मोदी सरकार बनी श्रीराम मंदिर ट्रस्ट की पहली दानदाता , नकद में दिया एक रूपये का दान

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नयी दिल्ली ( nainilive.com )- अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित  ट्रस्ट श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को पहला दान मिल गया है. केंद्र की मोदी सरकार ने ट्रस्ट को एक रुपये का दान नकद में दिया ताकि ट्रस्ट अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का कार्य आरंभ कर सके.

केंद्र सरकार की ओर से यह दान ट्रस्ट को गृह मंत्रालय में अवर सचिव डी. मुर्मू ने दिया. अधिकारी ने बताया कि ट्रस्ट अचल संपत्ति समेत बिना किसी शर्त के किसी भी व्यक्ति से किसी भी रूप में दान, अनुदान, अंशदान, योगदान ले सकता है. शुरुआत में तो ट्रस्ट वरिष्ठ अधिवक्ता के. परासरण के आवास से कार्य करेगा लेकिन बाद में इसका स्थायी कार्यालय खोला जाएगा. 

बता दें कि बुधवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी के कुछ देर बाद पीएम मोदी ने राम मंदिर निर्माण की योजना और इसके लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र नामक ट्रस्ट के गठन की सूचना लोकसभा में दी.

केंद्र सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए नवगठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सदस्यों के नामों की बुधवार को घोषणा की. सदस्यों में वरिष्ठ अधिवक्ता के. परासरण, जगदगुरु शंकराचार्य, ज्योतिषपीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज (इलाहाबाद),

जगदगुरु माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज (उडुपी के पेजावर मठ से), युगपुरुष परमानंद जी महाराज (हरिद्वार), स्वामी गोविंददेव गिरि जी महाराज (पुणे) और विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र (अयोध्या) शामिल हैं.

इसके अतिरिक्त कुछ और न्यासी भी होंगे जिनके नाम हैं-  अयोध्या से होम्योपैथिक चिकित्सक अनिल मिश्रा, अनुसूचित जाति के सदस्य के रूप में पटना से के. चौपाल और निर्मोही अखाड़ा की अयोध्या बैठक से महंत दिनेंद्र दास. दो प्रमुख हिंदू नामित सदस्यों के नामों पर प्रतिनिधिमंडल के सदस्य बहुमत से फैसला लेंगे.

एक हिंदू प्रतिनिधि को केंद्र सरकार मनोनीत करेगी, जो आईएएस सेवा में कार्यरत होगा और भारत सरकार में संयुक्त सचिव स्तर या उससे नीचे के रैंक का नहीं होगा. उक्त प्रतिनिधि पदेन होगा. एक हिंदू प्रतिनिधि को उत्तर प्रदेश सरकार मनोनीत करेगी.

प्रतिनिधि ऐसा आईएएस अधिकारी होगा जो उत्तर प्रदेश सरकार में सचिव पद से नीचे के रैंक का न हो. अयोध्या के जिला कलेक्टर इसके पदेन ट्रस्टी होंगे, जो हिंदू होंगे. यदि अयोध्या का जिला कलेक्टर हिंदू न हो तो अतिरिक्त कलेक्टर,

जो हिंदू हो उसे पदेन सदस्य बनाया जाएगा. राम मंदिर परिसर के विकास एवं प्रशासन से संबंधित समिति के अध्यक्ष की नियुक्ति न्यासी प्रतिनिधिमंडल करेगा. अध्यक्ष एक हिंदू होगा जो पदेन सदस्य भी होगा. 

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