हिंदी पत्रकारिता दिवस विशेष : हम पत्रकार हैं कि हम पत्रकार हैं।

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नैनीताल से कलमकार संदीप कुमार की कविता –

देश के विकाश को,
बुराई के विनाश को।
हाथ में कलम लिए हम सदा तैयार हैं।
हम पत्रकार हैं कि हम पत्रकार हैं।

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किसी जाति ना धर्म से,
बस जाने जाते कर्म से।
कर्म से खत्म सारे, करते भ्रष्टाचार हैं।
हम पत्रकार हैं कि हम पत्रकार हैं।

सच की राह में बढ़ने को,
सारे झूठ खत्म करने को।
हम हर दिन दिल से रहते तैयार हैं।
हम पत्रकार हैं कि हम पत्रकार हैं।

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काम साफ करते हैं,
किसी से भी ना डरते हैं।
जां की बाजी हम, लगाते बार- बार हैं।
हम पत्रकार हैं कि हम पत्रकार हैं।

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दुनिया को हम जोड़ते,
भ्रांतियों को भी तोड़ते।
सत्य और अहिंसा, हमारे ये विचार हैं।
हम पत्रकार हैं कि हम पत्रकार हैं।

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