महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे होंगे सीएम, बैठक के बाद तीनों दलों ने जताई सहमति

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नई दिल्ली. महाराष्ट्र  में सरकार गठन को लेकर चल रहे असमंजस शुक्रवार को शाम खत्म हो गया. वर्ली के नेहरू सेंटर में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं के बीच चली मैराथन बैठक के बाद उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने की घोषणा शरद पवार ने कर दी है. बीते 27 दिनों से महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर असमंजस बना हुआ था और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है.

बैठक के बाद शरद पवार ने कहा कि तीनों दल उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के लिए राजी हो गए हैं. शिवसेना , एनसीपी और कांग्रेस के बीच मिलकर सरकार बनाने की सहमति बन चुकी है और आज होने वाली तीनों दलों की अहम बैठक बाद सरकार बनाने की घोषणा किए जाने की संभावना जताई जा रही थी.

बताते चलें कि इससे पहले कांग्रेस के संजय निरूपम ने शुक्रवार को एक बार फिर पार्टी को चेतावनी दी है कि शिवसेना के साथ जाने से भाजपा को फायदा होगा. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हमारे नेता कह रहे हैं कि हम भाजपा को रोकने के लिए शिवसेना के साथ हाथ मिलाकर खतरा मोल ले रहे हैं. मगर, सरकार बनाने के लिए तीन पार्टियों का यह गठबंधन कितने दिन चलेगा? उन्होंने आगे लिखा कि या तो भाजपा किसी के साथ मिलकर सरकार बनाएगी या फिर से चुनाव होंगे. दोनों ही स्थितियों में भाजपा को फायदा होगा और कांग्रेस को नुकसान.

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खबर है कि एनसीपी के बाद कांग्रेस भी उद्धव ठाकरे को सीएम बनाने पर राजी हो गई है. कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण उपमुख्यमंत्री बन सकते हैं. सरकार बनाने में शरद पवार की भूमिका सबसे अहम है. महाराष्ट्र की इस सरकार पर नजर रखने के लिए एक कमेटी भी बनाई जा सकती है जो दिल्ली में बैठेगी. कोशिश है कि नवंबर में ही नई सरकार का शपथ ग्रहण हो जाए.

महाराष्ट्र में भाजपा के दिग्गज नेता नितिन गडकरी ने कहा है कि शिवसेना अवसरवादी है और एनसीपी-कांग्रेस के साथ उसका यह गठबंधन 6-8 महीने भी नहीं चलेगा. गडकरी के अनुसार, इन तीनों दलों का साथ आना ही अवसरवादिता को दर्शाता है.

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महाराष्ट्र में अभी सरकार की तस्वीर साफ नहीं है, लेकिन शिवसेना लगातार मुख्यमंत्री पद का दांवा कर रही है. अब इस नया मोड़ भी आया है. दरअसल, संजय राउत शुरू से कर रहे हैं कि उद्धव ठाकरे ही सीएम बनेंगे, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उद्धव खुद मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठना चाहते हैं. इसके बाद संजय राउत का नाम इस पद के लिए चल पड़ा है. हालांकि यह सवाल भी है कि क्या एनसीपी या कांग्रेस इसके लिए राजी होंगे.

शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने दोहराया कि महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री पूरे पांच साल के लिए होगा.इस बीच,शिवसेना खेमे से खबर है कि उद्धव ठाकरे सीएम बनने को राजी नहीं है. ऐसै में अरविंद सावंत और सुभाष देसाई के नाम पर विचार हो सकता है, लेकिन सवाल है कि क्या बाकी दोनों दल इसके लिए राजी होंगे. कारण – एनसीपी में भी अपना सीएम बनाने की मांग उठ रही है.

इससे पहले शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने मंजूरी दे दी. महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर सबसे बड़ा असमंजस कांग्रेस के अंदर ही था. वह कट्टर हिंदुत्व की छवि वाली शिवसेना के साथ जाने में थोड़ा असहज महसूस कर रही थी. पार्टी के अंदर नेताओं के दो धड़े बन चुके थे. बहरहाल, करीब एक सप्ताह से जारी ताबड़तोड़ बैठकों के दौर के बाद यह सहमति बन गई है कि सरकार बनाना है तो तीनों में से हर दल को कुछ तो समझौता करना ही होगा.

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अभी कांग्रेस और एनसीपी नेताओं की ओर से सरकार के प्रारूप पर कोई सूचना नहीं दी गई है लेकिन माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद पर फिफ्टी-फिफ्टी का फार्मूला लागू होगा. यानी पहले ढाई साल शिवसेना का सीएम होगा और बाकी के ढाई साल एसीपी का. उपमुख्यमंत्री पद पूरे पांच साल कांग्रेस के पास रहेगा, जिसके लिए पृथ्वीराज चव्हाण का नाम आगे किया गया है. चव्हाण के पास ही यह जिम्मेदारी होगी कि कांग्रेस से कौन-कौन मंत्री बनेगा.

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