डिजिटल इंडिया के दौर में नैनीताल सोनखमारी के ग्रामीण है मूलभूत समस्याओ से वंचित, राजनेता 5 साल में एक बार पहुंचते हैं गांव

डिजिटल इंडिया के दौर में नैनीताल सोनखमारी के ग्रामीण है मूलभूत समस्याओ से वंचित, राजनेता 5 साल में एक बार पहुंचते हैं गांव

डिजिटल इंडिया के दौर में नैनीताल सोनखमारी के ग्रामीण है मूलभूत समस्याओ से वंचित, राजनेता 5 साल में एक बार पहुंचते हैं गांव

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संतोष बोरा , नैनीताल ( nainilive.com )- डिजिटल इंडिया के दौर में नैनीताल जिला मुख्यालय से मात्र 40 किमी की दूरी पर स्थित तल्ला बगड़ से 8 किमी दूर सोनखमारी गांव आज भी सड़क,स्वास्थ्य,शिक्षा व दूरसंचार जैसे मूलभूत समस्याओ से बंचित है।

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250 लोगो के इस गांव को लोगो को अंग्रेजी हुक़ूक़त से तो आजादी मिल गयी लेकिन आज भी ग्रामीणों को मूलभूत समस्याओ से जूझना पड़ रहा है। जिला मुख्यालय से इस गांव तक पहुँचने के लिए तल्ला बगड़ तक तो सुबह शाम को एक दो टैक्सी चलती है।उनका भी समय निर्धारित होता है। फिर अगर वो टैक्सी छूट गई तो पूरा 40 किमी का सफर पैदल ही तय करना पड़ता है। तल्ला बगड़ क्षेत्र से ग्रामीणों को अपने कंधों या फिर अगर उनके पास पैसे हो तो 250 रुपये खच्चर को देकर वे अपना सामान गांव तक ले जा सकते है। वरना इन लोगो को फिर 8 किमी का पैदल मार्ग जो कि घने जंगलो से होकर गुजरता है। उबड़ खाबड़ मार्ग से सफर तय करना पड़ता है। उसमें भी हमेशा जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है।

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जब पड़ेगा इंडिया तभी तो आगे बढ़ेगा इंडिया
पांचवी तक तो गांव में स्कूल है लेकिन उसके बाद आगे की पढ़ाई की लिए जो सछम है। वे लोग शहरों का रुख कर लेते है। बाकी बच्चो को 13 किमी की खड़ी चढ़ाई चढ़ने के बाद बगड़ में 12वी तक कि शिक्षा हासिल करने आना पड़ता है। हर रोज घंटे स्कूल आने जाने में समय बर्बाद हो जाता है जिसके बाद पड़ने के लिए समय नही मिल पाता है।

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सड़क व दूरसंचार नही होने के चलते नही हो पा रही है गांव के लड़को की शादियां
गांव में लगभग 40 युवा शादी की दहलीज पर खड़े है कई लड़को की तो शादी की बात हो चुकी थी। लेकिन जैसे ही लड़की वालों को पता चला कि गांव में कोई भी शुविधा नही है। तो लड़की वालों द्वारा रिश्ते के लिए मना कर दिया जाता है। जिसके चलाते गांव का युवा कुवांरे बैठे है।

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डिजिटल इंडिया के दौर में ग्रामीणों नही रखते फोन
प्रेम मेहरा ग्रामीण युवक: सराकर डिजिटल इंडिया की बात करती है जिसके चलते सब चीज ऑनलाइन हो गयी है। लेकिन हमारे गांव में दूर दूर तक नेटवर्क नही आते है। ऐसे में अगर किसी को कोई सूचना भी देनी होती है। तो उसके लिए 15 किमी का सफर तय करना पड़ता है। जिसके चलते ग्रामीण आज भी अपने पास फोन नही रखते है।

यशपाल आर्य , परिवहन मंत्री का कहना है कि सड़क मार्ग के लिए वन विभाग की ओर से कुछ दिक्कते आ रही थी अब वह विभाग से बात हो गयी है और सड़क मार्ग के लिए ठेके भी हो चुके है जिसके बाद अब बहुत जल्दी सड़क निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

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