सशक्त उत्तराखण्ड @25″ चिंतन शिविर में बोले सीएम धामी – एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालने की प्रवृत्ति को होगा टालना

Share this! (ख़बर साझा करें)

देहरादून ( nainilive.com )- मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय अकादमी में तीन दिवसीय “सशक्त उत्तराखण्ड @25” चिंतन शिविर के प्रथम सत्र का शुभारंभ करते हुए कहा कि इन तीन दिनों तक हमें चिंतन के साथ चिंता भी करनी है कि प्रदेश का विकास कैसे हो? उन्होंने कहा कि IAS हमारे देश की सबसे बड़ी प्रशासनिक सेवा है और ये देश-प्रदेश की नीतियों को तय करते हैं। उन्होंने कहा कि एक दिन में हमारे अंदर हजारों विचार आते हैं। ऐसे में हर चीज याद नहीं रखी जा सकती। इसके लिए हमें चीजों को नोट करने की आदत डालनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि विभाग अपनी जिम्मेदारी एक दूसरे पर डालने की कोशिश करते हैं, इस प्रवृत्ति को हमें त्यागना होगा। हमें यह सोचना होगा कि कितने विभागों ने कार्य का सरलीकरण किया। हमें प्रक्रियाओं को सरलीकरण कर के समाधान का रास्ता निकालना है। हमारे जो काम करने की प्रणाली है। इसमें बदलाव की जरूरत है। हमें बेस्ट प्रैक्टिस करने की आदत डालनी होगी और 10 से 5 वाले कल्चर से बाहर आना होगा। हमें सरलीकरण, समाधान और संतुष्टिकरण के मंत्र पर कार्य करना होगा। हमारा फ़ोकस समाधान पर होना चाहिए।

यह भी पढ़ें 👉  हिमालयन प्रोगेसिव स्कूल किच्छा द्वारा आयोजित हिमालयन फुटबॉल चैम्पियनशिप में भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय नैनीताल का कब्जा

उन्होंने कहा कि अभी यह आम धारणा है कि जो योजना हम बनाते हैं वो योजनाएं देहरादून बेस्ड बन रही हैं। हमें पर्वतीय जिलों को विकास के खाके में शामिल करना ही होगा। राज्य की GDP में जिन ज़िलों का योगदान कम है, उनके लिए योजनाएँ बनाई जानी चाहिए। मुख्यमंत्री श्री धाम ने कहा कि हिमाचल और हमारी जलवायु बहुत मिलती-जुलती है, लेकिन हमें यह मंथन करना होगा कि कैसे वे बागवानी के क्षेत्र में हमसे बेहतर कर रहे हैं। हमारी स्थिति हिमाचल से बेहतर है। हम बाग़वानी को कैसे बढ़ायें। इस पर कार्यवाही होनी चाहिए।

यह भी पढ़ें 👉  नगर की जनता को बेहतर सुविधाएं, स्वच्छ पर्यावरण देने का कार्य करें नगर निकाय - आयुक्त दीपक रावत

उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में देहरादून और आस-पास के इलाके पहले से कहीं ज्यादा कंजस्टेड हो जाएंगे। हमें उसके अनुरूप सुविधाओं को विकसित करना होगा। स्मार्ट सिटी को लेकर शिकायतें आती हैं। इसको ठीक करना है। उन्होंने कहा कि हमारा चिंतन व्यवहारिक और प्रदेश हित में होना चाहिए। वर्ष 2025 तक केवल श्रेष्ठ राज्य की बात कहकर कुछ नहीं होने वाला बल्कि इसे हमको करकर दिखाना है। हमें 2025 तक एक सशक्त उत्तराखण्ड बनाना है। हमें विकास की योजनाएं अपने भूगोल के अनुसार बनानी होंगी।

मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने कहा कि हमें मंथन केवल तीन दिन नहीं बल्कि समय-समय पर करते रहने चाहिए। दुनिया अब तेजी से बदल रही है। बदलती परिस्थितियों के हिसाब से हमें परिवर्तन लाने होंगे। पहले पंच वर्षीय योजना बनती थी लेकिन समय के साथ हमें इस मॉडल से बाहर आना पड़ा है। मुख्य सचिव ने कहा कि कई बार देखने में आता है कि अफसर फैसले लेने से डरते हैं और यस के बजाए नो कहने में अधिक दिलचस्पी लेते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी सोच रखने वाले नौकरशाहों को स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री धामी जी काम के प्रति बेहद सकारात्मक हैं। अगर कोई शासनादेश या नियम किसी विकास योजना या अच्छे कार्य में आड़े आ रहा है तो उसको बदलना चाहिए। इस अवसर लाल बहादुर प्रशाशनिक अकादमी के निदेशक श्रीनिवास आर कतीकीथला, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, नियोजन सचिव श्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने भी विचार रखे।

यह भी पढ़ें 👉  महत्वपूर्ण खबर : 28 अक्टूबर को होगा नैनीताल ट्रेज़री में पेंशन जागरूकता शिविर का आयोजन
Ad
नैनी लाइव (Naini Live) के साथ सोशल मीडिया में जुड़ कर नवीन ताज़ा समाचारों को प्राप्त करें। समाचार प्राप्त करने के लिए हमसे जुड़ें -

👉 Join our WhatsApp Group

👉 Subscribe our YouTube Channel

👉 Like our Facebook Page