कबाड़ी का गजब कारनामा: बाढ़ में बह गईं 87 कारों को नई बनाकर ग्राहकों को बेची, पुलिस ने पकड़ा
चंडीगढ़ (nainilive.com) – पंजाब में अजीबोगरीब मामला सामने आया है. पटियाला के बहादुरगढ़ में बाढ़ के दौरान कारों के एक शोरूम में पानी भर गया. एटेलियर आटोमोबाल्ज नाम की मारुति सुजुकी डीलरशिप ने शोरूम में बाढ़ के पानी में खड़ी कारें बहने लगीं. बाढ़ प्रभावित होने के कारण इनमें कुछ कमियां आ गईं. इसके बाद 87 कारें स्क्रैप डीलर को सिर्फ 85 लाख रुपए में बेच दी गईं. चूंकि कारें बिल्कुल नई थी, लेकिन बाढ़ प्रभावित शोरूम में रहने के कारण कंडम करार दे दी गई थीं. इसके बाद जो हुआ वह चौंकाने वाला है.
पंजाब पुलिस डीआइजी गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि जिस कबाड़ी को कार बेची गई उसने तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर इन कंडम कारों को दुरुस्त वाहन के तौर पर रजिस्टर्ड करा लिया और इनके चैसिज नंबरों के साथ छेड़छाड़ कर इन्हें ग्राहकों को बेच दिया. इस मामले में 87 कंडम कारों को धोखे से बेचने के लिए कबाडि़ए सहित तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है. फिलहाल 40 कारों को बरामद किया जा चुका है.
पंजाब पुलिस ने इस्तेमाल की गई कारों की बिक्री से सम्बन्धित एक बड़े घपले का पर्दाफाश करते हुये मानसा के एक कबाड़ी (स्क्रैप डीलर) समेत तीन व्यक्तियों को स्क्रैप्ड मारुति सुजुकी कारों के चैसी नंबरों के साथ छेड़छाड़ करके पंजाब और अन्य राज्यों के ग्राहकों को वैध वाहनों के तौर पर रजिस्टर्ड करवा के बेचने के दोष में गिरफ्तार किया है.
गिरफ्तार किये गए व्यक्तियों की पहचान राजपाल गोयल (पुनीत गोयल के पिता), जसप्रीत सिंह उर्फ रिंकू (मास्टरमाइंड और कार डीलर) दोनों निवासी मानसा और नवीन कुमार (आरटीए एजेंट) बठिंडा के तौर पर हुई है. इसके इलावा पुलिस ने मालिक पुनीत गोयल के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस ने 40 कारें भी बरामद की हैं जिनमें आठ सियाज, दो स्विफ्ट, आठ स्विफ्ट डिजायर, चार बलेनो, तीन ब्रीजा, 10 ऑल्टो के10, दो सेलेरीयो और एक-एक अर्टिगा, एस-क्रास और इगनिस शामिल हैं.
डीआइजी गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि आगे वाली पेपर ट्रेल की गहराई से जांच करने पर यह बात सामने आई है कि यह 87 वाहन जिनके चैसिज नंबर एजेंसी स्क्रैप करने से पहले मिटा दिए गए थे, जिससे वह आगे इस्तेमाल न किये जा सकें. यह वाहन पंजाब और अन्य राज्यों के अलग-अलग आरटीए दफ्तरों में काम करते व्यक्तियों की मिलीभगत के साथ जालसाजी करके वैध वाहनों के तौर पर रजिस्टर्ड किये गए थे. उन्होंने कहा कि अलग-अलग आरटीए दफ्तरों के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है. फिलहाल इसकी जांच की जा रही है. साथ ही बाकी बची कारों को भी बरामद करने की कोशिश हो रही है.
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