राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, हल्द्वानी ने किया नारद जयंती के अवसर पर वर्चुअल पत्रकार गोष्ठी का आयोजन
न्यूज़ डेस्क , हल्द्वानी ( nainilive.com )- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, हल्द्वानी के प्रचार विभाग द्वारा नारद जयंती के अवसर पर विचार गोष्ठी का आयोजन वर्चुअल ज़ूम एप्प के माध्यम से किया गया, जिसमे वर्तमान राष्ट्रीय व सामाजिक परिप्रेक्ष्य में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता एवं पत्रकारों की भूमिका विषय पर पत्रकारों ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम में प्रिंट , इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं ऑनलाइन मीडिया से जुड़े पत्रकारों सहित लेखक एवं स्तम्भकारों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के अध्यक्षीय सम्बोधन में वरिष्ठ लेखिका व कवियत्री आशा शैली ने अपने विचार रखते हुए महर्षि नारद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके सभी क्रियाकलापों को संसार के हित व जनहित में बताया। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग महर्षि नारद को आपस मे लड़ाने वाला व चुगलखोर कहते हैं लेकिन महर्षि नारद के कृत्यों के पीछे लोक कल्याण की भावना होती थी। उन्होंने कहा कि पत्रकार समाज की समस्याओं को दर्पण की तरह प्रस्तुत करते हैं वही साहित्यकार अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज की समस्याओं का चित्रण करते हैं। दोनों का उद्देश्य जनहित होता हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को ध्यान रखना चाहिए कि समाचारों में सकारात्मकता व सार्थकता हो, जो अत्यंत आवश्यक हैं।
हिंदुस्तान समाचार पत्र के उपसंपादक सुमित जोशी ने विश्व के प्रथम पत्रकार महर्षि नारद के बारे में विषय रखते हुए कहा कि नारद सृष्टि के प्रथम पत्रकार थे, जो अपनी पत्रकारिता से सृष्टि के संचालन में मदद करते थे लेकिन दुर्भाग्य का विषय हैं कि पत्रकारिता के पाठ्यक्रमों में कही भी नारद का उल्लेख नहीं हैं। महर्षि नारद सभी विधाओं के जानकार थे। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को नारद की तरह हमेशा ज्ञान अर्जित करते रहना चाहिए। महर्षि नारद समस्याओं के समाधान के लिए सूचना के प्रचारक के रूप में कार्य करते थे। पत्रकारों का मुख्य कार्य भी समाचारों के माध्यम से समस्याओं का समाधान करवाना ही हैं।
न्यूज़ 18 के कुमाऊँ ब्यूरो प्रमुख शैलेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि पत्रकारों की भूमिका समाज में हमेशा से ही महत्वपूर्ण रही हैं, तथा पत्रकारों ने समाज को दिशा देने का कार्य किया हैं। नेगी ने इमरजेंसी काल को पत्रकारिता का दुष्कर दौर बताते हुए कहा कि तब निष्पक्ष पत्रकारिता व पत्रकारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, तथा अनेक पत्रकारों ने अनेक यातनाएं सहते हुए जेल की यातनाएं भी सही। वर्तमान कोरोना काल भी देश के लिए एक कठिन दौर हैं लेकिन यह अच्छी बात हैं कि इस समय पत्रकारिता को जरूरी सेवाओं में शामिल किया गया हैं। उन्होंने कहा कि समाज पत्रकारों का सम्मान करता हैं तथा उनसे अपेक्षा रखता हैं कि वह उनकी समस्याओं को उठाकर उनका समाधान करवाये। यह पत्रकारों की जिम्मेदारी हैं कि वह समाज की समस्याओं को उजागर कर उनका समाधान करवाये।
खबर पहाड़ डॉट कॉम के संपादक दिनेश पांडे ने कहा कि पत्रकारों को महर्षि नारद जी के जीवन से सीख लेकर सच को उजागर करना चाहिए लेकिन इस बात का ध्यान रखना जरूरी हैं कि प्रोपोगंडा न हो। उन्होंने नकारात्मक समाचारों से बचकर सकारात्मक पत्रकारिता अपनाने पर जोर दिया। लेखिका एवं समाजसेवी नमिता सुयाल ने महर्षि नारद जी के प्रसंग सुनाते हुए कहा कि नारद देवता व दानव दोनों के साथ समान भाव से रहते थे तथा जहा पर भी कोई घटना होती थी उस स्थान पर उपस्थित हो जाते थे। घटना के स्थान पर पत्रकार का स्वयं उपस्थित रहना बहुत जरूरी हैं अन्यथा वास्तविक सत्य सामने नहीं आएगा।
सोशल मीडिया एक्टिविस्ट चंद्रशेखर अंडोला ने समाज व देश की घटनाओं को सकारात्मक रूप से सामने रखने की बात कही। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रेस क्लब लालकुआं के अध्यक्ष बीसी भट्ट ने कहा कि महर्षि नारद के सिद्धांतों व विचारों को अपनाकर ही निष्पक्ष पत्रकारिता की जा सकती हैं। उन्होंने सृष्टि के कल्याण में महर्षि नारद के योगदान पर प्रकाश डालते हुए समाज मे पत्रकारों की भूमिका व योगदान के विषय में बताया। उन्होंने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में भी पत्रकारों की सकारात्मक भूमिका रही और साथ ही उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन में भी पत्रकारों की भूमिका व योगदान ने संघर्ष को मंजिल तक पहुचाने का कार्य किया। भट्ट ने वर्तमान काल में सोशल मीडिया के माध्यम से फर्जी व झूठे समाचारों एवं सूचनाओं के प्रसारण पर भी चिंता जताते हुए एवं उसके नकारात्मक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ही सूचनाओं व समाचारों का सबसे ज्यादा प्रामाणिक माध्यम हैं तथा आज उसके सामने भ्रामक व झूठे समाचारों से मुकाबला कर सत्य को सामने लाने की चुनौती भी हैं।
कार्यक्रम के समापन व्यक्तव्य में बोलते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग कार्यवाह रमेश ओली ने कहा कि समाज की दशा व दिशा को तय करने में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पौराणिक कहानियां-कथाएं जहा समाज को जोड़ने का कार्य करती थी वही वर्तमान में मीडिया में दिखाए जाने वाले कार्यक्रम आपस में शंका उत्पन्न करने व समाज को कमजोर करने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकार स्वयं को पीछे रखते हुए सत्य को सामने रखता हैं। पत्रकार अपनी पत्रकारिता से समाज की समस्याओं को ठीक करने की शक्ति रखता हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को कभी भी अपने कर्तव्य से भटकाव होने पर महर्षि नारद को पढ़ना चाहिए जो उन्हें पुनः उनके कर्तव्यपथ पर ले आएगा। कार्यक्रम का संचालन करते हुए जिला सह प्रचार प्रमुख एडवोकेट प्रदीप लोहनी ने महर्षि नारद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए 30 मई 1826 को प्रकाशित प्रथम हिंदी समाचार पत्र “उदन्त मार्तण्ड” व पत्रकारिता दिवस का वर्णन करते हुए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता की भूमिका को रखते हुए समाज मे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा किये जा रहे कार्यो के विषय में भी जानकारी दी।
कार्यक्रम में प्रिंट , इलेक्ट्रॉनिक एवं वेब पोर्टल के पत्रकारों सहित सोशल मीडिया से भी अनेक लोग उपस्थित रहे। जिनमें प्रमुख रूप से नवीन दत्त बघोली, मनोज भट्ट, तरेंद्र बिष्ट, गीता भट्ट, विनय विद्यालंकार, डॉ0 एन0 सी0 जोशी, डॉ0 नीलाम्बर भट्ट, डॉ0 सूर्यभान सिंह, कैलाश पांगती, सुरेश पाठक, गिरीश काण्डपाल, कमल किशोर, बृजेश बनकोटी, उमेश शाह, राहुल जोशी, सूरज प्रकाश, विकास, चंद्रशेखर भट्ट, विनीत टंडन, दीपक राठौर, कमलेश त्रिपाठी, तनुज गुप्ता, किशन सिंह, अखिलेश वर्मा, आदित्य चौधरी, उमेश चुफाल,शुभम भंडारी, हिमांशु पांडे सहित अनेक लोग उपस्थित थे।
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