सरोवर नगरी का 179वां हैप्पी वाला जन्म दिन

सरोवर नगरी का 179वां हैप्पी वाला जन्म दिन

सरोवर नगरी का 179वां हैप्पी वाला जन्म दिन

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संतोष बोरा , नैनीताल ( nainilive.com )- 18 नवम्बर सरोवर नगरी का जन्मदिन है और आज नैनीताल को पूरे 178 साल का हो चुका हैं. इन 178 सालों में सरोवर नगरी ने तमाम उतार -चढ़ाव पार किए हैं. जिसकी बानगी आज भी देखने को मिलती है।

18 नवम्बर 2020 को सरोवर नगरी ने अपने स्थापना के 178 साल पूरे कर लिये है, आज ही के दिन 1841 में अंग्रेज व्यपारी पीटर बैरन ने नैनीताल की खोज की थी. समुद्ध तल से 1938 मीटर ऊंचाई पर स्थित नैनीझील इस शहर का प्रमुख आर्कषण है. जिसका दीदार करने देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर से सैलानी आते हैं. टिफिन टाप, हिमालय दर्शन चायना पीक कई दर्शनीय स्थल यहां मौजूद है. इसके अलावा दर्जनों ऐतिहासिक इमारतें आज भी ब्रिटिस काल की याद दिलाती है।

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बताया जाता है कि पीटर बैरन ने इस इलाके के थोकदार से स्वयं बातचीत की वे इस सारे इलाके को उन्हें बेच दें पहले तो थोकदार नरसिंह तैयार हो गये थे, परन्तु बाद में उन्होंने इस क्षेत्र को बेचने से मना कर दिया. बैरन इस अंचल से इतने प्रभावित थे कि वह हर कीमत पर नैनीताल के इस सारे इलाके को अपने कब्जे में कर, एक सुन्दर नगर बसाने की योजना बना चुके थे. जब थोकदार नरसिंह इस इलाके को बेचने से मना करने लगे तो एक दिन बैरन साहब अपनी किश्ती में बिठाकर नरसिंह को नैनीझील में घुमाने के लिए ले गये और बीच में ले जाकर उन्होंने नरसिंह से कहा कि तुम इस सारे क्षेत्र को बेचने के लिए जितना रुपया चाहो, ले लो, परन्तु यदि तुमने इस क्षेत्र को बेचने से मना कर दिया तो मैं तुमको इसी ताल में डूबो दूंगा.बैरन साहब ने अपने विवरण में लिखते है कि डूबने के भय से नरसिंह ने स्टाम्प पेपर पर दस्तखत कर दिये और बाद में बैरन की कल्पना का नगर नैनीताल बस गया।

गौरतलब है कि पीटर बैरन द्धारा 1841 में नैनीताल खोज के बाद यहां बसासत बसनी सुरू हो गई थी. लेकिन 18 सितम्बर 1880 में यहां आये विनाशकारी भूस्खलन ने अंग्रजो को भी हिलाकर रख दिया था. जिसमें 151 लोगों की मौत हो गयी थी. जिसके मलवे ने झील के एक बड़े हिस्सा को ले लिया. जिस कारण फलैटस मैदान का निर्माण हो गया जिसमें आज विभिन्न खेल प्रतियोगिताए होती है. 1880 में विनाशकारी भूकम्प के बाद अंग्रेजो ने इस शहर को दोबारा सहेजने की कवायत की थी।

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