ग्रहों के बाद तारों के सफर में वॉयेजर – 1

ग्रहों के बाद तारों के सफर में वॉयेजर - 1

ग्रहों के बाद तारों के सफर में वॉयेजर - 1

Share this! (ख़बर साझा करें)

-आज ही के दिन 2012 में हमारे सौरमंडल से बाहर निकला था ये अमेरिकी यान

  • वर्तमान में धरती से 13 अरब मील दूर है वॉयेजर
  • 1977 में अंतरिक्ष में प्रक्षेपण किया गया था इस यान को

न्यूज़ डेस्क , नैनीताल ( nainilive.com) – आज ही के दिन 2012 में अमेरिकी अंतरिक्ष यान वॉयेजर 1 सौरमंडल के बाहर निकला थे। ये दिन धरतीवासियों के लिए ऐतिहासिक दिन था। वॉयेजर 1 को 1977 में छोड़ा गया था।  अच्छी बात ये है कि आज भी ये यान बहुत अच्छा काम कर रहा है और इसके अगले पांच और काम करने की उम्मीद बनी हुई है। 


अंतरिक्ष में अब तक का लंबा सफर तय करने वाले वायोज़र 1 ने दूर अंतरिक्ष में खोज की दुनिया में कई कीर्तिमान स्थापित किये हैं। हमारे सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति, शनि, अरुण व वरुण के कई रहस्यों को उजागर किये हैं, साथ ही उनके चन्द्रमाओं के बारे में भी पता लगाने के साथ अनेक जानकारियां दी हैं। अब ये यान हमारे सौरमंडल से बाहर का सफर कर रहा है तो निश्चिन्त ही अंतरतारकीय अंतरिक्ष की  कई तरह की जानकारियां जुटाएगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि अंतरिक्ष के किसी अन्य स्थान पर जीवन होने को लेकर वॉयेजर क़ामयाबी हासिल कर सकता है। 
वर्तमान में वॉयेजर पृथ्वी से 13 अरब मील दूर है। इस दूरी से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मानव विज्ञान की ये प्रगति अद्वितीय है। ये यान 38000 मील प्रति घंटे की रफ्तार से अपनी सफर तय कर रहा है। वह एक दिन में 10 लाख मील की यात्रा कर रहा है। खाश बात ये है कि प्रकाश की गति से लगातार धरती को अपने संदेश भेज रहा है। धरती तक संदेश पहुचने में 13.8 घन्टे का समय लगता है।

नैनी लाइव (Naini Live) के साथ सोशल मीडिया में जुड़ कर नवीन ताज़ा समाचारों को प्राप्त करें। समाचार प्राप्त करने के लिए हमसे जुड़ें -

👉 Join our WhatsApp Group

👉 Subscribe our YouTube Channel

👉 Like our Facebook Page