राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने नारद जयंती के अवसर पर आयोजित किया वर्चुअल पत्रकार मिलन कार्यक्रम का आयोजन

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न्यूज़ डेस्क , नैनीताल ( nainilive.com )- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नैनीताल जिला द्वारा नारद जयंती के अवसर पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन वर्चुअल ज़ूम एप्प के माध्यम से किया गया , जिसमे कोरोना काल में पत्रकारिता की दशा एवं दिशा विषय पर पत्रकारों ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम में प्रिंट , इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं ऑनलाइन मीडिया से जुड़े पत्रकारों सहित लेखक एवं स्तम्भकारों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के अध्यक्षीय सम्बोधन में प्रख्यात एवं प्रसिद्ध पर्यावरणविद , इतिहासकार एवं लेखक प्रो अजय सिंह रावत ने अपने विचार रखते हुए वर्तमान समय की पत्रकारिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा की पहले हम समाचार पत्रों को समाज का दर्पण कहते थे , सूचनाओं का भण्डार कहते थे , और समाचार पत्र एक वाच डॉग की भाँती कार्य करता था , लेकिन वर्तमान पत्रकारिता में ज्ञान का स्तर समाप्त होते जा रहा है , और ओपिनियन मेकिंग ज्यादा बनता जा रहा है। उन्होंने विस्तार से पत्रकारिता के इतिहास पर बोलते हुए कहा की 1789 की फ्रांसीसी क्रान्ति की शुरुआत पत्रकारों एवं दार्शनिकों द्वारा ही की गयी थी , एवं पत्रकार की इस क्रान्ति के प्रणेता थे। पत्रकारों ने ही जनता को चेताया वहीँ दैनिक आज और जागरण का देश की आजादी में विशेष योगदान रहा था। वहीँ उन्होंने कहा की पहले के अखबारों में प्रेरक घटनाएं दी जाती थी , जबकि वर्तमान में समाचारों में नकारात्मकता ज्यादा दिखाई जाती है। वहीँ कोरोना काल में पत्रकारिता में भी बड़े परिवर्तन आये हैं , जिसका सीधा दुष्प्रभाव पत्रकारों पर भी पड़ा है। उन्होंने जर्नलिस्ट इनफार्मेशन फटीग विषय को रखते हुए बोला की आज कैसे पत्रकार मानसिक थकान , स्मृति ह्रास आदि समस्याओं से जूझ रहे हैं। वहीँ उनके पास इतनी अधिक जानकारी आ रही है , की वह स्वयं में नहीं समझ पा रहे हैं , की किसे न्यूज़ के रूप में छापें और किसे नहीं ? वहीँ वर्तमान की पत्रकारिता के विषय में बोलते हुए उन्होंने कहा की आज की पत्रकारिता पश्चिम और चाइना से नियंत्रित हो रही हैं, जिस कारण वास्तविक एवं सकारात्मक मुद्दे सामने नहीं आ पा रहे हैं।

लेखक हेमंत बिष्ट ने विश्व के प्रथम पत्रकार भगवान् नारद जी के बारे में विषय रखते हुए बोलै की वह प्रथम पत्रकार थे , जो अपनी पत्रकारिता से ही विश्व के संचालन में मदद करते थे। आज पत्रकारों को नारद जी की तरह हमेशा ज्ञान अर्जित करते रहना चाहिए। देवताओं के मध्य नारद जी सूचना के प्रचारक के रूप में कार्य करते थे। लोकतंत्र में तो पत्रकार सजग प्रहरी की तरह रहता है। विश्व की बड़ी बड़ी घटनाओं एवं लोकहित के जितने भी कार्य होते हैं , उनमे पत्रकारों का महत्वपूर्ण भूमिका है। भ्रष्टाचारियों को रोकना भी पत्रकारों का कार्य है। आज के पत्रकारों को अपनी शक्तियों को समझना भी जरुरी है। उन्होंने बताया की पत्रकार की पैनी दृष्टि से ही वह भविष्य को संवार सकता है।

प्रसिद्ध कथावाचक एवं यू ट्यूबर आचार्य कैलाश चंद्र सुयाल ने देवर्षि नारद जी के विषय में बोलते हुए कहा की नारद जी देवताओं के भी ऋषि थे। एक योगी के रूप में वह स्थापित थे और विभीन लोकों में घूमते हुए वह ब्रह्मलोक में आये। इसी प्रकार पत्रकार भी योगी की तरह कार्य करते हुए सभी जगह घूमते हुए सूचनाओं का संकलन कर प्रचारित करते हैं।

वरिष्ठ पत्रकार डॉ नवीन जोशी ने पत्रकारिता के इतिहास के बारे में प्रकाश डालते हुए कहा की पत्रकारिता का इतिहास जो हमे पढ़ाया जाता है , वह हमेशा अंग्रेजी की पुस्तकों से अनुवादित कर पढ़ाया जाता है , लेकिन दुर्भाग्य हैं की प्रथम पत्रकार देवर्षि नारद के विषय में कहीं नहीं लिखा गया है। जूलियस सीज़र के एकता डीएनए के प्रथम पत्र को पहला पत्र तो इन पुस्तकों में वर्णित हैं और उन्हें पत्रकारिता के जनक के रूप में जाना जाता है लेकिन सम्राट अशोक के समय के ताम्रा पत्रों में वर्णित बातों का कहीं कोई जिक्र नहीं हैं , आदि पत्रकारिता पर विषय को रखा। अमर उजाला के ब्यूरो चीफ चंद्रेश पांडेय ने विषय रखते हुए कहा की वर्तमान में कोविद के युग में पत्रकारिता करना बड़ा कठिन है। पत्रकारिता की दशा और दिशा तभी ठीक होगी , जब पत्रकार की दशा ठीक होगी। उन्होंने जैसे युद्ध में फौजी लड़ने जाता है तो उसे सामने विपक्षी का पता होता है , लेकिन कोरोना काल में पत्रकार जहाँ एक तरफ तो अदृश्य दुश्मन से लड़ रहे हैं , वहीँ दूसरी तरफ पत्रकारों की गंभीर शोषित हालातों के चलते भी वह मानसिक रूप से अभावग्रस्त हो कर के लड़ रहे हैं। वहीँ कोरोना ने नयी तकनीक व कार्य करने के तरीके के बारे में विचार रखे। दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार रमेश चंद्रा ने पत्रकारों के शोषण एवं आर्थिक स्थिति को लेकर अपने विचार रखे। बेतालघाट से दैनिक जागरण के वरिष्ठ संवाददाता डॉ दीप रिखाड़ी ने पत्रकारिता की कल्याणकारी व्यवस्था के साथ न्यायकारी पत्रकारिता की व्यवस्था के बारे में बताया। वहीँ उन्होंने कहा की आज सरकार ने भी पत्रकारिता को आवश्यकीय सेवाओं में शामिल किया है , इसलिए हमे भी सकारात्मक पत्रकारिता करनी चाहिए। कार्यक्रम में बोलते हुए हिन्दुस्तान के उपसंपादक सुमित जोशी ने पत्रकारों के समक्ष कोरोना काल में उतपन्न आर्थिक संकट का पक्ष रखते हुए कॉरोनकाल में रिपोर्टिंग की चुनौतियों पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अटल पत्रकारिता एवं जनसंचार संस्थान , कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के विभागाध्यक्ष प्रो गिरीश रंजन तिवारी ने नारद जी की पत्रकारिता को प्रेरणादायी बताया , क्योंकि उन्होंने हमेशा सच का साथ दिया। वर्तमान पत्रकारिता को लेकर उन्होंने कहा की पत्रकारों को मौके पर उपस्थित होकर रिपोर्टिंग करनी चाहिए , नहीं तो दूसरे के नजरिये से रिपोर्टिंग होगी, साथ ही पत्रकारिता में निष्पक्षता होनी चाहिए। नारद जी सूचन भी पहुंचाते थे तो समाधान भी करते थे , यह अनुकरणीय है। वहीँ देवभूमि उत्तराखंड में नारद जी का विशेष जुड़ाव विषय को रखते हुए उन्होंने कहा की , उत्तराखंड को नारद जी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त है। उत्तराखंड में कई ऐसे स्थान हैं , जो नारद जी के नाम से जाने जाते हैं। उनकी तपस्थली उत्तराखंड में मौजूद है। बदरीनाथ में एक कुंड है , जहाँ स्नान कर यह माना जाता है , की सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है , उस स्थान को नारद कुंड कहते हैं। उत्तरकाशी में नारद चट्टी नामक स्थान से एक नदी निकलती है , जिसका नाम ही नारद गंगा है , जो आगे जाकर यमुना नदी में मिलती है। वहीँ पत्रकारिता के विषय में बोलते हुए उन्होंने कहा की आज की वर्तमान परिस्थितियों में पत्रकार बगैर किसी हथियार के एक ऐसे युद्ध में उलझे हुए हैं , जिसका कोई अंत नहीं दिखता है और जिस पर विजय पाने का कोई समाधान नहीं दिखता है। आज अधिकतर पत्रकारों को ऐसी जगहों पर खड़े होकर पत्रकारिता करनी पड़ रही है , जहाँ जाने को शायद ही कोई तैयार हो। वहीँ कोरोना में पत्रकारों के कार्य करते हुए पत्रकारों के शहीद होने पर उन्होंने पत्रकारों के परिवारों के साथ समाज के किसी भी वर्ग के साथ साथ सरकार के भी खड़ा नहीं होने पर चिंता एवं दुःख जताया। वहीँ कोरोना काल में फर्जी समाचारों एवं सूचनाओं के प्रसारण पर भी उन्होंने चिंता जताई एवं उसके नकारात्मक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए आग्रह किया की इन नकारात्मक समाचारों को फैक्ट फाइंडिंग कर समाज के सामने पॉजिटिव समाचार लाने चाहिए।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए संघ के नैनीताल विभाग के प्रचारक नरेंद्र जी द्वारा पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ बताया गया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचार विभाग के महत्त्व के विषय में प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा की संघ समाज में बहुत से कल्याणकारी एवं सेवा कार्य करते हैं और इन्ही सेवा कार्यों के प्रसार के लिए प्रचार विभाग का गठन किया गया। इन्ही महत्वपूर्ण कार्यों को मीडिआ के माध्यम से समाज तक पहुंचाने के लिए संघ द्वारा प्रचार किया गया है। वहीँ संघ के विभिन्न कार्यों एवं प्रकल्पों के बारे में भी उन्होंने विस्तार से प्रकाश डाला , जिसमे संघ के सेवा कार्यों के साथ साथ जनजातीय बच्चों के बीच में भी संघ द्वारा शिक्षा व्यवस्था पर उन्होंने विस्तारपूर्वक विषय रखा। कार्यक्रम का संचालन अंचल पंत ने किया।

कार्यक्रम में प्रिंट , इलेक्ट्रॉनिक एवं ऑनलाइन एवं सोशल मीडिया से जुड़े पत्रकारों डॉ नवीन जोशी, चंद्रेश पांडेय , रमेश चंद्र , डॉ दीप रिखाड़ी , सुमित जोशी , शिवांशु पांडेय , कंचन राजपूत , गणेश कांडपाल , अजमल हुसैन , शीतल तिवारी , हिमानी बोहरा , आकांशी मार्मि , डॉ महेंद्र राणा , डॉ रीतेश साह , डॉ भुवन मठपाल , डॉ कृष्णा कुमार टम्टा , डॉ आशुतोष भट्ट , अरुण कुमार साह , चन्दन जोशी , अक्षय कुमार यादव , रामध्यान ठाकुर , हरीश बिष्ट , भूपाल सिंह बिष्ट , रजत कुमार सिंह , महेश अधिकारी , डॉ आशीष बिष्ट, उमेश साह , अंचल पंत , प्रदीप लोहानी, पवन जोशी , मयंक बुधलाकोटी , आदि मौजूद थे।

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