औषधीय गुणों से भरपूर काफल, इस बार नही दिखेगा भवाली के चौराहे पर

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संतोष बोरा , नैनीताल ( nainilive.com)- काफल एक लोकप्रिय पहाड़ी फल मध्य हिमालयी क्षेत्रों में पाये जाने वाला सदाबहार वृक्ष है। गर्मी के मौसम में काफल के पेड़ पर अति स्वादिष्ट फल लगता है जो कि मार्च-अप्रैल तक पकना शुरू हो जाता है। काफल का पेड़ 1300 मीटर से 2100 मीटर तक की ऊँचाई वाले हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है।

ग्रामीणों की आमदनी का साधन भी
नैनीताल जनपद के आस पास के बेरोजगार ग्रामीण दिनभर काफी मेहनत से जंगल से काफल निकालते थे तथा भवाली के चौराहे व सरोवर नगरी के तल्लीताल,मॉल रोड,मल्लीताल पंत पार्क में पर्यटको को अच्छे दामों में बेचते थे। जिससे उनकी अच्छी आमदनी हो जाती थी। लेकिन इस बार कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के चलते किए गए लॉक डाउन की वजह से इनकी आमदनी भी बंद हो चुकी है।

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काफल एक औषधीय फल
काफल एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के कारण हमारे शरीर के लिए फायदेमंद है। इसका फल अत्यधिक रस-युक्त और पाचक होता है। फल के ऊपर मोम के प्रकार के पदार्थ की परत होती है जो कि पारगम्य एवं भूरे व काले धब्बों से युक्त होती है। यह मोम मोर्टिल मोम कहलाता है तथा फल को गर्म पानी में उबालकर आसानी से अलग किया जा सकता है। यह मोम अल्सर की बीमारी में प्रभावी होता है।इसको खाने से पेट के कई प्रकार के विकार दूर होते हैं। मानसिक बीमारियों समेत कई प्रकार के रोगों के लिए काफल काम आता है।

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