समाचारपत्रों पर सरकार द्वारा जबरन लागू की गई जटिल प्रक्रियाओं के विरूद्ध प्रकाशकों में रोष
विसंगतियों के सरलीकरण की मांग को लेकर देश के शीर्ष व भारतीय प्रेस परिषद से अधिसूचित संगठनों के नेतृत्व ने की केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव व भारत के प्रेस महापंजीयक से एक शिष्टमंडल के साथ मुलाकात, आपत्तिजनक प्राविधानों में अपेक्षित संशोधन का मिला आश्वासन , देश के प्रकाशकों में आक्रोश
राज कमल गोयल, देहरादून ( nainilive.com )- देश में लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों पर सरकार द्वारा नयी नयी जटिलटायें उत्पन्न करने, नया प्रेस सेवा पोर्टल बनाकर क्षमता से अधिक आपत्तिजनक प्रक्रियाओं की पूर्ति का दबाव व अनेकों कठिन मानदंडों का सृजन कर प्रकाशकों पर किये जा रहे अत्याचार और उसमें बेतहाशा वृद्धि को लेकर लघु एवं मध्यम समाचार पत्र प्रकाशकों का वर्ग न केवल अत्यधिक परेशान हो गया है बल्कि समाचार पत्र प्रकाशन बन्द कर देने की विवशता के कगार पहुंच गया है। उत्पन्न विसंगतियों को सरलीकरण करने की मांग को लेकर देश के शीर्ष व भारतीय प्रेस परिषद से अधिसूचित संगठनों में आल इण्डिया स्माल एण्ड मीडियम न्यूज पेपर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य श्री गुरिंदर सिंह, महामंत्री श्री अशोक कुमार नवरत्न, भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य श्री एल सी भारतीय, अखिल भारतीय समाचार पत्र एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश चन्द्र शुक्ल, एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इंडिया के उत्तर प्रदेश राज्य के अध्यक्ष व भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य श्री श्याम सिंह पंवार, प्रकाशक श्री आसिफ एहसान जाफरी “विक्रान्त”, प्रकाशक आशीष शर्मा आदि ने केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय के सचिव, भारत के प्रेस महापंजीयक से एक शिष्टमंडल के रूप में अनेकों बार भेंट वार्ता कर ज्ञापन दिये।
इसके अतिरिक्त एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष व भारतीय प्रेस परिषद के पूर्व सदस्य श्री केशव दत्त चन्दोला दर्जनों पत्र सूचना प्रसारण मंत्रालय व केन्द्रीय अधिकारियों को भेज कर लगभग सभी समस्याओं के निराकरण की निरन्तर मांग करते आ रहे हैं । पर सरकार द्वारा आपत्तिजनक प्राविधानों में अपेक्षित संशोधन का आश्वासन भर दिया जा रहा है।
किन्तु खेद है कि बाबजूद इसके अब तक कोई अपेक्षित संशोधन न करना सरकार व सन्दर्भित अधिकारियों की उदासीनता का कुत्सित व ज्वलंत प्रमाण है। सरकार के उत्तरदायी अधिकारी प्रकाशकों को सड़कों पर उतरने के लिए अनावश्यक मजबूर कर रहे हैं। अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रकाशकों की समस्याओं पर कोई ठोस रणनीति बनाकर कर अग्रिम कदम उठाने की नितान्त आवश्यकता है। सरकार की कार्यप्रणाली से स्प्ष्ट है कि सरकार देश के लघु व मध्यम समाचार पत्रों को खत्म कर सिर्फ बड़े समाचार पत्र संस्थानों के सहारे अपना साम्राज्य चलाना चाहती है क्योंकि बड़े संस्थान येन केन प्रकारेण सरकार के मापदंडों और उत्पीड़न, अत्याचार से बच जाते हैं, किन्तु परेशान सिर्फ वही लघु व मध्यम अखबार होते हैं जिन्होंने ईमानदारी और समर्पण भाव से देश एवं राष्ट्र की जनता के हित में जनसामान्य की निष्पक्ष पारदर्शी पत्रकारिता करने के लिये अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया। आज स्थिति यह है कि आजाद भारत में सरकार किसी की भी हो उसे बड़े और व्यवसायिक समाचार पत्र संस्थानों की अपेक्षा लघु और मध्यम समाचार पत्र संस्थानों से निष्पक्ष व सही प्रकाशन का भय अधिक रहता है।
इस अवसर पर आल इण्डिया स्माल एण्ड मीडियम न्यूज पेपर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य श्री गुरिंदर सिंह ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में समय और हालातों को समझ तत्काल सकारात्मक निर्णय लेना अत्यन्त आवश्यक व अपरिहार्य हो गया है। यदि समय रहते समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो शीघ्र ही नयी दिल्ली में सभी सम्बन्धित पदाधिकारियों की बैठक बुलाकर कारगर व ठोस कदम उठाने के लिए विवश होना पड़ेगा। देश के सभी लघु व मध्यम समाचार पत्रों के प्रकाशक मित्र हर सम्भव सहयोग व संघर्ष के लिए तैयार रहें।
नैनी लाइव (Naini Live) के साथ सोशल मीडिया में जुड़ कर नवीन ताज़ा समाचारों को प्राप्त करें। समाचार प्राप्त करने के लिए हमसे जुड़ें -
Naini Live is a news portal which provides news across Uttarakhand and Madhya Pradesh. We do provide advertisement services as well.