जैनोली से क्षेत्र पंचायत सदस्य त्रिभुवन फर्त्याल ने उठाया ग्रामीणों की समस्याओं को , डीएम् को भेजा ज्ञापन
न्यूज़ डेस्क , रानीखेत ( nainilive.com )- जैनोली से क्षेत्र पंचायत सदस्य त्रिभुवन फर्त्याल ने भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड श्रम विभाग द्वारा मजदूरों के हितों के लिए चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से ग्रामीणों के वंचित रहने का मामला उठाया है. जिलाधिकारी अल्मोड़ा को प्रेषित ज्ञापन में उन्होंने मांग की है की इन योजनाओं का समुचित लाभ ग्रामीणों को मिल सकें। आज रानीखेत में उपजिलाधिकारी रानीखेत को सौंपे ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने असंगठित क्षेत्र के मजदूर एवं ग्रामीणों की इन योजनाओं को लेकर सामने आ रहीं व्यवहारिक दिक्कतों को सामने रखा।
अपने ज्ञापन में उन्होंने कहा की “भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड श्रम विभाग द्वारा असंगठित क्षेत्र के दैनिक मजदूरों हेतु उनके पाल्यों की शिक्षा को प्रोत्साहन (वजीफा), पुत्रियों के विवाह, श्रमिक का जीवन बीमा, बीमारी की दशा में मुफ्त इलाज के अतिरिक्त मजदूरों की कार्यकुशलता के अनुरूप कौशल विकास हेतु उपकरण जैसी अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, किंतु जिस प्रकार से जनपद स्तर संबंधित विभाग में स्टाफ की बेहद कमी एवं अन्य कतिपय कारणों से समाज का बहुत बड़ा तबका विशेषकर ग्रामीण अंचलों में दैनिक मजदूरी कर अपना जीवन यापन करने वाले कई श्रमिकों का विभाग में पंजीकरण कराने में मशक्कत करने के बावजूद पंजीकरण की जटिलता के कारण सफलता नहीं मिल रही हैं। मनरेगा जैसी योजना में मजदूरी करने वाले ही पंजीकृत करने की बात कही जा रही है, वह बेहद आपत्तिजनक हैं जब बोर्ड का नाम ही “भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड” हैं यह विरोधाभास आश्चर्यचकित करता हैं,क्योंकि ग्रामीण अंचलों की आबादी का बड़ा हिस्सा स्थानीय स्तर पर होने वाले भवन निर्माण कार्यों एवं अन्य निजी निर्माण कार्यों में मजदूरी कर जैसे-तैसे अपना एवं परिवार का भरण पोषण कर रहा हैं।
उक्त विभाग में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को पंजीकृत करवाना नितांत आवश्यक हैं जिससे कि अधिक से अधिक दैनिक मजदूरों को संबंधित विभाग द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं में लाभ मिल सके। महोदय आपके संज्ञानार्थ अवगत करवाना हैं कि पूर्व में पंजीकृत ऐसे कई कर्मकार हैं जो कि जिले के दूरस्थ अंचलों में निवास करते हैं एवं आर्थिक स्थिति दयनीय होने की कारण जिला मुख्यालय आकर पुनः पंजीकरण करवाने में असमर्थ हैं, साथ ही ऐसे भी श्रमिक हैं जिनका पंजीकरण तो हो चुका है किंतु ऑनलाइन की सूची में नाम न होने के कारण योजनाओं के लाभ प्राप्त करने से वंचित होने को मजबूर हैं। जबकि मा० प्रधानमंत्री जी से लेकर प्रदेश के मा०मुख्यमंत्री जी द्वारा भी आत्मनिर्भर रहकर ग्रामीण अंचलों में रोजगार की बात को प्रमुखता से कहा जा रहा हैं।
मान्यवर अभी हाल में राज्य सरकार द्वारा कोरोनावायरस महामारी को दृष्टिगत रखते हुए श्रमिकों को राशन किट एवं आर्थिक सहायता पूरे प्रदेश के 95 विकास खंडों में वितरित किए गए, विकासखंड ताड़ीखेत में भी राज्य सरकार संबंधित विभाग द्वारा भी मात्र लगभग 450 राशन किट ही उपलब्ध करवाए गए, जबकि श्रम विभाग द्वारा जारी सूची के अनुसार भी विकासखंड ताड़ीखेत में हजारों श्रमिक पंजीकृत हैं, मान्यवर उक्त राशन किटों एवं आर्थिक मदद से वंचित श्रमिक खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त संबंधित विभाग द्वारा भी स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों को सूचना का पारेषण नहीं किया जाना बेहद आपत्तिजनक हैं।“
ज्ञापन देने वालों में खजान बिष्ट,पंकज कांडपाल, चेतन सिंह रावत, इंदर राम, जगदीश सिंह बिष्ट ,गौरव फर्त्याल, हेमंत अधिकारी,पुष्कर बेलवाल,नीरज एवं पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित रहे ।
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labour department sabse kamjor hai,,,,,,,