उत्तराखंड के गौरव प्रसिद्ध कवि मोहन चन्द्र जोशी का व्याख्यान ऑनलाइन आयोजित

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नैनीताल ( nainilive.com )- कुमाऊं विश्वविधालय के विजिटिंग प्रोफेसर निदेशालय तथा एलुमनी सेल द्वारा उत्तराखंड के गौरव प्रसिद्ध कवि मोहन चन्द्र जोशी का व्याख्यान ऑनलाइन आयोजित किया गया । मोहन जोशी द्वारा प्रकृति तथा मानव पर सुंदर रचनाएं प्रस्तुत की । जोशी ने कहा कि प्रकृति में सुबह का समय श्रेष्ठ है ।हम सभी को प्रकृति का संरक्षण करना होगा । गरुड़़ बैजनाथ निवास मोहन जोशी पूर्व में प्रकाषक/सम्पादक- बैजनाथ दैनिक समाचार पत्र के साथ हिन्दी एवं कुमॉंऊनी भाषा में कविताओं का विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में प्रकाषन और आकाशवाणी अल्मोड़ा से सन् 1989 से प्रसारण,कुमाऊवाणी से प्रसारण कर चुके है । विभिन्न काव्य गोष्ठियों, कवि सम्मेलनों में प्रतिभाग के साथ गढ़वाल हितैषिणी सभा द्वारा गढ़वाल भवन दिल्ली में आयोजित कवि सम्मेलन में श्रीमती सुषमा स्वराज, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सम्मानित किया गया तो वही कुमाऊनी/गढ़वाली कवि सम्मेलनों में श्रीनगर गढ़वाल, ऋशिकेष, देहरादून, कुरूक्षेत्र(अम्बाला) और उत्तरायणी कवि सम्मेलन बरेली, गजरौला, हल्द्वानी और उधमसिंह नगर, ज्योलीकोट,मानिला,बागेष्वर आदि में प्रतिभागिता कर चुके है ।उनकी प्रसिद्ध कृति-थुपुड़ ‘ कुमाउंॅनी काव्य संकलन , -हुक धैंरे ‘ कुमाउंॅनी काव्य संकलन 2013 , केवल आपके लिए’ हिन्दी काव्य संकलन2014 ,-मोहन-गीता ‘ कुमाउंॅनी गीतों का संकलन 2014 ,-कुमाउंॅनी श्रीरामचरितमानस क् पंॅचु सोपान सुन्दरकाण्ड2014 ,कुमाउंॅनी श्रीमद्भगवद् गीता भावानुवाद प्रथम संस्करण-2014 द्वितीय संस्करण-2020 ,आत्मा से आत्म-कत्थ – नमन् केएन (हिन्दी) 2014 ,कुमाउंॅनी-कामायनी- 2014 (भावानुवाद) , -कुमाउंॅनी रामलीला नाटक 2014 ,क धैं ‘ कुमाउंॅनी काव्य संकलन 201,- वीर शहीद,अमर क्रान्तिकारी और परमवीर सोमनाथ-गाथा(छन्दबद्ध कुमाउंॅनी काव्य-खण्ड) 2016 ,मोहन-गीत ‘ हिंदी काव्य संकलन 2020
,झलक’ कुमाउंॅनी काव्य संकलन 2020 ,-मोहन-ग़ज़ल ‘ 2020
,- कुमाउंॅनी श्रीरामचरितमानस (गोस्वामी तुलसीदास कृत श्रीरामचरितमानस का कुमाउंॅनी भावानुवाद) , (ऋग्वेद कुमाऊनी भावानुवाद ) प्रथम भाग 2022 ,गरुड़ पुराण ( कुमाउनी भावानुवाद) – 2023 ‘ शिव क् ब्या ‘ ( कुमाउनी खण्ड काव्य – 2023 ), .ऋग्वेद कुमाऊनी भावानुवाद ) द्वितीय भाग 2023 ,ऋग्वेद कुमाऊनी भावानुवाद ) तृतीय भाग 2024
है ।

मोहन चन्द्र जोशी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर शोध भी किया जा चुका है जिसे शोधकर्ता- मंजू उपाध्याय (सन् 2012) ने पूर्ण किया गया । मोहन जोशी को कई पुरस्कारों से सम्मानित ही चुके है । मोहन जोशी ने अपने व्याख्यान में कहा कि पहाड़ का पर्यावरण भी अब सुरक्षित नहीं है चिड़ियों की संख्या कम हो रही है तापक्रम बढ़ रहा है हमारा सामाजिक जीवन एवं परिवेश बदल रहा है तथा हमें अहम की तरफ बढ़ रहे है ।पीने का पानी ,स्वच्छ हवा मिले ये हमारा उद्देश्य है । उन्होंने कुमाऊनी कविता के साथ देश भक्ति कविता का पाठ भी किया।

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कार्यक्रम का संचालन निदेशक विजिटिंग प्रोफेसर तथा महासचिव एलुमनी सेल प्रॉफ ललित ने किया । एलुमनी सेल के अध्यक्ष डॉ बहादुर सिंह कालाकोटी ने सभी का स्वागत किया । कार्यक्रम में कुलसचिव डॉ मंगल सिंह मंद्रवाल ,डॉ लज्जा भट्ट ,डॉ ललिता जोशी , डॉ हेम दुबे ,डॉ पीसी पंत , डॉ सर्वेश सुयाल , हेमंत बिष्ट ने भी विचार रखे। कार्यक्रम में 60 प्रतिभागी शामिल रहे । कार्यक्रम में डीन प्रॉफ चित्र पांडे ,,डॉ ललिता जोशी ,हेमंत बिष्ट ,डॉ युगल जोशी , भूपेंद्र सिंह ,डॉ नवीन पांडे ,प्रकाश पांडे ,डॉ प्रकाश पाठक , आशुतोष जोशी ,डॉ हेम , प्रॉफ रमेश जोशी ,प्रॉफ नीलू ,प्रॉफ सुषमा ,टम्टा ,डॉ संतोष उपाध्याय ,डॉ पैनी जोशी , डॉ नंदन बिष्ट , ,डॉ नवीन पांडे , डॉ संदीप मंडोली , डॉ शशि पांडे ,योगेश चंद्र ,सुमिता ,सुनील दत्त ,संगीता , डॉ लज्जा भट्ट , डॉ कुलभूषण , डॉ कृष्ण ,डॉ नंदन मेहरा , डॉ रूबी सिंह ,आदि शामिल रहे ।

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