भीमताल-नौकुचियाताल पर्यटन ब्यवसाय से जुड़े लोगों पर छाने लगा गहरा संकट:पूरन ब्रजवासी

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संतोष बोरा , भीमताल ( nainilive.com )- कोरोना महामारी संक्रमण से बचाव के लिए बीते 22 मार्च लॉक डाउन के बाद से लोगो को अब आजीविका चलाने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वही जनपद के मिनी पर्यटन नगरी भीमताल व नौकुचियाताल में पर्यटन ब्यवसाय के जरिए आजीविका चलाने वाले लोगो पर भी अब गहरे संकट के बादल छाने लगे है।

समाज सेवी पूरन बृजवासी ने कहा है कि भीमताल ‘उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश’ के मिनी पर्यटन नगरी के नाम से जाने, जाने वाली ‘कुमाऊं द्वार’ भीमताल-नौकुचियाताल का 80 फीसद प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सबसे बड़ा जरिया केवल पर्यटन कारोबार ही है लेकिन आज ‘अदृश्य कोरोना महामारी’ के चलते पूरा का पूरा स्थानीय लोगों का पर्यटन कारोबार चौपट हो गया है, ये ‘मिनी पर्यटन शहर’ कैसे उभरेगा इसको लेकर अब तक कोई ठोस कार्यवाही धरातल पर होते नहीं दिख रही है, पर्यटन सेक्टर से जुड़े कई हजारों लोग अब तक बेरोजगार हो चुके हैं लेकिन इनको उभारने के लिए भी व्यवस्था के स्तर से शासन-प्रशासन के फिरहाल कोई शक्त प्रयास नहीं दिख रहे है।

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बृजवासी का कहना हैं कि ‘कोरोना महामारी के संक्रमण’ से बचने के लिए इम्पोज किए ‘लॉक डाउन’ ने मिनी पर्यटन नगरी भीमताल-नौकुचियाताल व उसके आस-पास के सभी पर्यटन स्थलों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है, उन्होंने कहाँ ‘दो माह’ से होटल, गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट, ढाबा, टूर एंड ट्रैवलस, पैरागिलाइडिंग, एडवेंचर, वॉटर स्पोर्ट्स, नाव व्यवसाय, टैंट व्यवसाय, डी.जे कारोबार और लगभग पूरा का पूरा पर्यटन व्यवसाय ही ठप पड़ा है, इससे जुड़े ‘कई हजारों परिवारों’ के सामने रोजी-रोटी के त्राहि-त्राहि मच गयी है, बृजवासी ने कहा हालत शहर के दिनों-दिन खराब हो रहे हैं और लोग आर्थिक संकट में जीने के लिए मजबूर है, बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के सामने रोजी-रोटी का गहरा संकट खड़ा हो गया है।

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पर्यटन नगरी से जुड़े लोगों की माने तो हालात देखकर डर लग रहा है, बैंक लोन लेकर स्थापित व्यवसाय बिल्कुल खण्डर सा सूना पड़ा है और उपर से बिजली, पानी, बैंक किस्त और सीजन के लिए बुलाए गए व्यवसाय से जुड़े कर्मचारी की सेलरी इन सभी व्यवसायियों के लिए गले का फाॅस बनी पड़ी है, समाज सेवी पूरन बृजवासी ने कहाँ अगर हालत जल्द ठीक नहीं हुए तो मिनी पर्यटन नगरी भीमताल-नौकुचियाताल ही नहीं सूबे की आर्थिकी पर भी इसका पूरा असर देखने को मिलेगा।

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उन्होंने कहा हैरानगी की बात यह है कि अभी तक व्यवस्था के स्तर से ‘पर्यटन कारोबार’ को उभारने के लिए शासन-प्रशासन के कोई ठोस कदम उठते हुए नहीं दिख रहे हैं, इन सभी व्यवसाय से जुड़े युवाओं व स्थानीय लोगों में निराशा साफ देखी जा सकती है, स्थानीय हर किसी के ‘मन व दिमाक’ में बस एक ही सवाल है कि आखिर ‘मिनी पर्यटन नगरी’ भीमताल-नौकुचियाताल का पर्यटन व्यवसाय कैसे उभरेगा।

पूरन ने कहा है कि मिनी पर्यटन नगरी भीमताल-नौकुचियाताल व उसके आसपास के दर्जनों पर्यटन स्थलों पर पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों की शीघ्र सुध लेने कि माँग की है साथ ही सरकार से विशेष आर्थिक पैकेज कि भी मांग की है।

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