लॉक डाउन के चलते मौन पालक काश्तकारों को उठाना पड़ रहा है भारी नुकसान

Share this! (ख़बर साझा करें)

संतोष बोरा, नैनीताल/ज्योलीकोट ( nainilive.com)- राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याण कारी योजनाओं लाभ के तहत जनपद के ज्योलिकोट (ज्योली गांव) में भी सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ ले रहे मौन पालक किसान लॉक डाउन के चलते मायूस नजर आ रहे है। कई तरह से सेहत के लिए गुणकारी माने जाने वाली मधुमखियों के शहद पर संकट के बादल गहराने लगे है।

काश्तकार दीपा बिष्ट ने बताया कि राज्य सरकार की स्वरोजगार योजना मौन पालन के लिए छोटे कास्तकारों को उद्यान विभाग द्वारा मधुमक्खी के बॉक्स दिए गए बॉक्स उन्होंने कई क्षेत्रों में रखे है। लेकिन लॉक डाउन के चलते उन्हें लाना संभव नही हो पा रहा। जो बॉक्स यहां लाए भी गए है उनमें से निकाले जा रहे शहद के खरीददार भी नही मिल पा रहे है। जबकि गाँव के 80 प्रतिशत ग्रामीण इस मौन पालन व्यवसाय से जुड़े है और यही उनकी आजीविका जरिया है।

यह भी पढ़ें 👉  Nainital में हुआ होली गायन का श्रीगणेश

शहद मशीन कारीगर श्रीखंड भट्ट कहते हैं , विगत वर्षों में एक माह के भीतर आस पास के मौन पालकों का एक क्विंटल तक शहद यहां पर निकाला जाता था। जिससे साल भर उनकी आजीविका चलती थी। लेकिन इस वर्ष लॉक डाउन के कारण विभिन्न क्षेत्रो में रखे गए मधुमखियों के डिब्बे नही ला पाने से मात्र पांच टिन ही शहद निकाल पाए है। जिससे शहद निकालने की मशीन चलाने का खर्च भी नही निकल पा रहा है।

यह भी पढ़ें 👉  कुमाऊं विश्वविद्यालय के 19 वें दीक्षांत समारोह में अभिनेता ललित मोहन तिवारी को डी-लिट एवं प्रोफेसर डीपी सिंह को डीएससी मानद उपाधि से किया विभूषित

ऐसे में आसपास के मौन पालन से जुड़े काश्तकार अपनी आजीविका चलाने के लिए राज्य सरकार से मदद की गुहार लगा रहे है।

Ad
नैनी लाइव (Naini Live) के साथ सोशल मीडिया में जुड़ कर नवीन ताज़ा समाचारों को प्राप्त करें। समाचार प्राप्त करने के लिए हमसे जुड़ें -

👉 Join our WhatsApp Group

👉 Subscribe our YouTube Channel

👉 Like our Facebook Page