जनमत संग्रह के बयान से पलटीं ममता, बोलीं- ओपीनियन पोल की कही थी बात
कोलकाता ( nainilive.com)- नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की निगरानी में जनमत संग्रह कराने वाले बयान पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी यूटर्न लेती नजर आईं. उन्होंने अपने इस बयान को लेकर कहा कि मैंने स्वतंत्र संस्था के जरिये जनमत कराने की बात कही थी. इसका उदाहरण देते हुए मैंने संयुक्त राष्ट्र का उल्लेख किया था, क्योंकि मैं चाहती हूं कि निरपेक्ष विशेषज्ञों की देखरेख में जनमत हो.
उधर, ममता के बयान पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और प्रकाश जावडेकर ने उन पर हमला बोल दिया है. ईरानी ने बयान को संसद का अपमान करार दिया है तो जावडेकर ने कहा कि ममता को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए. इतना ही नहीं, पश्चिम बंगाल में भाजपा चीफ दिलीप घोष ने कहा है कि ममता पाकिस्तान की भाषा बोल रही हैं.
गौरतलब है कि गुरुवार को सीएए-एनआरसी के खिलाफ तृणमूल की युवा व छात्र इकाई की ओर से कोलकाता में आयोजित सभा के मंच से बोलते हुए ममता बनर्जी ने कहा था कि “पूरे देश में जनमत संग्रह हो. आप (पीएम मोदी) नहीं करेंगे. तृणमूल के भी रहने की जरूरत नहीं है. संयुक्त राष्ट्र करेगा. राष्ट्रीय मानवाधिकार के प्रतिनिधि रहेंगे. उन्हें लेकर कमेटी गठित की जाए. हम भी यह देखना चाहते हैं कि आखिर सीएए-एनआरसी कितने लोगों को मंजूर है. हार गए तो इस्तीफा देना होगा, मंजूर है?”
जिद छोड़ राजधर्म का पालन करें पीएम
ममता बनर्जी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीएए और एनआरसी को वापस लेने और राजधर्म पालन करने की अपील की. उन्होंने कहा कि देशभर में कानून को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर जिद छोड़कर जिम्मेदारी लेनी होगी. पूरा देश जल रहा है. आग को बुझाने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज अगर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी होते तो राजधर्म की याद दिलाते.
ममता बनर्जी ने कहा कि अगर नागरिकता संशोधन कानून इतना ही अच्छा है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आपने इसके लिए संसद में वोट क्यों नहीं डाला? आप (पीएम) दो दिन संसद नहीं आए. जब आपने वोट नहीं डाला तो मुझे लगा कि आप भी इस कानून के पक्ष में नहीं हैं. आप इस कानून को खारिज कर दीजिए.
23 दिसंबर से 01 जनवरी तक आंदोलन की घोषणा
ममता बनर्जी ने राज्यव्यापी जुलूस और सभाएं करने के साथ आंदोलन को और अधिक धारदार बनाने का संकेत दिया है. उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के स्थापना दिवस 01 जनवरी को नागरिक दिवस के रूप में मनाने की बात कही है. साथ ही 23 दिसंबर से 01 जनवरी 2020 तक लगातार आंदोलन की घोषणा की है.
यूएन वाले बयान को लेकर केंद्रीय कपड़ा एवं महिला व बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने ममता बनर्जी की निंदा की. उन्होंने कहा कि ममता का यह बयान संसद का अपमान है. स्मृति ईरानी शुक्रवार को कोलकाता एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में बतौर अतिथि पहुंची थी.
ममता बनर्जी के बयान पर जाने-माने कवि कुमार विश्वास ने भी पलटवार किया है. उन्होंने सवाल किया कि भारत के आंतरिक मामले में यूएन? विश्वास ने ट्वीट करके कहा कि राजनैतिक विरोध-विद्वेष सब ठीक है दीदी, जमकर करिए, जोरदार तरीके से करिए, सब साथ आएंगे, पर देश के आंतरिक मतभेद में विदेशी पंच बुलाने की बात बेहद घटिया और खेदजनक है. उन्होंने आगे कहा कि यहीं लड़िए, जीतिए, कानून बनाइए, बदलिए, बाकी यूएन या किसी भी विदेशी पंच की ऐसी की तैसी.
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