नैनीताल के आशुतोष आर्य एवं सहारनपुर के भास्कर गौतम ने बनाया AI-पावर्ड प्लेटफॉर्म लीगल एआई

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लीगल एआई प्लेटफॉर्म “लीगल रिसर्च में लाएगा क्रांति: भारतीय स्टार्टअप ने लॉन्च किया AI-पावर्ड प्लेटफॉर्म “लीगलएआई”

नैनीताल ( nainilive.com )- नैनीताल के आशुतोष आर्य एवं सहारनपुर के भास्कर गौतम ने बनाया AI-पावर्ड प्लेटफॉर्म लीगल एआई भारतीय तकनीकी स्टार्टअप ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे उन्नत तकनीकी क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल करते हुए एक अभिनव उत्पाद “लीगलएआई” को लॉन्च किया है। यह प्लेटफॉर्म विशेष रूप से कानूनी पेशेवरों—वकीलों, जजों और शोधकर्ताओं—के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे उनकी रिसर्च प्रक्रिया अधिक तेज़, सटीक और उत्पादक बन सके।

समस्या की पहचान से समाधान तक की यात्रा

स्टार्टअप की यह यात्रा एक प्रमुख सामाजिक-तकनीकी उद्देश्य के साथ शुरू हुई। संस्थापकों ने महसूस किया कि लीगल प्रोफेशनल्स अपनी रिसर्च में अत्यधिक समय व्यतीत करते हैं, जिससे उनकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है। इस चुनौती का समाधान खोजने के लिए टीम ने AI आधारित समाधान पर काम करना शुरू किया, और परिणामस्वरूप “लीगलएआई” की अवधारणा अस्तित्व में आई।

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क्या है लीगलएआई?

“लीगलएआई” एक AI-संचालित लीगल कन्वर्सेशन प्लेटफॉर्म है, जो हजारों कानूनी मामलों और निर्णयों के डेटाबेस से युक्त है। यह न केवल जटिल कानूनी प्रश्नों का उत्तर दे सकता है, बल्कि यूजर्स को केस लॉ, संदर्भ और व्याख्या भी सुलभ रूप में प्रदान करता है। प्लेटफॉर्म की एक विशेषता यह है कि उपयोगकर्ता अपने दस्तावेज़ अपलोड कर सकते हैं—चाहे वह कितने भी पुराने क्यों न हों—और उनसे संबंधित प्रश्न पूछ सकते हैं। AI इंजन दस्तावेज़ों को स्कैन कर उनके आधार पर तुरंत सटीक उत्तर प्रदान करता है।

तकनीकी विशेषताएं और सुरक्षा

लीगलएआई में अत्याधुनिक मशीन लर्निंग और प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (NLP) तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह प्लेटफॉर्म किसी भी नए या पुराने केस से जुड़े सवालों का त्वरित समाधान कर सकता है। प्लेटफॉर्म का यूजर इंटरफेस अत्यंत सरल और सहज है, ताकि सभी यूजर्स—विशेषज्ञ हों या सामान्य नागरिक—इसे आसानी से उपयोग कर सकें।

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डेटा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्लेटफॉर्म का मुख्य डेटासेंटर नैनीताल में स्थित है, जबकि चार अन्य स्थानों पर भी इसके बैकअप डेटासेंटर स्थापित किए गए हैं। संस्थापक दल का दावा है कि यूजर का डेटा पूरी तरह से सुरक्षित और गोपनीय रहता है।

सभी के लिए सुलभ और किफायती

लीगलएआई की प्राइसिंग प्रणाली क्रेडिट आधारित है—एक प्रश्न पूछने के लिए 6 क्रेडिट (6 रुपये) लगते हैं। प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण करने वाले प्रत्येक यूजर को प्रारंभिक 100 क्रेडिट निःशुल्क दिए जाते हैं, ताकि वे सभी सुविधाओं का उपयोग कर सकें। प्लेटफॉर्म पर आम लोगों के लिए पहले से तय किए गए प्रश्नों की एक विस्तृत सूची भी है, जिससे उन्हें अपने कानूनी मुद्दों पर मार्गदर्शन प्राप्त हो सके, बिना किसी वकील के पास जाए।

न्याय को जन-जन तक पहुंचाने की दिशा में एक कदम

स्टार्टअप के प्रवक्ताओं का कहना है कि लीगलएआई न केवल पेशेवरों के लिए बल्कि आम नागरिकों के लिए भी एक प्रभावशाली उपकरण है, जो उन्हें त्वरित, सटीक और किफायती कानूनी जानकारी उपलब्ध कराने में सक्षम है। टीम का लक्ष्य है कि समाज में न्याय और समानता को बढ़ावा देते हुए, तकनीक को सामाजिक कल्याण के लिए एक सशक्त माध्यम बनाया जाए।

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लगातार हो रहा है विकास

स्टार्टअप की रिसर्च टीम प्लेटफॉर्म को प्रतिदिन और अधिक उन्नत बनाने पर कार्यरत है। आने वाले महीनों में कई नए फीचर्स और यूजर-सेंट्रिक सुधार इस प्लेटफॉर्म में शामिल किए जाएंगे। लीगलएआई भारत में तकनीक और कानून के संगम का एक उदाहरण बनकर उभरा है, जो भविष्य में न केवल लीगल सिस्टम को अधिक कुशल बनाएगा, बल्कि न्याय प्रणाली को अधिक सुलभ और समावेशी बनाने की दिशा में भी अग्रसर रहेगा।

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