श्रम कोड हटाओ, श्रम कानून बहाल करो’ के देशव्यापी प्रदर्शन के तहत तल्लीताल गांधी चौक में ऐक्टू का धरना

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संतोष बोरा , नैनीताल ( nainilive.com ) – ऐक्टू के राष्ट्रीय आह्वान पर ‘‘श्रम कोड रद्द करो देशव्यापी अभियान के तहत सोमवार को देशव्यापी संयुक्त प्रदर्शन के तहत तल्लीताल गाँधी चौक पर धरना दिया गया।

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एक फरवरी से 15 फरवरी तक चले ऐक्टू के राष्ट्रव्यापी अभियान के समापन पर 15 फरवरी को सभी राज्य राजधानियों और जिला मुख्यालयों पर एक दिवसीय धरने दिये जा रहे हैं।

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इस दौरान ऐक्टू के राष्ट्रीय पार्षद डॉ कैलाश पांडे ने कहा कि, देश की खेती को काॅरपोरेट घरानों के हवाले करने वाले मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का ऐतिहासिक देशव्यापी आंदोलन जारी है। ये विनाशकारी कृषि कानून न केवल किसानों व किसानी को तबाह कर देंगे, बल्कि आम जनता को दाने-दाने का मोहताज बना देंगे, खासकर असंगठित मजदूरों, मजदूरों की आगामी पीढ़ियों और गरीब अवाम को खाद्य सुरक्षा से भी वंचित कर देंगे क्योंकि खाने की वस्तुओं को बाजार और जमाखोरी के हवाले कर दिया जायेगा, राशन व पीडीएस प्रणाली समाप्त कर दी जाएगी।

आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल ने कहा कि आशा वर्कर जो कि पहले से ही सरकार की बंधुवा मजदूर की तरह काम कर रही हैं, स्वास्थ्य विभाग का सारा काम करने के बाद भी उनको वेतन से वंचित किया गया है श्रम कानून खत्म करने के बाद मोदी सरकार जो चार श्रम कोड लायी है अगर वो लागू कर दिये गए तो आशाएं और भी बुरी स्थिति में धकेल दी जाएंगी। इसलिए श्रम कोडों के विरोध का मसला केवल फैक्ट्री मजदूरों तक ही सीमित नहीं है इसके सभी कामगारों पर दूरगामी बुरे प्रभाव पड़ेंगे और सरकार की स्कीमों में काम करने वाली महिला श्रमिकों पर इसका सबसे बुरा असर पड़ना तय है। इसलिए आशा समेत सभी महिला कामगारों को इन श्रम कोडों के विरोध में उतरना ही होगा।”

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आशा समेत सभी महिला कामगारों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दो, बजट 2021 में सभी मजदूरों को समुचित लाॅकडाउन राहत दो, असंगठित मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी, स्वास्थ्य बीमा प्रदान करो, चाैतरफा बेरोजगारी, छंटनी पर रोक लगाओ, हर हाथ को काम दो, काम का पूरा दाम दो।

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इस दौरान हाई कोर्ट के एडवोकेट दुर्गा सिंह मेहता, आशा यूनियन की जिला महामंत्री दुर्गा टम्टा, सुमन बिष्ट, कमला डालाकोटी, हेमा बिष्ट, कुसुमलता सनवाल, पंकज रानी, पुष्पा मेहरा,गंगा देवी, इंद्रा आर्या लोषज्ञानी, गीता नैनवाल, भगवती शर्मा, चन्द्रा सती, नीरू पुजारी, हंसा खड़ायत, तुलसी बिष्ट आदि शामिल रहे। बीमा कर्मचारी संघ ने भी कार्यक्रम को समर्थन दिया

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