जाने क्या है प्रोस्टेट हाइपरट्रोफी (Prostate Hypertrophy )? और आयुर्वेदा में क्या है इसका उपचार .. हिमान आयुर्वेदा की डॉ. हिमानी पांडेय से

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डा0 हिमानी पाण्डे, बी.ए.एम.एस.,नैनीताल (nainilive.com) – प्रोस्टेट (Prostate) को आयुर्वेद में पॅारुष ग्रन्थि कहते है। प्रत्येक पुरुष में प्रास्टेट (Prostate) नाम की ग्रन्थि मौजूदा होती है, यह पुरूष के प्रजनन तंत्र का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। यह अखरोट के आकार की होती है। यह ग्रन्थि पुरुष की गुदा के अंदर सामने की तरफ व पेशाब की थैली के ठीक नीचे होती है, इसके चारों तरफ पेशाब की नली होती है। इस नली के माध्यम से पेशाब यूरिनरी ब्लैडर से होती हुई पुरुष के लिंग के सिरे से शरीर के बाहर आती है। प्रोस्टेट से एक चिपचिपा, पतला व दुग्ध के समान स्राव निकलता है जो शरीर के शुक्राणु ;स्पर्मद्ध का पोषण करता है व पेशाब की नली को चिकना बनाता है।
पुरुषों में प्रोस्टेट बढ़ने की समस्या 40 वर्ष की उम्र के बाद अधिक होती है। प्रोस्टेट के बढ़ने की समस्या को बिनाइन प्रास्टेटिक हाइपरटप्ला जिया या प्रास्टेट हाइपरट्रोफी (Prostate Hypertrophy) कहते है।


जब प्रोस्टेट बढ़ने लगता है तो शुरूआती अवस्था में पेशाब की थैली की मांसपेशियां मोटी हो जाती है जिसके कारण पेशाब की नली पर दबाव पड़ता है व उसका रास्ता छोटा होने लगता है, इसके कारण पेशाब की थैली की मांसपेशियां अधिक संवेदनशील हो जाती है जिसके कारण बार-बार या अचानक से पेशाब होने जैसा महसूस होने लगता है।

क्या हैं इस बीमारी के कारण-

  1. उम्र बढ़ना
  2. बैक्टीरियल संक्रमण
  3. हार्मोनल परिवर्तन
  4. शारीरिक एवं मानसिक परेशानियां
  5. आनुवांशिक कारण
  6. दर्द को कम करने वाली दवाओं का अधिक सेवन
  7. गलत खान पान
  8. मोटापा, आदि

क्या हैं इस बीमारी के लक्षण-

  1. पेशाब करने में कठिनाई होना।
  2. पेशाब करते समय दर्द या जलन होना
  3. रात के समय पेशाब का अधिक मात्रा में बार बार होना
  4. पेशाब की घाट या वेग का कम होना।
  5. पेशाब के साथ खून आना।
  6. पेशाब को रोक पाने में असमर्थता ;अपने आप पेशाब हो जानाद्ध
  7. बंूद बूदं कर पेशाब का होना
  8. पेशाब करने के बाद भी ऐसा महसूस होना की अभी पेशाब पूरी तरह से नही हुई है।

अपने आहार – विहार में क्या और किन चीजों का रखे ध्यान –

  1. शाम के बाद बहुत ही कम मात्रा मे तरल पदार्थ व पानी का सेवन करें, इससे रात में अधिक मात्रा में होनी वाली पेशाब में कमी आएगी।
  2. तम्बाकू, चाय, काफी, धूम्र्रपान, शराब आदि का सेवन बंद कर दें।
  3. अधिक मात्रा में कलफल एवं सब्जियों का सेवन करें।
  4. अधिक समय तक आराम न करे, शरीर को गर्म बनाए रखें।
  5. जब भी पेशाब का वेग आए तो उसे रोके नहीं। वेग महसूस होने पर जितनी जल्दी हो सके पेशाब करें।

आयुर्वेदा चिकित्सा में क्या है इसका निदान –
आयुर्वेद मे कई ऐसी औषधियां है जो इस व्याधि में लाभ प्रदान करती है। इसलिए चिकित्सक परामर्शानुसार उचित औषधियों का सेवन कर लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

अधिक जानकारी एवं उपचार के लिए आप हमारे क्लिनिक – हिमान आयुर्वेदा क्लिनिक ( Himan Ayurveda Clinic) , 18 , तल्लीताल बाजार ( गंगा स्टोर के सामने) , तल्लीताल , नैनीताल में संपर्क कर सकते हैं।

ईमेल द्वारा संपर्क – himanayurveda@gmail.com

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