चायनापीक को टाइम पर ट्रीटमेंट की जरूरत
नैनीडेस्क , नैनीताल ( nainilive.com )- ऊंचे गगनचुम्बी पर्वत देखने में बेशक विशाल नजर आते हों पर हकीकत ये है कि इतने बलसाली नही होते, जो खुद को बिखरने से रोक सकें। नैनीताल नगर के माथे का मुकुट कहे जाने वाले चायना पीक भी इस हकीकत से अछूती नही। अब इसके दरकने का सिलसिला शुरू हो गया है। पिछले पांच महीनों के दौरान इसे दो बार दरकते हुए देखा जा चुका है। मगर अब इसके ऊपरी सिरे में दरार आना इसके ट्रीटमेंट का संकेत है। जिसे समय रहते किया जाना बेहद जरूरी हो चला है। करीब 2600 मीटर की ऊंचाई वाली इस चोटी के निचले भाग से भूस्खलन के सालों से चला आ रहा है। नब्बे के दशक में कई बार भूस्खलन हुआ। लिहाजा अब जो फिर से भूस्खलन के बाद इसकी चोटी में आई दरार को वक़्त रहते ठोस प्रयास किये जाने की सख्त जरूरत है।
ट्रीटमेंट इतना आसान भी नही चायना की चोटी का
नैनीताल: भुरभूरी मिट्टी के साथ रेत का पहाड़ होने के कारण इसका जीर्णोद्धार आसान काम नही है। इसके लिए अत्याधुनिक तकनीक अपनानी होगी, वंही खर्चा भी कंही अधिक करना होगा।
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