चारधाम देवस्थानम एक्ट मामले में शुक्रवार को भी होगी सुनवाई

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संतोष बोरा , नैनीताल ( nainilive.com )- हाई कोर्ट में भारतीय जनता पार्टी के राज्य सभा सांसद सुब्रहमण्यम स्वामी द्वारा उत्तराखंड सरकार के चारधाम देवस्थानम एक्ट को निरस्त करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।

गुरुवार को सुनवाई में रुलक संस्था के अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखते हुए कोर्ट को अवगत कराया है कि, सेक्युलर मैनेजमेंट और रिलिजेस को 1899 में ही अलग कर दिए गए थे। जिसमें सेक्युलर मैनेजमेंट आफ टेम्पिल राज्य को दिया गया था। जबकि रिलिजेस मैनेजमेंट मंदिर पुरोहित को दिया गया है। जो नया एक्ट राज्य सरकार द्वारा लाया गया है। इसमें कही भी हिन्दू धर्म की भावनाएं आहत नही होती। मामले में सुनवाई कल भी जारी रहेगी।

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बता दे कि देहरादून की रुलक संस्था ने राज्य सभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर जनहित याचिका को चुनौती दी है जिसमे कहा गया था प्रदेश सरकार द्वारा चारधाम के मंदिरों के प्रबंधन को लेकर लाया गया देवस्थानम् बोर्ड अधिनियम असंवैधानिक है।

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देवस्थानम् बोर्ड के माध्यम से सरकार द्वारा चारधाम व 51 अन्य मंदिरों का प्रबंधन लेना संविधान के अनुच्छेद 25 व 26 का उल्लंघन है। संस्था ने इस जनहित याचिका का विरोध करते हुए कहा है कि चारधाम यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने देवस्थान बोर्ड अधिनियम बनाकर चारधाम व अन्य मंदिरों का प्रबंध लिया गया है उससे कही भी हिदू धर्म की भावनाएं आहत नही होती। लिहाजा सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर ययाचिका पूरी तरह से निराधार है।

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