कोरोना को कंट्रोल करने के लिए भारत के पास 30 दिन, आईसीएमआर महानिदेशक ने बताया खतरे की घंटी
नई दिल्ली ( nainilive.com)- भारत में कोरोना को नियंत्रित करने के लिए 30 दिन का समय है. यदि इस अवधि में इसमें कंट्रोल नहीं किया तो यह व्यापक रूप धारण कर सकता है, यह चेतावनी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने दी है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि कोरोना वायरस के 85 मामले सामने आ चुके हैं.
जिसके बाद देश में कोरोना का खतरा दूसरे चरण में पहुंच चुका है. अगर इस पर जल्द नियंत्रण नहीं पाया गया तो ये खतरा तीसरी स्टेज पर भी पहुंच सकता है.
भार्गव की चेतावनी के मुताबिक, कोरोना को तीसरे चरण पर जाने से रोकने के लिए सरकार के पास सिर्फ 30 दिन का वक्त है. इस समय सीमा के अंदर ही सरकार कोविड- 19 का संक्रमण सामुदायिक स्तर पर फैलने से रोक सकती है. इसके लिए केंद्र सरकार को तत्परता दिखानी होगी. फिलहाल भारत ने कोरोना के संक्रमण को स्थानीय स्तर तक फैलने से रोकने में बखूबी सफलता हासिल की है. यहीं वजह है कि कोविड- 19 का संक्रमण व्यक्तिगत स्तर पर ही सीमित है. देश के किसी भी इलाके में पूरा का पूरा समुदाय इससे पीडि़त नहीं है, लेकिन देश के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती है इसे आगे फैलने से रोकना और उस पर विराम लगाना.
सरकार के प्रयास संतोषजनक, लेकिन सतर्कता जरूरी
भार्गव ने आग कहा कि कोरोना को लेकर सरकार का प्रयास संतोषजनक है. सरकार इसे रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. आईसीएमआर के मुख्य महामारी विशेषज्ञ डॉ. आरआर गंगाखेड़कर ने कहा, अभी फिलहाल कोविड- 19 के लक्षण वालों की ही जांच हो रही है. अभी फ्लू के लक्षणों वाले हर व्यक्ति की जांच की जरूरत नहीं है. गंगाखेड़कर ने कहा, जो लोग कोरोना प्रभावित देशों से लौटे हैं और जो इनके संपर्क में आए हैं, उनकी भी जांच की जरूरत तभी है, जब उनमें बीमारी के कुछ लक्षण दिखें. क्योंकि बिना लक्षण की जांच के ज्यादातर रिजल्ट नेगेटिव आएंगे. तब वो आगे लक्षण दिखने के बाद भी लापरवाही दिखाएंगे. जिसके बाद रोग के प्रसार का खतरा बढ़ जाएगा. वहीं, संस्था के वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस तीसरे चरण में पहुंचता है तो जांच को लेकर रणनीति बदल सकती है.
क्या होता है तीसरा चरण
– कोरोना के तीसरे चरण में इस वायरस का संक्रमण व्यापक स्तर पर लोगों में फैलने लगता है. इसके बाद चौथा चरण आता है और बीमारी महामारी का रूप धारण कर लेती है. फिर इस पर काबू पाना बहुत मुश्किल हो जाता है.
– आपको बता दें कि चीन और इटली कोविड- 19 के छठे चरण में पहुंच चुके हैं. यहीं वजह है कि यहां एक दिन में सैकड़ों लोगों की मौतें हो रही हैं.
भारत की यह है तैयारी
-भारत के पास कोरोना से लडऩे के लिए कितनी तैयारी है इस पर बोलते हुए भार्गव ने बताया कि अभी आईसीएमआर के नेटवर्क में 106 वायरस रिसर्च और डायग्नोस्टिक लैब्स हैं. भार्गव के मुताबिक, इन लैब्स की क्षमता मौजूदा जरूरतों से ज्यादा है. इसके अलावा 51 लैब्स में हर दिन 4,590 जांच हो सकती है. अभी फिलहाल हमें सिर्फ 60 से 70 सैंपल्स ही मिल रहे हैं. अगर भविष्य में हमे जरूरत हुई तो उसकी व्यवस्था की जाएगी.
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