असर कोरोना का: ऑनलाइन पद्धति के उदय ने शिक्षा को दी नई दिशा – 30 फीसद बदल जाएगा शिक्षा का स्तर

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रमेश चंद्रा , नैनीताल ( nainilive.com )- ये कल्पना से परे था कि कोरोना जैसी प्राणघातक बीमारी शिक्षा को नई दिशा दे जाएगी। नई दिशा बेहतरी की राह दिखाता है और आधुनिक शिक्षा का मार्ग प्रसस्त करता है। शिक्षा का यह स्तर वैश्विक है, जो वास्तव में बच्चों का भविष्य को बेहतर संवारेगा। लॉकडाउन से स्कूलों के बंद होने के बाद ऑनलाइन शिक्षा शुरू ही गई है। घर में रहकर शिक्षक व शिष्य शिक्षा ग्रहण कर रहे है। ऑनलाइन को शुरू हुए अभी 10 दिन भी पूरे नही हो पाए हैं और इसके अनेक लाभ नजर आने लगे हैं। सबसे बड़ा फायदा पेरेंट्स को है। वो जान सकते हैं कि  उनके बच्चे के स्कूल की पढ़ाई का स्तर कैसा है। उनका बच्चा कितना समझ पा रहा है या नही।  बच्चे की क्षमता के साथ वह खुद बच्चे को बहुत कुछ बता सकते है। ये तय है कि अभिवावक  अपने  बच्चे का बखूबी  आंकलन कर सकते हैं। ये ऑनलाइन पढ़ाई का एक पक्ष है, दूसरा पक्ष इससे कंही अधिक सुविधाजनक नजर आता है। बच्चे छुट्टियों में भी  अपने टीचर से जुड़ सकते हैं, और न समझ आने वाले सवालों को जान सकते हैं। ऑनलाइन सुविधा का सबसे बड़ा लाभ प्रतियोगिताओं के आयोजन में लिया जा सकता है। इस बारे में पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार के शिक्षक डॉ माधव त्रिपाठी कहते हैं कि मंच में होने वाली अंतरविद्यालय कई प्रकार की प्रतियोगताओं का आयोजन ऑनलाइन के जरिये किया जा सकता है। इससे बच्चों का एक स्कूल से दूसरे स्कूल आने जाने का समय बचेगा, साथ ही तैयारी का अधिक अवसर मिलेगा।

लेखक रमेश चंद्रा ,नैनीताल, वरिष्ठ पत्रकार हैं , और साथ ही विज्ञान एवं एस्ट्रोफिजिक्स एवं स्पेस साइंस के फील्ड में लेखन में इनका अच्छा दखल है. इनके एस्ट्रोफिजिक्स के क्षेत्र में लिखे कई लेख नामी समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं.

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