एशिया के सबसे बड़े एयरो शो- ‘एयरो इंडिया-2023’ में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा भारत

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न्यूज़ डेस्क , नई दिल्ली ( nainilive.com )- एशिया का सबसे बड़ा और 14वां एयरो शो- ‘एयरो इंडिया-2023’  बेंगलुरु में 13 फरवरी 2023 से शुरू होने जा रहा है। यह शो 17 फरवरी 2023 तक होगा। उम्मीद है कि इस बार शो नए कीर्तिमान स्थापित करेगा। दरअसल, इसमें बड़ी संख्या में मित्र देशों के प्रतिनिधि व सहभागी शामिल हो रहे हैं।

क्या है खासियत ?

गौरतलब हो, एयर इंडिया शो में वैश्विक स्तर की रक्षा कंपनियां अपने रक्षा उपकरणों का प्रदर्शन करती हैं। इसमें भारतीय रक्षा कंपनियां भी शामिल होती हैं। शो में एयरोस्पेस क्षेत्र में होने वाले बदलाव व विकास को प्रदर्शित किया जाता है। LCA तेजस एयरो इंडिया शो के 14वें संस्करण में ‘इंडिया पवेलियन’ का मुख्य आकर्षण होगा। बता दें, फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस कॉन्फिगरेशन में स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस को एयरो शो में ‘इंडिया पवेलियन’ के केंद्र में रखा गया है। यह इंडिया पवेलियन फिक्स्ड विंग प्लेटफॉर्म के लिए एक इको-सिस्टम विकसित करने में भारत के विकास को प्रदर्शित करेगा। तेजस एक बहु-भूमिका वाला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है, जिसे हवाई लड़ाई और टोही और जहाज-रोधी क्षमताओं के साथ आक्रामक हवाई समर्थन के लिए डिजाइन किया गया है।

कहां होगा एयर शो ?

यह आयोजन बेंगलुरु (कर्नाटक) के येलहंका वायु सेना स्टेशन पर होगा। कर्नाटक के येलहंका स्थित वायु सेना स्टेशन के लगभग 35 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में यह अब तक का सबसे बड़ा एयरो शो होगा।

731 प्रदर्शकों ने कराया पंजीकरण

इस रक्षा प्रदर्शनी में 731 प्रदर्शकों ने पंजीकरण कराया है। इसके प्रमुख आयोजनों में रक्षा में संवर्धित जुड़ाव के माध्यम से साझी समृद्धि विषय वस्तु के साथ रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन और एक सीईओ गोलमेज बैठक भी शामिल रही। इसके अलावा मंथन स्टार्ट-अप कार्यक्रम और बंधन समारोह के दौरान समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। पांचों दिन शानदार एयर शो का प्रदर्शन इस कार्यक्रम का हिस्सा होगा। इन समारोहों को स्वदेशी हथियारों और उपकरणों के जरिए रक्षा निर्यात बढ़ाने पर ध्यान देने के लिए फोकस किया गया है।

प्रदर्शनी की थीम

पांच दिवसीय प्रदर्शनी की थीम ‘द रनवे टू ए बिलियन अपॉर्चुनिटीज’ रखी गई है। पांच दिवसीय प्रदर्शनी कार्यक्रम में एयरोस्पेस और रक्षा उद्योगों की एक प्रमुख व्यापार प्रदर्शनी के साथ-साथ भारतीय वायुसेना द्वारा हवाई प्रदर्शन भी आयोजित होगा। एयरोस्पेस उद्योग में वैश्विक प्रमुखों और बड़े निवेशकों के अतिरिक्त, इस कार्यक्रम में दुनिया भर के विचारक भी भाग लेंगे।

‘मेक इन इंडिया’ के उद्देश्य को मिलेगा बढ़ावा

एयरो इंडिया विमानन उद्योग में सूचनाओं, विचारों तथा नए विकास कार्यों के आदान-प्रदान के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा। यह प्रदर्शनी कार्यक्रम घरेलू विमानन उद्योग को बढ़ावा देने के अलावा ‘मेक इन इंडिया’ के उद्देश्य को भी आगे बढ़ाएगा।

‘मेक इन इंडिया सिर्फ भारत के लिए नहीं’

उल्लेखनीय है कि 09 जनवरी 2023 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एयरो इंडिया के बारे में विभिन्न देशों के राजदूतों के एक सम्मेलन में कहा था कि भारत की ‘मेक इन इंडिया’ पहल सिर्फ भारत के लिए नहीं है। रक्षा मंत्री ने बताया कि ‘मेक इन इंडिया’ की दिशा में सरकार के प्रयास न तो अलगाव को बढ़ावा देने वाले हैं और न ही वे केवल भारत के लिए हैं। “हमारी आत्मनिर्भरता की पहल हमारे भागीदार देशों के साथ साझेदारी के एक नए प्रकार की शुरुआत है। वैश्विक रक्षा उद्योग के दिग्गजों के साथ साझेदारी की जा रही है। ‘मेक इन इंडिया’ में ‘मेक फॉर द वर्ल्ड (विश्व के लिए निर्माण)’ शामिल है। यह सभी के लिए रक्षा अनुसंधान व विकास और उत्पादन में संयुक्त प्रयासों व साझेदारी को लेकर एक खुली पेशकश में रूपांतरित हो गया है।”

एयरोस्पेस और रक्षा व्यापार प्रदर्शनी का समायोजन देखने को मिलेगा 

भारत ने एशिया के सबसे बड़े और 14वें एयरो शो- एयरो इंडिया-2023 में भाग लेने के लिए दुनियाभर के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया है। एयरो इंडिया शो एक प्रमुख वैश्विक विमानन व्यापार मेला है जो एयरोस्पेस उद्योग सहित भारतीय विमानन-रक्षा उद्योग को अपने उत्पादों, प्रौद्योगिकियों और समाधानों का राष्ट्रीय निर्णय निर्माताओं के सामने प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है। पांच दिवसीय शो में भारतीय वायु सेना द्वारा हवाई प्रदर्शन के साथ-साथ प्रमुख एयरोस्पेस और रक्षा व्यापार प्रदर्शनी का समायोजन देखने को मिलेगा। रक्षा और एयरोस्पेस उद्योगों में प्रमुख उद्यमियों और निवेशकों के अलावा, यह आयोजन पूरी दुनिया के जाने माने रक्षा चिंतकों और रक्षा से संबंधित निकायों की भागीदारी का भी साक्षी बनेगा। एयरो इंडिया, वास्तव में, विमानन उद्योग में सूचनाओं, विचारों और नए तकनीकी विकास के आदान-प्रदान के लिए भी एक विशिष्ट अवसर प्रदान करेगा।

पिछले पांच वर्षों में रक्षा निर्यात आठ गुना बढ़ा

भारत की बढ़ती रक्षा औद्योगिक क्षमताओं में विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में जोरदार प्रयास किए जा रहे हैं जो विशेष रूप से ड्रोन, साइबर-टेक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रडार आदि के उभरते हुए क्षेत्रों से संबंध रखते हैं। एक मजबूत रक्षा विनिर्माण इको-सिस्‍टम बनाया गया है, जिसके कारण भारत अभी हाल के वर्षों में एक प्रमुख रक्षा निर्यातक के रूप में उभरा है। पिछले पांच वर्षों में रक्षा निर्यात आठ गुना बढ़ा है और अब भारत 75 से अधिक देशों को निर्यात कर रहा है।

उल्लेखनीय है कि भारतीय रक्षा उद्योग परिवर्तनकारी दौर से गुजर रहा है और निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी बदलाव का सबसे बड़ा हिस्सा है। ऐसे में इस एयरो शो से भारत के रक्षा निर्यात को और अधिक बढ़ोतरी मिलने की उम्मीद है। ज्ञात हो, साल 2021 में एयर शो के पिछले संस्करण में 600 से अधिक प्रदर्शकों की भौतिक रूप से और 108 से अधिक की वर्चुअल उपस्थिति रही थी।

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