ें 👉  दुखद समाचार: डीएसबी परिसर के संस्कृत विभाग में कार्यरत बची सिंह बिष्ट का हुआ असामयिक निधन, कूटा ने जताया शोक


श्री भट्ट ने कहा , यहाँ पर इण्टरमीडिएट कॉलेज एवं प्राईमरी विद्यालय , समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र , ऑगनबाड़ी केन्द्र , चिकित्सालय एवं कई स्थानों पर सड़के बनी हुई है । कोविड के समय सभी जगहों पर कोविड सेन्टर बनाकर ईलाज किया गया । श्री भट्ट ने केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव जी को कहा , चाहे रिकॉर्ड में यह भूमि वनभूमि के रूप में दर्ज हो लेकिन प्रत्यक्ष रूप से इन जगहों पर कोई वन नहीं है । लोग यहाँ पर कृषि कार्य कई सालों से करते आ रहें है तथा पक्के मकान बनाकर रह रहें है ।

श्री भट्ट ने वन एवं पर्यावरण मंत्री जी को जोर देकर कहा कि जनहित को मद्देनजर रखते हुए बिन्दुखत्ता , दमुवादूंगा समेत सभी स्थानों का भौतिक निरीक्षण करना नितान्त आवश्यक हो गया है , तभी वास्तविक स्थिति माननीय सर्वोच्च न्यायालय तक जायेगी । उन्होंने सभी स्थानों का भौतिक निरीक्षण कर वास्तविकता का पता लगाने का अनुरोध किया है ताकि इन स्थानों पर रह रहें लोगों को मालिकाना हक मिल सकें । वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव जी ने पूरी तरह से सकारात्मक रूख अपनाते हुए भविष्य में अतिशीघ्र एक उच्च स्तरीय बैठक कराने का आश्वासन दिया है । ताकि वास्तविक स्थिति से माननीय सर्वोच्च न्यायालय को अवगत कराया जा सके । श्री भट्ट ने यह भी अवगत कराया कि इस संबंध में वे उत्तराखण्ड सरकार को पूर्व में ही सर्वोच्च न्यायालय के मत से अवगत करा चुके है ।

यह भी पढ़ें 👉  Nainital : जिला बार संघ ने कार्यक्रम आयोजित कर न्यायिक अधिकारियों को दी विदाई
नैनी लाइव (Naini Live) के साथ सोशल मीडिया में जुड़ कर नवीन ताज़ा समाचारों को प्राप्त करें। समाचार प्राप्त करने के लिए हमसे जुड़ें -

👉 Join our WhatsApp Group

👉 Subscribe our YouTube Channel

👉 Like our Facebook Page