भारत ही बताएगा चाँद पर कंहा कितना पानी है

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किसी दूसरे ग्रह पर जीवन बसाने के सपने को नई दिशा देगा भारत

भारत ने ही खोज की चाँद पर पानी की

चन्द्रमा के हर जर्रे की सैर कर रहा चन्द्रयान 2 का ऑर्बिटर खोलेगा चाँद के राज

न्यूज़ डेस्क , नैनीताल ( nainilive.com )- चन्द्रयान 2 को चाँद पर लांच किए एक साल बीत चुका है। दुर्भायवश इस मिशन में चन्द्रयान 2 का रोबर सफल नही हो पाया, लेकिन ऑर्बिटर सफल हो गया। अब यही ऑर्बिटर चाँद के वो राज खोलेगा जो हमारी कल्पना से भी परे होगे। इतना ही नही रॉबर की असफलता की कमी को भी पूरा करेगा। चाँद के हर हिस्से में कितना पानी है, ऐतिहासिक खोज करेगा।
किसी दूसरे ग्रह पर जीवन की तलाश अथवा संभावना को लेकर वैज्ञानिक एक सदी से भी अधिक समय से जूझ रहे हैं। अब जबकि चाँद हमारा सबसे करीबी उपग्रह है तो दुनिया के वैज्ञानिकों की नजरें इसी पर होंगी। यही कारण है कि चांद पर अब तक सबसे अधिक अध्ययन हुए हैं और दुनिया की सभी बड़ी स्पेस एजेंसियां चाँद पर कई मिशन भेज चुके हैं। जिसमे रूष और यूएसए के बीच चाँद को बेहद करीब से देखने, जानने और रहने की संभावना को लेकर कभी जंग सी छिड़ी रही। मगर हमसे सिर्फ औसत 3.86 लाख किमी दूर चाँद पर भारत ने सबसे पहले पानी की खोज कर , वंहा मानव जीवन की बसाने के सपने को हवा देदी। अब भारत का चन्द्रयान 2 चाँद पर पानी को लेकर बड़ी खोज करने जा रहा है। भारतीय ओर्बिटर चाँद के धुर्वीय हिस्से का 60% पड़ताल कर चुका है। इस सफलता से इसरो के वैज्ञानिकों के हौंसले बुलंद हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि हम पता लगा लेंगे कि चाँद के किस हिस्से में कितना पानी है। इस खोज के बाद आसान हो जायेगा कि चाँद के किस जगह पर जीवन बसाया जा सकता है या मानव बस्ती बसाई जा सकती है। अब ये जानने में अधिक समय नही लगने वाला। साल 2020 भले ही कोरोना से दुखी हो, लेकिन आने वाला साल 2021 हमे किसी दूसरे ग्रह पर जीवन बसाने की राह दिखा जाएगा। ये कामयाबी हासिल हो गई तो निश्चित ही भारत ब्रह्मांड के अध्ययन के दिशा में दुनिया के सर्वोपरि देशों में शुमार हो जाएगा।

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