साक्षात्कार : नैनीताल की पशु चिकित्साधिकारी डॉ हेमा राठौर से , जाने क्यों व्यवहार में आ रहे बदलाव से आक्रामक हो रहे हैं डॉग्स?

Share this! (ख़बर साझा करें)

नैनीताल ( nainilive.com) – आज़ाद मंच नैनीताल से मो ख़ुर्शीद हुसैन “आज़ाद” ने नैनीताल पशु चिकित्सालय की पशु चिकित्साधिकारी डॉ हेमा राठौर से डॉग्स के व्यवहार में आ रहे बदलाव, और उनके आक्रामक रुख को लेकर की , एक विशेष बातचीत। हम उनके द्वारा अपने सोशल मीडिया में प्रकाशित साक्षात्कार को शब्दसः प्रकाशित कर रहे हैं :

*संक्षिप्त परिचय* :-डॉ. हेमा राठौर, पशु चिकित्साधिकारी, नैनीताल, पंतनगर विश्वविद्यालय से M.VSc .आगरा में जन्मी, देहरादून में पली बढ़ी और शिक्षा प्राप्त की हेमा राठौर की पशु चिकित्सा के क्षेत्र में पहली बार मासी चौखुटिया ब्लॉक में सन 2007 में नियुक्ति हुई, उसके पश्चात् आप बैलपड़ाव रामनगर, फिर कोटाबाग व सन 2017 से नैनीताल में पशु चिकित्सालय में बतौर पशु चिकित्साधिकारीके कर्तव्य को कुशलता से निर्वाह कर रही हैं…

विभिन्न स्थानों पर ज़िम्मेदारी निभा चुकी हेमा राठौर से बात की आज़ाद मंच नैनीताल से
मो ख़ुर्शीद हुसैन “आज़ाद” ने, प्रस्तुत है उनसे
बातचीत के प्रमुख अंश :-

*आज़ाद* सवाल (01):-
पिछले दिनों नगर के एक बच्चे को कुत्तों ने हमला करके घायल कर दिया था, कुत्तों को नियंत्रण के लिए पशु चिकित्सालय क्या उपाय कर रहा है?

*पशु चिकित्साधिकारी* :-
बच्चे पर जो हमला हुआ है उसके लिए हमारी तहे दिल से उस बच्चे व परिवार के प्रति सहानुभूति है, रही बात कुत्तों के नियंत्रण की प्रशासन ने देहरादून से बंध्याकरण की टीम बुला ली है, उस पर हम काम करेंगे, आज सबसे पहले उसी क्षेत्र में जा रहे हैं जहाँ पर ये घटना हुई थी, कि आख़िर क्यों और कैसे कुत्ते इतने आक्रामक हो गये थे, उसकी वजह क्या थी आदि पता लगाने जिससे आगे काम किया जा सके…

*आज़ाद* सवाल (02) :-
क्या आप मानती हैं कि कुत्तों को खाने के लिए कुछ नहीं मिल रहा हो, भूख से परेशान कुत्तों ने बच्चे पर हमला किया हो?

*पशु चिकित्साधिकारी* :-
नहीं इसकी वजह भूख नहीं हो सकती, एनिमल स्टडीज के अनुसार ऐसा तब होता है जब कुत्तों में शिकारी प्रवृति जागृत हो जाये, इसलिए आपने देखा भी होगा कुछ कुत्ते बाइक / कार आदि के पीछे भागते हैं,
सेमी वाइल्ड डॉग्स जँगलो में या शहरों में किसी भी स्मॉल एनिमल जैसे माइस, स्क्विररल, को हंट करके अपना फीड ले ही लेते हैं उनके स्टारवेशन के चान्सेस ना के बराबर ही होते हैं की वो भूखे रहे becoz they don’t depend on human feeding or hotels restaurants etc even उनको शिकार करके ही खाना पसंद होता हैं, they dont like ki human exposure…

रही बात हमारी ओर से फीडिंग की तो हम लॉकडाउन में बंद हुये होटल -रेस्टोरेंट के आस -पास तथा नगर के अन्य हिस्सों में दूध, अंडा, ब्रेड मिक्स कुत्तों के लिए खाना चार टीमों के माध्यम से बंटवा रहे है ताकी किसी बेज़ुबान की भूख से मौत न हो..


*आज़ाद* सवाल (03) :-
ज़िला प्रशासन द्वारा एक अच्छी खासी राशि कुत्तों के खाने के लिए दी गयी है, उसका लेखा – जोखा किस तरह मैनेज होता है?

*पशु चिकित्साधिकारी* :-
सबसे पहले तो ये क्लियर कर देती हूँ कि प्रशासन ने पशु पालन विभाग को दिया है, जिसमें नैनीताल टाउन का पैसा भीमताल डीडीओ कार्यालय में जमा है, दूसरा जो 15 लाख की राशि अवमुक्त की गयी है वो सिर्फ़ नैनीताल नगर के लिए नहीं बल्कि पूरे नैनीताल ज़िले के लिए है,
जिसे सिर्फ़ कुत्तों के खाने पर ही नहीं स्ट्रे लार्ज एनिमल्स की फीडिंग भी शामिल हैं….

*आज़ाद* सवाल (04):-
पशुओं के व्यवहार में क्यों और कैसे परिवर्तन होता है और उसको नियंत्रित करने के क्या उपाय है?

*पशु चिकित्साधिकारी* :-
अगर आपका इशारा कुत्तों के काटने की घटना को लेकर है तो ऐसा नहीं है लॉकडाउन से पहले कुत्तों ने किसी को न काटा हो,कुत्ते तभी काटते हैं जब हम उन्हें छेड़े या किसी तरह से उन्हें इर्रिटेड करें, उनके साथ प्यार बरतना पड़ेगा, वो बस प्यार की भाषा समझते हैं, रही बात वर्तमान में व्यवहार परिवर्तन की तोवो सेमी वाइल्ड डॉग्स के बारे में है जो जनरली जंगल और शहर दोनों जगह आते -जाते रहते है क्योंकि वो जँगलो में हंटिंग से फीड करते हैं…
अयारपाटा में भी जो बच्चे को घायल किया है परिजनों के अनुसार वें डॉग्स भी जंगल की तरफ़ से आये हुये सेमी वाइल्ड डॉग्स ही लग रहे थे,और लॉक डाउन के चलते इन सेमी वाइल्ड डॉग्स ने जंगल से बाहर आबादी वाले क्षेत्र में भी अपना हंटिंग बिहैवियर दिखाना शुरू कर दिया है, क्योंकि घायल बच्चे के बाईटस देखकर यही लग रहा हैं कि वो किसी सेमी वाइल्ड डॉग्स के हैं, जो चिंताजनक हैं, हमें ऐसे में और सावधानी बरतनी होगी…

*आज़ाद* सवाल (05) :-
क्या आवारा कुत्तों के लिए कोई शेल्टर का निर्माण हो सकता है जिससे उन बेज़ुबान पशुओं को शरण मिल सके और उनकी उचित देख भाल हो सके?

*पशु चिकित्साधिकारी*:-
मा. सुप्रीम कोर्ट के अनुसार हम किसी भी कुत्ते को न ही मार सकते हैं न ही उसकी वर्तमान जगह चेंज कर सकते हैं, यानि बंध्याकरण के लिए जिस गली से हमने उक्त पशु को पकड़ा, कोर्ट के अनुसार उसे उसी गली में ही छोड़ना होगा, शेल्टर तो बहुत दूर की बात हो गयी, हम उसकी गली तक नहीं बदल सकते…

Ad
नैनी लाइव (Naini Live) के साथ सोशल मीडिया में जुड़ कर नवीन ताज़ा समाचारों को प्राप्त करें। समाचार प्राप्त करने के लिए हमसे जुड़ें -

👉 Join our WhatsApp Group

👉 Subscribe our YouTube Channel

👉 Like our Facebook Page