दुर्लभ बीमारी से जूझ रही बच्ची, पेड़ की तरह बदल रही शरीर की त्वचा

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रायपुर (nainilive.com) छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर में आठ साल की बच्ची एक दुर्लभ किस्म की बीमारी से जूझ रही है. उसके शरीर की त्वचा रंग और आकार तेजी के साथ बदल रहा है और त्वचा पेड़ की छाल की तरह होती जा रही है. इस अत्यंत दुर्लभ स्थिति को ट्रेमैन सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है.

छत्तीसगढ़ में इस बीमारी का यह पहला मामला हाल ही में सामने आया. इसके बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बच्ची के उपचार में सरकार की ओर से हर संभव मदद की बात कही है. सरकार की पहल पर बच्ची का उपचार इन दिनों रायपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है. इसी बीमारी से दुर्ग जिले में भी एक बच्चे के पीड़ित होने की जानकारी मिली है.

दक्षिण बस्तर में दंतेवाड़ा जिले में इंद्रावती नदी के किनारे बारसूर ब्लॉक के तुमरी गुंडा गांव में बच्ची अपने परिवार के साथ रहती है.

उसके परिजनों का कहना है कि जन्म के लगभग एक साल बाद समस्या शुरू हुई. बच्ची के पिता एक छोटे किसान हैं. वे बताते हैं कि पहले बच्ची के बाएं पैर में एक छोटा मस्सा था.

मस्से का विस्तार होने लगा और धीरे-धीरे उसके दोनों पैरों में छल्ले बनने लगे. समय के साथ यह पूरे पैर में फैल गया और अब बच्ची की गर्दन तक इसका विस्तार हो चुका है. इस तरह की शारीरिक स्थिति के साथ बच्ची बेहद पीड़ा के दौर से भी गुजर रही है.

डॉक्टरों के मुताबिक इस बीमारी को एपिडर्मोडिसप्लासिया वर्चुफॉर्मिस भी कहा जाता है. चिकित्सकीय शोधों के अनुसार यह अत्यंत दुर्लभ वंशानुगत त्वचा विकार है जो त्वचा कैंसर के एक उच्च जोखिम से जुड़ा है. आमतौर पर 1 और 20 वर्ष की आयु के लोगों में यह विकास होता है.

एक अनुमान के अनुसार, दुनिया भर में केवल 200 लोग ही इस दुर्लभ विकार से पीड़ित हैं. डॉक्टरों के मुताबिक अभी तक इस बीमारी का कोई कारगर इलाज नहीं मिला है.

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