चिनार द्वारा विश्व जैव विविधता दिवस समारोह पर वैश्विक कार्यक्रम

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न्यूज़ डेस्क , नैनीताल ( nainilive.com )- नैनीताल स्थित शोध एवं विकास संस्थान सेंट्रल हिमालयन इंस्टीट्यूट फॉर नेचर एण्ड अप्लाइड रिसर्च (चिनार) द्वारा अपने कनाडा के सहयोगी सहयोगी संस्थान वीटूजौर्स संस के सहयोग से कल दिनाँक 22-05-2021 को विश्व जैव विविधता दिवस (वर्ल्ड biodiversity डे) के उपलक्ष्य में एक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का संचालन चिनार संस्थान के निदेशक एवं आई. यू. सी. एन. सदस्य डॉ प्रदीप मेहता और वीटूजौर्स की निदेशक एवं आई. यू. सी. एन. सदस्य सुश्री सैंड्रा सांचेज़
द्वारा किया गया.


कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. प्रदीप मेहता ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और मानव जाति के अस्तित्व में जैव विविधता के महत्व और विश्व जैव विविधता दिवस के महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होंने जैव विविधता संरक्षण के लिए चिनार द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी जानकारी दी। सुश्री सैंड्रा सांचेज़ ने भी अपने संस्थान वीटूजौर्स द्वारा संरक्षण एवं Sustainable लिविंग के क्षेत्र किए जा रहे कार्यों के विषय में जानकारी दी.
विभिन्न पैनलिस्टों द्वारा पांच उत्कृष्ट प्रस्तुतियां दी गईं।

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मुख्य वक्ताओं में डॉ. इरासमस एच ओवुसु, डायरेक्टर, सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज एण्ड सस्टेनेबिलिटी स्टडीज , यूनिवर्सिटी ऑफ घाना ने जैव विविधता संरक्षण के लिए मानव आयामों के बारे में बात की। उन्होंने घाना के इकोटूरिज्म व्यावसाय का उदाहरण दिया कि कैसे यह जैव विविधता संरक्षण और समुदाय की आजीविका में मदद करता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि विकास परियोजनाओं की राजनीतिक और आर्थिक प्रतिबद्धताएं होनी चाहिए और समुदायों के साथ लाभ साझा करना चाहिए। सुश्री पिना गर्वस्सी, निदेशक, जलवायु परिवर्तन, वन प्रबंधन परिषद ने FSC प्रमाणन प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी दी और बताया कि प्रमाणन कैसे जलवायु परिवर्तन में मदद कर रहा है। उन्होंने संरक्षण के लिए कॉर्पोरेट प्रतिबद्धताओं की बढ़ती संख्या के बारे में भी जानकारी दी परियोजनाओं के साथ साथ किसी क्षेत्र के पर्यावरण संरक्षण और मूल निवासियों के अधिकारों की रक्षा के ताल मेल के बारे में बताया. वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट, इंडिया के वाइल्ड लाइफ कन्ट्रोल डिविजन के प्रमुख और डिप्टी डायरेक्टर श्री जोस लुइस ने जोर दिया कि सामुदायिक भागीदारी के बिना जीव संरक्षण बहुत मुश्किल है। डब्ल्यूटीआई के काम के बारे में बताते हुए, उन्होंने 9 संरक्षण रणनीतियों की व्याख्या की, उन्होंने संस्थान द्वारा भारत में किए जा रहे वन्य जीव संरक्षण और मानव वन्य जीव संघर्ष को रोकने के प्रयासों के बारे में अपना प्रेजेंटेशन दिया। श्री जीन पियरे Aymeich ने लैटिन अमेरिका में भूमि बहाली के बारे में जानकारी दी। उन्होंने प्रतिभागियों को वन और भूमि बहाली, प्रकृति और वन आधारित पर्यटन के लिए विभिन्न वित्त पोषण स्रोतों के बारे में जानकारी दी.

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कार्यक्रम में युवा प्रतिभागियों का प्रतिनिधित्व ईकोमैप टीम (हाई स्कूल के छात्रों के एक समूह) कु. तेजस्विनी शशिकुमार, श्री प्रनव काले, आरित वैद्य और नितिक ने जैव विविधता के संरक्षण के लिए लोगों के जागरूक होने और जिम्मेदारी पूर्ण व्यवहार अपनाने पर बात की.
कार्यक्रम में में भारत, नेपाल, कोलंबिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, इथियोपिया, इंडोनेशिया, इक्वाडोर, केन्या, घाना और आयरलैंड के लगभग 71 प्रतिभागियों ने भाग लिया। यह जानकारी CHINAR संस्थान के कार्यक्रम समन्वयक घनश्याम कल्कि पांडे ने दी.

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