जेएनयू में फिर बवाल , आईशी घोष समेत घायल सभी छात्र एम्स से डिस्चार्ज, कई जगह प्रदर्शन
नई दिल्ली (nainilive.com)- जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में एक बार फिर सुर्खियों में है. रविवार 5 जनवरी की देर रात को कैंपस में जमकर मारपीट हुई. जिसमें कई छात्र-छात्राएं घायल हुए. फिलहाल एम्स में भर्ती सभी घायलों को छुट्टी दे दी गई है. वहीं, दिल्ली पुलिस जल्द एफआईआर दर्ज करने की बात कह रही है. मुंबई-पुणे, कोलकाता समेत देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में छात्र सड़कों पर उतर आए हैं. इसको लेकर राजनीति भी तेज हो गई है.
वहीं, हिंसा में घायल सभी छात्र डिस्चार्ज हो गए हैं. छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष भी डिस्चार्ज हो गई हैं. एम्स का कहना है कि सभी छात्र-छात्राओं को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है.
जेएनयू हिंसा पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने हमला किया है. उन्होंने कहा कि जेएनयू कैंपस पर हमला पूर्व नियोजित था. हमले में जेएनयू प्रशासन का समर्थन था. गुंडे भाजपा के थे. दिल्ली पुलिस एक मूकदर्शक थी, क्योंकि छात्रों-शिक्षकों को पीटा गया था.
जेएनयू छात्रसंघ ने हिंसा पर बयान जारी किया है. छात्रसंघ का कहना है कि वाइस चांसलर के इशारे पर हिंसा हुई. चार साल से वाइस चांसलर आरएसएस की मदद कर रहे हैं.
मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर रविवार रात को जवाहर लाल विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई हिंसा के खिलाफ कुछ छात्र आधी रात से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने इस हमले की निंदा की है. जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और कुणाल कामरा उस समूह का हिस्सा थे जिन्होंने जेएनयू छात्रों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए कैंडल मार्च निकाला.
वहीं, घटना को लेकर बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने हमला किया. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि जेएनयू में छात्रों व शिक्षकों के साथ हुई हिंसा अति-निन्दनीय व शर्मनाक है. केन्द्र सरकार को इस घटना को अति-गम्भीरता से लेना चाहिए. साथ ही इस घटना की न्यायिक जांच हो जाए तो यह बेहतर होगा.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि छ्वहृ विश्वविद्यालय के छात्राओं के हॉस्टल में रात को घुस कर एबीवीपी के गुण्डों द्वारा जो मारपीट की है, उसकी मैं घोर निंदा करता हूं. दिल्ली पुलिस देखती रही. क्या भारत के गृह मंत्री पर जवाबदारी नहीं बनती? गृह मंत्री या तो इन गुण्डों पर सख़्त कार्रवाई करें या इस्तीफ़ा दें.
जेएनयू में हुए बवाल को लेकर दिल्ली पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस को अभी तीन शिकायतें मिली हैं, हालांकि मामले में अभी पुलिस ने केस दर्ज किया गया है या नहीं, इसका पता नहीं चल पाया है. वहीं, दिल्ली पुलिस ने कहा कि जेएनयू हिंसा पर कई शिकायतें आई हैं. जांच की जा रही है. जल्द ही मामले में एफआईआर दर्ज की जाएगी. दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि गृहमंत्रालय ने जेएनयू मामले में जांच बैठा दी है. गृहमंत्रालय ने आदेश दिया था कि आईजी स्तर की पुलिस अधिकारी मामले की जांच करेगा.
पश्चिमी परिक्षेत्र की संयुक्त पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह मामले की जांच करेंगी. जेएनयू छात्रसंघ ने मारपीट व तोडफ़ोड़ का एबीवीपी पर आरोप लगाया है, जबकि, एबीवीपी का कहना है कि यह सब लेफ्ट ने किया है. बताया जाता है कि नकाब पहने 40 से 50 युवकों की भीड़ कैंपस में पहुंची और हॉस्टल में घुसकर हमला किया. कई वाहनों को तोड़ दिया गया. देर रात तक 23 घायलों को एम्स ट्रामा और
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